ट्रिस्मस-स्यूडोकैम्प्टोडैक्टिली सिंड्रोम - Trismus Pseudocamptodactyly Syndrome in Hindi

Dr. Pradeep JainMD,MBBS,MD - Pediatrics

October 06, 2020

January 21, 2021

ट्रिस्मस-स्यूडोकैम्प्टोडैक्टिली सिंड्रोम
ट्रिस्मस-स्यूडोकैम्प्टोडैक्टिली सिंड्रोम

ट्रिस्मस-स्यूडोकैम्प्टोडैक्टिली सिंड्रोम क्या है?

ट्रिस्मस-स्यूडोकैम्प्टोडैक्टिली सिंड्रोम (टीपीएस) मांसपेशियों से जुड़ा एक दुर्लभ विकार है जो मुंह, हाथ और पैरों को प्रभावित करता है। इस सिंड्रोम को 'डच-कैनेडी सिंड्रोम' और 'हेचट सिंड्रोम' के रूप में भी जाना जाता है।

इस स्थिति में मांसपेशियां और टेंडन छोटी रह जाती हैं, जिस वजह से जोड़ों का इस्तेमाल खुलकर नहीं किया जा सकता है या दूसरे शब्दों में कहें तो जोड़ों का इस्तेमाल सीमित हो जाता है।

आमतौर पर ऐसा पाया गया है कि टीपीएस वंशानुगत है और यह एमवाईएच8 जीन में उत्परिवर्तन (एक तरह से गड़बड़ी) के कारण होता है। इसके उपचार में सर्जरी और फिजिकल थेरेपी शामिल हैं।

(और पढ़ें - मांसपेशियों की कमजोरी का इलाज)

ट्रिस्मस-स्यूडोकैम्प्टोडैक्टिली सिंड्रोम का संकेत और लक्षण क्या है?

टीपीएस के लक्षण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भिन्न होते हैं, लेकिन इसका सबसे आम लक्षण मुंह की सीमित गतिविधि है, जिसकी वजह से चबाने में दिक्कत हो सकती है। इसके अन्य लक्षणों में शामिल हो सकते हैं:

  • भुजाओं या पैरों की गतिविधि सीमित होना
  • मुठ्ठी बांधना
  • पैर मुड़ा होना (और पढ़ें - क्लब फुट)
  • शरीर की लंबाई कम होना (और पढ़ें - लंबाई बढ़ाने का आसान उपाय)
  • पैरों और हाथों में असामान्यताएं

इस सिंड्रोम से ग्रसित बच्चे अक्सर अपने घुटने और हाथ की उंगलियों के जोड़ों के सहारे चल सकते हैं, जबकि वयस्कता में हाथ की मूवमेंट में कमी आ सकती है।

ट्रिस्मस-स्यूडोकैम्प्टोडैक्टिली सिंड्रोम का कारण क्या है?

टीपीएस वंशानुगत स्थिति है जो एमवाईएच8 नामक जीन में गड़बड़ी के कारण होता है। यह एक ऑटोसोमल डोमिनेंट डिजीज है, जिसका मतलब है कि माता या पिता किसी एक से असामान्य जीन की प्रति पारित हुई है। इस जीन का कार्य हाथ पैर की हड्डी और चेहरे की मांसपेशियों के विकास के लिए शरीर को निर्देश देना है। ज्यादातर आनुवंशिक रोग तब होते है जब जीन की दोनों प्रतियां खराब होती हैं, लेकिन प्रमुख आनुवंशिक विकार तब होते हैं जब असामान्य जीन की एक प्रति बच्चे में पारित हो जाती है।

बता दें, असामान्य जीन या तो माता-पिता से बच्चों में पारित होते हैं या प्रभावित व्यक्ति में जीन में किसी बदलाव का परिणाम हो सकता है। गर्भावस्था के दौरान प्रभावित माता-पिता से संतान में असामान्य जीन पारित होने का जोखिम 50 प्रतिशत होता है।

ट्रिस्मस-स्यूडोकैम्प्टोडैक्टिली सिंड्रोम का निदान कैसे किया जाता है?

आमतौर पर डॉक्टर बच्चे के जन्म के समय टीपीएस का निदान कर सकते हैं। इसके लिए पूर्णरूप से शारीरिक परीक्षण की आवश्यकता होती है। चूंकि यह एक वंशानुगत स्थिति है इसलिए डॉक्टर मेडिकल हिस्ट्री चेक कर सकते हैं।

ट्रिस्मस-स्यूडोकैम्प्टोडैक्टिली सिंड्रोम का इलाज कैसे किया जाता है?

टीपीएस के लिए कोई सटीक इलाज उपलब्ध नहीं है। हालांकि, मांसपेशियों से जुड़े कुछ लक्षणों को ठीक करने के लिए सर्जरी की जा सकती है। डॉक्टर अक्सर टीपीएस से ग्रस्त उन लोगों को फिजिकल थेरेपी और ऑक्यूपेशनल थेरेपी (शारीरिक, संवेदी या संज्ञानात्मक समस्याओं में मदद करने वाली चिकित्सा) का सुझाव देते हैं, जिन्हें चलने या गतिविधि करने में परेशानी होती है।

(और पढ़ें - बढ़ती उम्र में मांसपेशिओं की क्षति को रोकने के आसान उपाय)



ट्रिस्मस-स्यूडोकैम्प्टोडैक्टिली सिंड्रोम के डॉक्टर

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