ट्रेकियोमैलेसिया, श्वासनली से जुड़ा हुआ एक दुर्लभ विकार है। सामान्य रूप से हमारी श्वासनली की बनावट मजबूत और उसकी दीवारें कठोर होती हैं। ट्रेकियोमैलेसिया विकार में इसका उल्टा है, इससे ग्रसित लोगोंं की श्वासनली अपेक्षाकृत कमजोर और परतदार होती है। विशेषज्ञों के मुताबिक गर्भाशय में श्वासनली का ठीक से विकास न हो पाने के कारण बच्चों में यह कमजोरी रह जाती है। इस वजह से दीवारों के टूटने और वायुमार्ग में रुकावट आने का खतरा बना रहता है, जो सांस लेने में तकलीफ का कारण बन सकती है।
वैसे तो यह समस्या गर्भावस्था में बच्चों के अंगों के विकास से जुड़ी हुई है, लेकिन ऐसा भी संभव है कि व्यक्ति में इसका पता बहुत देर से चले। सामान्य रूप से इंटुबेशन या श्वासनली की सूजन के कारण यह समस्या हो सकती है। इंटुबेशन, मुंह या श्वासमार्ग के माध्यम से एक नली डालने की प्रक्रिया को कहा जाता है। इस नली को एंडोट्राइकल ट्यूब (ईटी) के नाम से जाना जाता है। यह ट्यूब उन लोगों को लगाई जाती है, जो सामान्य रूप से सांस लेने में सक्षम नहीं होते हैं। ट्रेकियोमैलेसिया की स्थिति अक्सर 4 से 8 सप्ताह के बच्चों में देखी जाती है। कुछ बच्चों में यह स्थिति हानिकारक नहीं होती है, जबकि कुछ बच्चों में यह खांसी, घरघराहट और निमोनिया जैसी स्थितियों का कारण बन सकती है।
इस लेख में हम ट्रेकियोमैलेसिया के लक्षण, कारण और इलाज के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।