उत्तर प्रदेश के मेरठ में स्वाइन फ्लू के संक्रमितों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। इस जानलेवा वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 81 हो गई है। समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, मेरठ के मुख्य चिकित्सा अधिकरी ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि संक्रमित लोगों में 20 प्रोविंशियल आर्म्ड कांस्टब्युलेरी यानी पीएसी के जवान भी शामिल हैं। हालांकि सीएमओ ने यह भी बताया कि 11 पीएसी जवानों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। बाकी नौ जवानों को आने वाले दिनों में छुट्टी दे दी जाएगी। उन्होंने बताया कि जिले में अभी तक 387 लोगों की स्वाइन फ्लू की जांच की जा चुकी है।
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मेरठ में अब तक आठ की मौत
गौरतलब है कि मेरठ में स्वाइन फ्लू के चपेट में आकर आठ लोगों की मौत हो चुकी है। शहर में स्वाइन फ्लू के प्रभाव और इससे पैदा हुए हालात की जांच के लिए टीम गठित कर दी गई है। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, इस जानलेवा वायरस के मामलों को देखते हुए 29 फरवरी को उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य सेवा निदेशालय की एक टीम ने मेरठ का दौरा भी किया था। इलाके में पहुंचने के बाद टीम ने क्षेत्र का सर्वे किया। प्रशासन का कहना है कि फिलहाल हालात काबू में हैं और अस्पतालों में दवाएं भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं।
स्वाइन फ्लू की चपेट में सुप्रीम कोर्ट के जज
मेरठ में स्वाइन फ्लू के मामले ऐसे समय में सामने आए हैं जब हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों के भी स्वाइन फ्लू के वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी। दरअसल, बीती 25 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूंड़ ने अदालत के कार्यवाही के दौरान बताया था कि उनके पांच साथी जज एच1एन1 से ग्रसित हैं। इसके बाद जस्टिस चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट के वकीलों के टीकाकरण का आश्वसान दिया था।
क्या है स्वाइन फ्लू?
स्वाइन फ्लू एक तरह की संक्रामक बीमारी है, जिसे एन1एन1 वायरस के नाम से भी जाना जाता है। जानकारों के मुताबिक, इस विषाणु के लक्षण बहुत हद तक अन्य फ्लू जैसे ही होते हैं।
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स्वाइन फ्लू एक दशक पहले महामारी के रूप में फैला था। जानकार बताते हैं कि इस वायरस की शुरुआत सूअर से फैले वायरस से हुई थी। इसके बाद यह वायरस एक इंसान से दूसरे इंसान में फैला। अगस्त 2010 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने स्वाइन फ्लू को महामारी घोषित किया था। हालांकि अब एच1एन1 वायरस को एक सामान्य फ्लू वायरस की तरह ही माना जाता है।
स्वाइन फ्लू के लक्षण
स्वाइन फ्लू के प्रभाव में आने के बाद एक से चार दिन में इसके शुरुआती लक्षणों का पता चल सकता है। ये लक्षण एक से दो सप्ताह तक बने रहते हैं। लेकिन अगर कोई व्यक्ति गंभीर रूप से संक्रमित है तो यह अवधि बढ़ भी सकती है। स्वाइन फ्लू के लक्षण इन्फ्लुएंजा वायरस के सामान ही होते है, जैसे-
- बुखार (100 डिग्री फारेनहाइट या इससे अधिक)
- खांसी (आम तौर पर सूखी खांसी का होना)
- नाक बहना
- अत्यधिक थकान महसूस होना
- सिरदर्द होना
स्वाइन फ्लू के बचाव
स्वाइन फ्लू से बचाव के लिए छह महीने से अधिक उम्र के सभी लोगों को टीकाकरण करवाना चाहिए। स्वाइन फ्लू टीकाकरण करवाने से अन्य तीन प्रकार के इन्फ्लुएंजा वायरसों से सुरक्षा मिलती है, ख़ासकर फ्लू संक्रमण सीजन के समय। इसके अलावा भी कुछ उपाय हैं, जिनके जरिये स्वाइन फ्लू से बचाव किया जा सकता है। जैसे-
- अगर कोई व्यक्ति स्वाइन फ्लू से संक्रमित है तो उसे फ्लू ठीक होने के 24 घंटे बाद तक घर में ही रहेना चाहिए
- हाथ धोने की आदत डालें और हाथ धोने के लिए साबुन का इस्तेमाल करें
- खांसते या छींकते समय मुंह और नाक को किसी कपड़े से ढंक लें
- जितना हो सके भीड़ से दूर रहने की कोशिश करें
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