लिवर को डिटॉक्स करने के तमाम वादे किए जाते हैं, जिसमें अहम योगदान कुछ कंपनियों का है, जिसमें सप्लीमेंट्स भी शामिल हैं. इनका कहना है कि लिवर डिटॉक्स के जरिए टॉक्सिन और अशुद्धता को बाहर निकाला जा सकता है, लेकिन ये सब विवादास्पद है, क्योंकि इस बारे में अब तक पुख्ता शोध नहीं मिले हैं. यह जरूर है कि शराब से दूरी बनाकर व ओवर द काउंटर दवाइयों से परहेज जैसे उपाय आजमाकर लिवर को स्वस्थ रखने में मदद ली जा सकती है.

आप यहां दिए ब्लू लिंक पर क्लिक करके जान सकते हैं कि लिवर रोग का आयुर्वेदिक इलाज क्या है.

आज इस लेख में आप जानेंगे कि लिवर को डिटॉक्स कर सकते हैं या नहीं -

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  1. क्या है लिवर डिटॉक्स?
  2. लिवर डिटॉक्स : सच है या मिथक
  3. लिवर डिटॉक्स की जगह लिवर स्वास्थ्य में सुधार लाने के तरीके
  4. सारांश
क्या लिवर को डिटॉक्स कर सकते हैं? के डॉक्टर

लिवर ही शरीर का प्राकृतिक डिटॉक्सीफायर है, जो शरीर से टॉक्सिन को बाहर निकालकर हेल्दी डायजेशन को सपोर्ट करता है. जब लिवर बीमार पड़ जाता है, तो शरीर असरकारी तरीके से टॉक्सिन को बाहर निकाल पाने में असमर्थ हो जाता है. इसके परिणामस्वरूप ही स्किन में खुजली, स्किन का पीला पड़ जाना, स्किन में सूजन, रक्त कोशिकाओं की दिक्कत, थकानमतली और डायरिया जैसी समस्या होने लगती है. अधिकतर मामलों में लिवर डिटॉक्स में निम्न कार्य किया जाता है -

  • लिवर से टॉक्सिन को बाहर निकालने के लिए सप्लीमेंट्स का सेवन
  • लिवर फ्रेंडली डाइट का सेवन
  • खास तरह के भोजन से परहेज
  • जूस पीकर पेट भरना
  • एनिमा के जरिए कोलोन और गट की सफाई

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सच तो यह है यदि लिवर हेल्दी होगा, तो वह खुद ही साफ होता रहता है और यदि लिवर हेल्दी नहीं है, तो वह लिवर डिटॉक्स से भी ठीक नहीं होगा. यदि किसी व्यक्ति को लिवर रोग है, तो उसे सही मेडिकल इलाज और लाइफस्टाइल बदलाव की जरूरत पड़ती है. लिवर डिटॉक्स से स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याएं भी होने का खतरा रहता है, आइए, उसके बारे में जानते हैं -

  • लिवर डिटॉक्स डाइट की मदद में सभी पोषक तत्व नहीं होते हैं, जिसकी एक व्यक्ति के शरीर को जरूरत होती है. समय के साथ इसकी वजह से पोषक तत्वों की कमी हो जाती है. खासकर बच्चों, प्रेगनेंट महिलाओं और मेडिकल कंडीशन वाले लोगों को.
  • इसी तरह लिवर डिटॉक्स के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले एनिमा को ठीक से नहीं लगाया गया, तो यह इन्टेस्टाइन के लिए हानिकारक हो सकता है.
  • जब एक व्यक्ति मेडिकल इलाज की जगह लिवर डिटॉक्स कराता है, तो इससे गंभीर रोग ठीक नहीं होते हैं.

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लिवर डिटॉक्स की जगह बेहतर तो यह है कि लिवर स्वास्थ्य में सुधार लाने के अन्य तरीकों को आजमाने की कोशिश की जाए. शराब का सेवन न करना, फिजूल की ओवर द काउंटर दवाइयों से परहेज और वैक्सीनेशन की मदद से लिवर स्वास्थ्य में सुधार लाया जा सकता है. आइए, विस्तार से लिवर डिटॉक्स की जगह लिवर स्वास्थ्य में सुधार लाने के तरीकों के बारे में जानते हैं -

शराब से दूरी

शराब का सेवन लिवर रोग के लिए जोखिम भरा हो सकता है. यदि किसी को शराब पीने की लत है, तो उसे इसके इलाज के बारे में सोचना चाहिए. साथ ही शराब का सेवन तुरंत बंद कर देना चाहिए.

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ओवर द काउंटर दवाइयों से परहेज

दवाइयों का सेवन उसी मात्रा में किया जाना चाहिए, जितनी मात्रा में लेने की सलाह दी गई हो. खासकर एसिटामिनोफेन (acetaminophen) जैसी दवा लिवर के लिए खतरनाक हो सकती है. इसी तरह कभी भी शराब और ओवर द काउंटर दवाइयों को मिक्स नहीं करना चाहिए.

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वैक्सीनेशन है जरूरी

हर व्यक्ति को हेपेटाइटिस ए और बी का वैक्सीनेशन लेने की सलाह दी जाती है. खासतौर से विदेश यात्रा से पहले तो यह वैक्सीनेशन जरूरी है. 

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सुरक्षित सेक्स

सेक्स से ट्रांसमिटिंग कंडीशन का जोखिम कम रहता है, जो लिवर को प्रभावित कर सकता है. सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन के लिए भी नियमित रूप से जांच कराते रहना चाहिए.

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सही डाइट का सेवन

पेस्टिसाइड मुक्त सब्जियों और फलों का सेवन ही सही है. साथ ही खूब सारा पानी पीना भी उतना ही जरूरी है.

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नियमित एक्सरसाइज

हेल्दी लिवर के लिए भी नियमित रूप से एक्सरसाइज बेहद जरूरी है. इसके साथ ही न तो कम वजन सही है और न ही बढ़ता वजन, हेल्दी वजन में एक्सरसाइज की मदद ली जा सकती है.

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लिवर डिटॉक्स के बारे में कई तरह की बातें की जाती हैं, जबकि इसे अब तक कोई भी शोध साबित नहीं कर सका है. यदि लिवर हेल्दी नहीं है, तो कितने भी उपाय कर लिए, वह लिवर डिटॉक्स से भी ठीक नहीं होगा. हां, यह जरूर है कि सीमित मात्रा में शराब का सेवन और वैक्सीनेशन की मदद से लिवर को हेल्दी जरूर रखा जा सकता है. बेहतर तो यह होगा कि हेल्दी लिवर के लिए डॉक्टर की सलाह पर ध्यान दिया जाए.

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