योग शरीर को स्वस्थ रखने और मन को शांत रखने में मदद करता है. इसके अलावा, योग करने से कई बीमारियों से भी छुटकारा मिल सकता है. यहां तक कि योग से किडनी की पथरी का इलाज भी किया जा सकता है. किडनी में पथरी बनने का मुख्य कारण किडनी में ज्यादा मात्रा में यूरिया और कैल्शियम इकठ्ठा होना है. भुजंगासन व पवनमुक्तासन ऐसे याेगासन हैं, जिनकी मदद से किडनी की कार्यप्रणाली को बेहतर किया जा सकता है.

आज लेख में हम किडनी की पथरी से राहत दिलाने वाले योगासनों के बारे में जानेंगे -

(और पढ़ें - पथरी के घरेलू उपाय)

  1. किडनी की पथरी में फायदेमंद योगासन
  2. सारांश
किडनी में पथरी के लिए योग के डॉक्टर

शरीर में मेटाबॉलिक और डाइटरी असंतुलन की वजह से किडनी की पथरी की समस्या हो सकती है. इसकी वजह से पूरे शरीर में फ्लूइड और एसिड बैलेंस भी बिगड़ जाता है. ऐसे में भुजंगासन व धनुरासन करने से फायदा हो सकता है. यहां हम स्पष्ट कर दें कि योग के जरिए किडनी में बनी पथरी को बाहर निकालना संभव नहीं है. साथ ही इस संबंध में वैज्ञानिक शोध भी कम ही उपलब्ध हैं. योग सिर्फ किडनी की कार्यप्रणाली को बेहतर कर सकता है, ताकि इस समस्या से जल्द ठीक होने में मदद मिल सके. आइए, किडनी के लिए फायदेमंद योगासनों के बारे में विस्तार से जानते हैं -

उत्तानपादासन

उत्तानपादासन को करने से शरीर को कई प्रकार के लाभ मिलते हैं. यह आसन पेट के निचले हिस्से, कमर और पैरों को मजबूत करने में मदद करता है. मांसपेशियों को सिकुड़ने से बचाता है, जिससे मांसपेशियां मजबूत होती हैं. इससे किडनी और दिल को अच्छी तरह से काम करने में मदद मिलती है.

(और पढ़ें - पथरी में परहेज)

UTI Capsules
₹716  ₹799  10% छूट
खरीदें

पवनमुक्तासन

पवनमुक्तासन को करने से पथरी की वजह से किडनी में होने वाले दर्द को कुछ कम किया जा सकता है. कुछ मामलों में बेहद छोटे आकार की पथरी को बाहर निकालने में भी ये योगासन फायदेमंद साबित हो सकता है. पवनमुक्तासन को करने से पेट की मांसपेशियां बेहतर होती हैं और रक्त का प्रवाह भी बेहतर तरीके से हो पाता है. साथ ही इसे करने से कब्ज से भी छुटकारा मिल सकता है.

(और पढ़ें - पथरी में कौन-सी सब्जी खानी चाहिए)

भुजंगासन

भुजंगासन को कोबरा पोज भी बोला जाता है, क्योंकि इसे करते समय शरीर की मुद्रा कोबरा जैसी दिखाई देती है. इस आसन को करने से पीठ की मांसपेशियां में सुधार होता है और रक्त का प्रवाह भी बेहतर होता है. इसके अलावा, किडनी की कार्यप्रणाली में भी सुधार होता है. साथ ही यूरिनरी सिस्टम भी बेहतर होता है.

(और पढ़ें - किडनी की पथरी के नुकसान)

धनुरासन

धनुरासन को बो पोज वाली मुद्रा के रूप में जाना जाता है और यह आसन किडनी के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है. यह आसन किडनी के कार्य करने की क्षमता को बढ़ाता है और पथरी के कारण होने वाले दर्द को भी कम कर सकता है. इसे करने से पीठ की मांसपेशियों में लचीलापन बढ़ता है.

(और पढ़ें - किडनी स्टोन में कौन से फल खाएं)

अर्धमत्स्येंद्रासन

अर्धमत्स्येंद्रासन को स्पाइनल ट्विस्ट पोज भी कहा जाता है. किडनी की पथरी की समस्या से छुटकारा दिलाने में सहायक यह योग मोटापे की समस्या में भी फायदेमंद है.

(और पढ़ें - पथरी के दर्द का एक्यूप्रेशर पॉइंट)

Chandraprabha Vati
₹359  ₹400  10% छूट
खरीदें

किडनी खून से वेस्ट को छानकर उसे साफ करने का जरूरी काम करती है. वे यूरिनरी सिस्टम के फंक्शन, हार्मोन संतुलन और शरीर में ब्लड प्रेशर के स्तर को बनाए रखने में भी सहायक है. अर्धमत्स्येंद्रासन व धनुरासन जैसे योग किडनी की पथरी के इलाज में सहायक हैं. योग सिर्फ किडनी की पथरी के दर्द को ठीक करने में नहीं, बल्कि शरीर के अन्य अंगों को भी मजबूत करने में मदद कर सकता है. योग से शरीर की इम्युनिटी भी बढ़ती है. बस ध्यान रहे कि किसी भी योग को खुद से न करें. शुरुआत में इसे योग प्रशिक्षक की देखरेख में ही करें.

(और पढ़ें - पथरी में कौन सी दाल खानी चाहिए)

शहर के योग ट्रेनर खोजें

  1. पूर्वी सिक्किम के योग ट्रेनर
Dr. Smriti Sharma

Dr. Smriti Sharma

योग
2 वर्षों का अनुभव

ऐप पर पढ़ें