किडनी एवं मूत्रपथ के बीच में पथरी होने की वजह से पथरी का दर्द होता है। यह दर्द असहनीय और बेहद तीव्र होता है। मूत्रपथ में पथरी के आकार पर इसका दर्द निर्भर करता है। पथरी के कारण मूत्रपथ में बाधा आने पर मरीज को गंभीर स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। पथरी के दर्द के गंभीर मामलों में ऑपरेशन किया जाता है, जबकि इसके अधिकतर मामलों को सामान्य इलाज के द्वारा ही ठीक किया जा सकता है। इसके इलाज के दौरान पथरी पेशाब के द्वारा धीरे-धीरे बाहर आ जाता है।

पथरी के दर्द होने पर इलाज के कई तरीके मौजूद हैं। आगे जानते हैं पथरी का दर्द क्यों होता है, पथरी का दर्द कैसे व कहां होता है और पथरी के दर्द को कैसे रोकें या दूर करें। 

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  1. पथरी के दर्द में क्या होता है? - Pathri ke dard me kya hota hai
  2. पथरी का दर्द क्यों होता है? - Pathri ka dard kyu hota hai
  3. पथरी का दर्द कैसा और कहां होता है? - Pathri ka dard kaisa aur kaha hota hai
  4. पथरी का दर्द को कैसे रोकें? - Pathri ka dard kaise roken aur dur karen
  5. सारांश

पथरी का दर्द आपके मूत्रपथ में पथरी की वजह से होता है। यह दर्द आपके गुर्दे से मूत्र वाहिनियों तक, मूत्राशय और मूत्रमार्ग में कहीं भी हो सकता है। कैल्शियम और यूरिक एसिड के मिलने से क्रिस्टल रूप में बनने वाली पथरी मूत्र पथ में कहीं भी निर्मित हो सकती है। यह पथरी आकार में काफी भिन्न हो सकती हैं। कई पथरियां काफी छोटी आकार की होती हैं। लेकिन जब पथरी बड़ी होती हैं, तो इनका बड़ा आकार आपके लिए तेज दर्द का कारण बन सकता है। गर्दे से मूत्रपथ के बीच होने वाली पथरी के लिए कई तरह के इलाज मौजूद है। इसके कई मामलों को बिना सर्जरी के भी सही किया जा सकता है।

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मूत्रपथ में रुकावट आने की वजह से पथरी का दर्द होने लगता है। यह मुख्य रूप से मूत्रवाहिनियों में होता है। मूत्रवाहिनियों में पथरी होने के कारण प्रभावित जगह के ऊतकों में खिंचाव आने लगता है। इतना ही नहीं इससे प्रभावित क्षेत्र में सूजन आ जाती है और पथरी के कारण मूत्र के सामान्य प्रवाह में बाधा आने लगती है। पथरी की वजह से मूत्रवाहिनियों में ऐंठन आ जाती है। इस स्थिति में तेज दर्द होता है। पथरी का दर्द कई वजह से हो सकता है। जिन कारणों के प्रभाव के चलते पथरी का दर्द हो सकता है, उनको नीचे बताया जा रहा है।

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इस समस्या को गुर्दे की पथरी का दर्द या पथरी के दर्द के रूप में जाना जाता है। कई लोग इसके दर्द की तुलना बच्चे के जन्म के समय महिलाओं को होने वाले प्रसूति पीड़ा की तरह करते हैं। छोटी व पतली मूत्रवाहिनियों से जब यह पथरी गुजरती हैं तब यह दर्द शुरु हो जाता है। इसकी वजह से मूत्रवाहिनियों में रूकावट आ जाती है, जिसका दबाव गुर्दे पर पड़ने लगता है। इसके प्रभाव से तंत्रिका पर असर होता है और इससे मस्तिष्क को दर्द के संकेत मिलने शुरु हो जाते हैं। पथरी का दर्द किसी भी समय हो सकता है। पथरी के स्थान बदलने से दर्द के स्थान और तीव्रता में भी बदलाव आना शुरू हो जाता है। इसमें आप अपने पीछे की ओर पसलियों के नीचे दर्द महसूस करते हैं। जब पथरी अपनी जगह बदलती है और मूत्रपथ में नीचे की ओर जाती है तो इसके दर्द की तीव्रता आपके पेट के निचले हिस्से और लिंग व जांघों को जोड़ने वाले हिस्से को भी प्रभावित करती है।

पथरी का बड़ा आकार ज्यादा दर्द का कारण होता है। लेकिन दर्द की तीव्रता हर बार पथरी के आकार पर ही निर्भर नहीं करती है। कई बार छोटी पथरी के स्थान बदलने और रूकावट की वजह से भी ज्यादा दर्द हो सकता है।

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पथरी के दर्द का इलाज करने से पहले डॉक्टर आपके दर्द के लक्षण और मूत्रपथ की पथरी के आकार के बारे में जानकारी ग्रहण करते हैं। इसके लिए डॉक्टर पथरी के बढ़ने की स्थिति को जांचने के लिए आपके खून और पेशाब की जांच करते हैं। सीटी स्कैन की मदद से आपके गुर्दे और मूत्राशय संबंधी अंगों में पथरी के आकार के बारे में जाना जाता है।

अगर आपकी पथरी का आकार बढ़ा है तो डॉक्टर आपको निम्न में से किसी एक प्रकार का इलाज बता सकते हैं।

  1. एक्स्ट्राकोर्पोरियल शॉक वेव लिथोट्रिप्सी (Extracorporeal Shock Wave Lithotripsy, ESWL) –
    एक्स्ट्राकोर्पोरियल शॉक वेव लिथोट्रिप्सी में बाहरी स्त्रोत से हाई फ्रीक्वेंसी साउंड वेव्स (High Frequency Sound Waves) का इस्तेमाल किया जाता है। जिसके द्वारा गुर्दे में मौजूद पथरी को छोटे-छोटे भागों में तोड़ा जाता है। इसके बाद यह छोटे-छोटे भाग पेशाब के माध्यम से आपके शरीर से बाहर आ जाते हैं।
     
  2. यूरेटेरोस्कोपी (Ureteroscopy) –
    यूरेटेरोस्कोपी में डॉक्टर आपके मूत्रमार्ग (Urethra) और मूत्राशय में पतले आकार का स्कोप डालकर पथरी को बाहर निकाल देते हैं।
     
  3. परक्यूटेनियस नेफ्रोलिथोटॉमी (Percutaneous Nephrolithotomy, PCNL)परक्यूटेनियस नेफ्रोलिथोटॉमी में मरीज की पीठ से गुर्दे में डाले गए नेफ़्रोस्कोप से पथरी को बाहर निकाला जाता है।  

इसके अलावा डॉक्टर आपको पथरी के दर्द को दूर करने के लिए कुछ दवाएं देते हैं। जिससे पथरी होने की वजह में कमी आती है। इसमें निम्न शामिल हैं-

पथरी के दर्द को रोकने के लिए सही आहार और जीवनशैली आवश्यक है। पर्याप्त मात्रा में पानी पीना, जिससे मूत्र पतला रहता है और पथरी बनने की संभावना कम हो जाती है। इसके अलावा, ऑक्सलेट युक्त खाद्य पदार्थों जैसे पालक, चाय, चॉकलेट, और नट्स का सेवन सीमित करना चाहिए क्योंकि ये पथरी को बढ़ाते हैं । नमक और प्रोटीन का अधिक सेवन भी पथरी की समस्या को बढ़ा सकता है, इसलिए इनका सेवन नियंत्रित मात्रा में करना चाहिए।

पथरी का दर्द क्यूँ होता है? से जुड़े सवाल और जवाब

सवाल लगभग 5 साल पहले

मेरे पापा को पिछले 15 दिन से सर्दी और खांसी है और उनकी नाक भी बह रही है। हमने डॉक्टर को दिखाया था, उन्होंने कहा कि ये लक्षण स्वाइन फ्लू के हो कसते हैं? अब हमें क्या करना चाहिए, कृपया बताएं?

Dr. Ayush Pandey MBBS, PG Diploma , सामान्य चिकित्सा

इसकी पुष्टि करने के लिए आप उनका स्वाइन फ्लू (एच1एन1) टेस्ट करवा लें। 

 

सवाल लगभग 4 साल पहले

क्या स्वाइन फ्लू का वैक्सीनेशन प्रेगनेंसी के दौरान करवाया जा सकता है?

Dr. Ram Saini MD, MBBS , सामान्य चिकित्सा

अगर गर्भवती महिला को स्वाइन फ्लू नहीं है, तो प्रेगनेंसी के दौरान शिशु के लिए एच1एन1 वैक्सीनेशन नहीं दिया जाता है। बच्चे को जन्म के बाद स्वाइन फ्लू के लिए प्रि-वैक्सीनेशन दिया जाएगा। 

सवाल लगभग 5 साल पहले

अगर गर्भवती महिला को स्वाइन फ्लू है, तो क्या उसे एच1एन1 वैक्सीनेशन दिया जा सकता है?

Dr. Haleema Yezdani MBBS , सामान्य चिकित्सा

हां, अगर कोई 8 महीने की गर्भवती महिला है, तो उसे एच1एन1 वैक्सीनेशन तीसरी तिमाही यानी कि 9वें महीने में दिया जाएगा। इस वैक्सीनेशन की वजह से गर्भवती महिला को कई समस्याएं हो सकती हैं जैसे कि गर्भपात या भ्रूण को सांस लेने में दिक्कत हो सकती है।

 

सवाल लगभग 5 साल पहले

अगर किसी गर्भवती महिला को स्वाइन फ्लू है, तो क्या उसके बच्चे को भी यह हो सकता है?

Dr Anjum Mujawar MBBS, MBBS , आकस्मिक चिकित्सा

अगर किसी गर्भवती महिला को स्वाइन फ्लू है, तो डिलीवरी के समय भ्रूण को सांस लेने में दिक्कत हो सकती है या डिलीवरी के बाद निमोनिया जैसी समस्या भी हो सकती है।   

 

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