फुकुयामा कंजेनिटल मस्कुलर डिस्ट्रोफी (एफसीएमडी) एक ऐसी समस्या है जो मांसपेशियों और मस्तिष्क को प्रभावित करती है। इसमें मांसपेशियों को नुकसान पहुंचता है और समय के साथ धीरे-धीरे मरीज की स्थिति बदतर होती जाती है। एफसीएमडी के मामले हल्के, विशिष्ट और गंभीर हो सकते हैं। इसमें जन्म के समय से लक्षण दिखना शुरू हो जाते हैं। फुकुयामा कंजेनिटल मस्कुलर डिस्ट्रोफी से ग्रस्त कई बच्चों की वयस्क होने के कुछ दिनों के अंदर ही हार्ट फेल या सांस लेने में कठिनाई होने की वजह से मौत हो जाती है।
इसमें चेहरे पर मांसपेशियों में कमजोरी आ जाती है, जिसकी वजह से पलको का लटकना और मुंह खुला रहना जैसी दिक्कतें देखने को मिलती हैं। बचपन में मांसपेशियों में कमजोरी और जोड़ों से जुड़ी विकृति की वजह से बच्चे को गतिविधियां करने में दिक्कत आती है और मोटर स्किल्स जैसे बैठने, खड़े होने या चलने में कठिनाई भी हो सकती है। हालांकि कुछ बच्चे बिना किसी सहारे के बैठे रह सकते हैं और फर्श पर घिसट कर आगे बढ़ सकते हैं।