आंध्र प्रदेश के इलुरु में 5 से 11 दिसंबर 2020 के बीच एक अनजान बीमारी की वजह से अब तक 600 से ज्यादा लोग बीमार हो चुके हैं और 1 व्यक्ति की मौत भी हो गई है। इस बीमारी में लोगों के बीच मिर्गी जैसे लक्षण नजर आ रहे हैं जिसमें दौरे पड़ना, दौरे के साथ कन्वल्शन (बदन में ऐंठन और अकड़न होना), बेहोश होना और अस्थायी रूप से याददाश्त खो जाना शामिल हैं। बीमारी का कारण क्या हैं इसको लेकर जो रहस्य बना हुआ है, उसने लोगों के मन में डर पैदा कर दिया है।
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ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एम्स), विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO),आईसीएमआर, द नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, द नैशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल, द नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ न्यूट्रिशन, सेंटर फॉर सेलुलर एंड मॉलिक्युलर बायोलॉजी और द इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी जैसी मेडिकल एजेंसियों की एक्सपर्ट टीम इलुरु में फैली बीमारी के संभावित कारणों की खोज में लगी हैं।
इलुरु में फैली बीमारी का कारण जानने के लिए अब तक विशेषज्ञों ने लैब टेस्ट किए हैं, जिसमें मरीजों के खून की जांच, पेशाब की जांच और सेरिब्रल स्पाइनल फ्लूइड टेस्ट (सीएसएफ) और सीटी स्कैन शामिल हैं। इसके अलावा एक्सपर्ट्स ने इलुरु में स्थानीय स्तर पर पानी के स्त्रोतों की जांच की है ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं पानी दूषित तो नहीं या पानी में किसी तरह के प्रदूषक तत्व तो नहीं हैं। साथ ही पीने के पानी और दूध के सैंपल्स की भी जांच की जा रही है ताकि उसमें हेवी मेटल जैसे- लेड आदि की मौजूदगी है या नहीं इसका पता लगाया जा सके। ब्लीच आधारित कीटाणुनाशक से होने वाले क्लोरीन के असर और फल और सब्जियों पर रह जाने वाले पेस्टिसाइड्स के अवशेषों की भी जांच की है।
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वैसे तो इलुरु में हुई यह रहस्यमयी बीमारी किसी भी उम्र और जेंडर के व्यक्ति को हो सकती है लेकिन इलुरु का वासी होना (चूंकि बीमारी से जुड़े सारे मामले इलुरु के ही हैं) और युवा होना- ज्यादातर मरीज या तो बच्चे हैं या फिर उनकी उम्र 20 से 30 साल के बीच है- इस बीमारी के जोखिम कारक लग रहे हैं। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, यह बीमारी छूने से फैलने वाली या फिर लंबे समय तक रहने वाली (क्रॉनिक) नहीं लग रही।
विशेषज्ञों को अब तक जो शुरुआती जानकारी मिली है या फिर उन्होंने जो संदेह जाहिर किया है उसके आधार पर इस इलुरु आउटब्रेक के लक्षण, संभावित कारण, डायग्नोसिस और इलाज के बारे में हम आपको इस आर्टिकल में बता रहे हैं।