डिस्केरटोसिस कंजेनिटा क्या है?
डिस्केरटोसिस कंजेनिटा (डीसी) बोन मैरो फेलियर का एक दुर्लभ आनुवंशिक रूप है। इस बीमारी में पीड़ित में कुछ असामान्य लक्षण दिखाई देते हैं जैसे अजीब तरह के नाखून (जो पूरी तरह से विकसित न हुए हों), स्किन पिगमेंटेशन (जिसमें त्वचा जालीदार हो जाती है) और ओरल ल्यूकोप्लाकिया (मुंह में सफेद दाग)। इसके अलावा पीड़ित को अप्लास्टिक एनीमिया, माइलोडिस्पाल्टिक सिंड्रोम, ल्यूकेमिया (ब्लड कैंसर) और सॉलिड ट्यूमर होने का जोखिम भी बढ़ जाता है। डिस्केरटोसिस कंजेनिटा से पीड़ित लोगों में जर्मलाइन टेलेमीअर्स बहुत कम होते हैं और लगभग आधे रोगियों में 6 जीन एन्कोडिंग प्रोटीनों में से एक में उत्परिवर्तन (म्यूटेशन) होता है जो टेलेमीअर के फंक्शन को बनाए रखता है।
'एनसीबीआई' की एक रिपोर्ट के अनुसार उचित क्लीनिकल मैनेजमेंट सुनिश्चित करने के लिए इस बीमारी (डीसी) का सटीक निदान करना महत्वपूर्ण है क्योंकि डिस्केरटोसिस कंजेनिटा और बोन मैरो फेलियर के रोगियों का शरीर इम्यूनोसप्रेसिव (इम्यून प्रतिक्रिया को दबाने के लिए इस्तेमाल होने वाली दवाइयां) थेरेपी के प्रति रिस्पॉन्स नहीं देता। साथ ही हेमाटोपोइएटिक स्टेम सेल ट्रांसप्लांट से जुड़ी बीमारियों और मृत्यु दर में भी वृद्धि हो सकती है।
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