कॉर्नियल अल्सर क्या है?
आंख के सामने वाले हिस्से में ऊतकों की एक परत को कॉर्निया (नेत्रपटल) कहा जाता है। कॉर्निया की मदद से ही आंख के अंदर रोशनी जा पाती है। आंख से निकलने वाले आंसू कॉर्निया को बैक्टीरिया, वायरस व फंगी से बचाते हैं।
कॉर्नियल अल्सर एक घाव होता है, जो कॉर्निया में बनता है। यह आमतौर पर इन्फेक्शन के कारण ही होता है। आंख में मामूली सी चोट या खरोंच लगने के कारण या लंबे समय से कॉन्टेक्ट लेंस पहनने के कारण भी आंख में इन्फेक्शन हो सकता है।
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कॉर्नियल अल्सर के लक्षण क्या हैं?
कॉर्नियल अल्सर का पता लगने से पहले आपको आंख में संक्रमण जैसे कुछ लक्षण महसूस हो सकते हैं। इन्फेक्शन के लक्षणों में निम्न शामिल हो सकते हैं:
- आंख में खुजली होना
- आंख में पानी आना
- आंख से मवाद जैसा द्रव आना
- आंख में जलन या चुभन महसूस होना
- आंख लाल या गुलाबी हो जाना
- रोशनी के प्रति अतिसंवेदनशीलता होना
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कॉर्नियल अल्सर के संकेत व लक्षण जिसमें निम्न शामिल हो सकते हैं:
- आंख में सूजन
- आंख में दर्द
- आंख से अत्यधिक पानी आना
- धुंधला दिखाई देना
- कॉर्निया में सफेद दाग दिखाई देना
- पलकों में सूजन आना
- आंख से कीचड़ आना
- रोशनी के प्रति अतिसंवेदनशीलता होना
- आंख में कुछ चले जाने जैसा महसूस होना
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कॉर्नियल अल्सर से संबंधित सभी लक्षण बहुत गंभीर होते हैं, इनका इलाज तुरंत करवाना चाहिए ताकि अंधापन जैसी स्थितियों से बचाव किया जा सके।
कॉर्नियल अल्सर क्यों होता है?
कॉर्नियल अल्सर के ज्यादातर मामले इन्फेक्शन के कारण ही होते हैं, जिनमें मुख्य रूप से निम्न शामिल हैं:
- बैक्टीरियल इन्फेक्शन:
जो लोग कॉन्टेक्ट लेंस लगाते हैं, उनको आंख में बैक्टीरियल इन्फेक्शन के कारण कॉर्नियल अल्सर हो सकता है।
- वायरल इन्फेक्शन:
आंख में वायरल इन्फेक्शन होना भी कॉर्नियल अल्सर का संभावित कारण हो सकता है। इसमें कुछ प्रकार के वायरस जैसे हर्पीस सिम्पलेक्स वायरस (कोल्ड सोर्स पैदा करने वाला वायरस) और वैरिसेला वायरस (चिकन पॉक्स, शिंगल्स पैदा करने वाला वायरस) आदि। (और पढ़ें - चिकन पॉक्स में क्या खाएं) - फंगल इन्फेक्शन:
यह कॉर्नियल अल्सर का सामान्य कारण नहीं है, आंख में फंगल इन्फेक्शन आमतौर पर बाहरी चीज से लगने वाली आंख की चोट आदि के कारण होता है, जैसे टहनी या शाखाओं आदि से आंख में खरोंच आना। इसके अलावा दूषित या ठीक से साफ किए बिना चश्मा पहनने या कॉन्टेक्ट लेंस लगाने से भी फंगल इन्फेक्शन हो सकता है।
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कॉर्नियल अल्सर का इलाज कैसे किया जाता है?
यदि आपको लगता है कि आपको कॉर्नियल अल्सर हो गया है, तो जितना जल्द हो सके आपको आंखों के डॉक्टर के पास चले जाना चाहिए। क्योंकि यदि कॉर्नियल अल्सर का समय पर इलाज ना किया जाए तो देखने संबंधी समस्याएं हो सकती हैं या यहां तक कि प्रभावित आंख की देखने की क्षमता पूरी तरह से खत्म हो सकती है।
यदि डॉक्टरों को लगता है कि किसी प्रकार के बैक्टीरिया के कारण कॉर्नियल अल्सर हुआ है, तो इसका इलाज करन के लिए कुछ प्रकार की एंटीबायोटिक क्रीम दी जा सकती है।
यदि अल्सर कॉर्निया के ठीक बीच में है, तो यह ठीक होने में काफी समय ले सकता है और कॉर्निया में स्कार ऊतक बनने के कारण देखने की क्षमता भी कम हो सकती है। यहां तक की समय पर इलाज शुरू करने के बावजूद भी प्रभावित आंख स्थायी रूप से क्षतिग्रस्त हो सकती है और उसकी देखने की क्षमता भी कम हो सकती है।
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