कंप्यूटर, लैपटॉप, स्मार्टफोन और टैबलेट जैसे उपकरणों पर लगातार घंटों समय बिताने के कारण व्यक्ति की आंखों के साथ ही पूरे दृष्टि तंत्र (विजुअल सिस्टम) पर दबाव बढ़ने लगता है। लंबे समय तक बिना ब्रेक लिए इन डिजिटल स्क्रीन वाले उपकरणों का इस्तेमाल करने के कारण व्यक्ति की आंखों पर जोर पड़ता है, सिरदर्द होने लगता है, आंख और दृष्टि संबंधित कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं और इसे ही कंप्यूटर विजन सिंड्रोम (सीवीएस) कहा जाता है।
मौजूदा समय में कोविड-19 महामारी की वजह से बड़ी संख्या में लोग घर से ही काम कर रहे हैं (वर्क फ्रॉर होम) और बच्चों की पढ़ाई भी घर से ही ऑनलाइन क्लासेज के माध्यम से हो रही है। ऐसे में छोटे बच्चों से लेकर वयस्कों तक सभी का स्क्रीन टाइम बढ़ने की वजह से उनकी आंखों की सेहत पर इसका बुरा असर पड़ रहा है और कंप्यूटर विजन सिंड्रोम के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं। आईकेयर हॉस्पिटल और पीजी इंस्टीट्यूट के एचओडी डॉ सौरभ चौधरी कहते हैं, कंप्यूटर विजन सिंड्रोम एक नई तरह की बीमारी है जो अब ज्यादा सामने आने लगी है जब ज्यादा से ज्यादा लोग कंप्यूटर के सामने बैठकर घर से ही काम कर रहे हैं। आंखों का लाल होना, आंखों में खुजली, जलन, फोकस करने में दिक्कत होना आदि कंप्यूटर विजन सिंड्रोम के कुछ लक्षण हैं।
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एक्सपर्ट्स की सलाह है कि कंप्यूटर विजन सिंड्रोम जैसी समस्याओं से बचने के लिए बेहद जरूरी है कि लगातार और लंबे समय तक स्क्रीन के सामने काम करने वाले लोग 20-20-20 एक्सरसाइज के जरिए आंखों को रिलैक्स करने की कोशिश करें। इसमें हर 20 मिनट में 20 सेकंड के लिए 20 फीट दूर मौजूद किसी चीज पर फोकस करने की कोशिश करनी है। ऐसा करने से आंखों में खून का संचार बेहतर होता है। इसके अलावा कोविड-19 महामारी की वजह से बहुत से मरीज अपनी आंखों का चेकअप करवाने या आंखों की सर्जरी करवाने के लिए भी नहीं जा रहे हैं। इस कारण भी आंखों से जुड़ी समस्याएं बढ़ रही हैं।
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तो आखिर कंप्यूटर विजन सिंड्रोम है क्या, इसके कारण, लक्षण, और इलाज क्या हैं, इस बारे में हम आपको इस आर्टिकल में बता रहे हैं।