क्रोनिक ट्रॉमेटिक एन्सेफैलोपैथी - Chronic Traumatic Encephalopathy in Hindi

Dr. Nabi Darya Vali (AIIMS)MBBS

November 06, 2020

November 06, 2020

क्रोनिक ट्रॉमेटिक एन्सेफैलोपैथी
क्रोनिक ट्रॉमेटिक एन्सेफैलोपैथी

क्रोनिक ट्रॉमेटिक एन्सेफैलोपैथी (सीटीई) मस्तिष्क से जुड़ी एक बीमारी है जो सिर में बार-बार  लगने वाली चोट के कारण होती है। सीटीई की समस्या आमतौर पर फुटबॉल और आइस हॉकी खेलने वाले खिलाड़ियों को होती है। पोस्ट-कनकशन सिंड्रोम और सेकेंड इंपैक्ट सिंड्रोम जैसे सिर से जुड़ी कई प्रकार की चोट का सीटीई से गहरा संबंध हो सकता है।

सीटीई एक दुर्लभ विकार है जिसे अभी तक बहुत अच्छे से समझा नहीं जा सका है। विशेषज्ञ अब भी यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि सिर में कितनी बार चोट लगने, चोट की गंभीरता और अन्य किन कारकों के चलते सीटीई की समस्या हो सकती है? जिन लोगों में सीटीई का निदान होता है उनमें अनुभूति और शारीरिक समस्याओं के साथ भावनात्मक और अन्य व्यवहार से जुड़ी कठिनाईयां हो सकती हैं।

यहां यह समझना आवश्यक है कि सीटीई की समस्या सिर में चोट लगने के तुरंत बाद विकसित नहीं होती है। विशेषज्ञों का मानना है कि बार-बार सिर में लगने वाली चोट के बाद कुछ वर्षों में इसके लक्षण दिखने शुरू हो सकते हैं। अभी तक इसका कोई वि​शिष्ट इलाज उपलब्ध नहीं है।

इस लेख में हम क्रोनिक ट्रॉमेटिक एन्सेफैलोपैथी के लक्षण, कारण और इलाज के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।

क्रोनिक ट्रॉमेटिक एन्सेफैलोपैथी के लक्षण - Chronic Traumatic Encephalopathy Symptoms in Hindi

क्रोनिक ट्रॉमेटिक एन्सेफैलोपैथी का कोई विशेष लक्षण नहीं है। सीटीई के कुछ संभावित लक्षण और संकेतों को कई अन्य स्थितियों में भी देखा जा सकता है। हालांकि, क्रोनिक ट्रॉमेटिक एन्सेफैलोपैथी के कुछ लक्षण हैं, जिसके आधार पर इसकी पुष्टि की जा सकती है।

  • सोचने में कठिनाई (संज्ञानात्मक क्षति)
  • आवेगपूर्ण व्यवहार
  • उदासीनता का अनुभव होना
  • कुछ समय के लिए सब​कुछ भूल जाना
  • कार्यों की योजना बनाने और कार्य करने में कठिनाई
  • भावनात्मक असंतुलन
  • आत्मघाती विचार या व्यवहार

जैसा कि उपरोक्त पंक्तियों में बताया गया है कि सीटीई और कई अन्य स्थितियों के लक्षण एक ही तरह के हो सकते हैं, ऐसे में इसका निदान कर पाना थोड़ा कठिन होता है। इसके अलावा बार-बार चोट लगने के कुछ ​वर्षों और कई बार दशकों में इसके लक्षण देखने को मिलते हैं ऐसे में इसकी पहचान कर पाना और कठिन हो जाता है।

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क्रोनिक ट्रॉमेटिक एन्सेफैलोपैथी का कारण - Chronic Traumatic Encephalopathy causes in hindi

मस्तिष्क पर बार-बार लगने वाली चोट को क्रोनिक ट्रॉमेटिक एन्सेफैलोपैथी का प्रमुख कारण माना जाता है। फुटबॉल और आइस हॉकी खिलाड़ियों के साथ-साथ युद्ध क्षेत्रों में सेवारत सैन्यकर्मियों में यह समस्या सबसे ज्यादा देखने को मिलती है। हालांकि, कई अन्य खेल और कारक जैसे कि शारीरिक शोषण आदि के कारण भी लगने वाली सिर के चोट के चलते भी लोगों को सीटीई की समस्या हो सकती है।

बार-बार लगने वाली मस्तिष्क की चोटों के कारण टाऊ नामक एक प्रोटीन का निर्माण होने लगता है। यही प्रोटीन अल्जाइमर वाले लोगों के दिमाग में पाया जाता है। टाऊ प्रोटीन का निर्माण होना या मस्तिष्क में इसका पाया जाना हर बार बुरा नहीं होता है। मूल रूप से यह मस्तिष्क की कोशिकाओं को स्थिर करने का काम करता है। हालांकि, जब इसका ​निर्माण मस्तिष्क को होने वाली क्षति या अन्य समस्याओं के कारण होने लगता है तो यह समस्याओं का कारण बन सकता है। इस स्थिति में यह धीरे-धीरे न्यूरॉन्स नामक कोशिकाओं को मारने लगता है। इतना ही नहीं यह अन्य कोशिकाओं में भी फैलने लगता है, जिसके कारण मस्तिष्क का कार्य कठिन हो जाता है। यह स्थिति सीटीई को जन्म दे सकती है।

यहां यह भी ध्यान रखना आवश्यक है मस्तिष्क के आघात वाले हर किसी को सीटीई की समस्या हो जाए, यह आवश्यक नहीं है। कई शोधकर्ताओं का मानना है कि चोट के साथ कई अन्य कारक जैसे आनुवंशिकता आदि के चलते भी सीटीई की समस्या हो सकती है। हालांकि, अब तक सिर्फ मस्तिष्क पर लगने वाले चोट को ही इसके कारणों के रूप में पाया गया है।

क्रोनिक ट्रॉमेटिक एन्सेफैलोपैथी का निदान - Diagnosis of Chronic Traumatic Encephalopathy in hindi

वर्तमान में सीटीई के निदान का कोई विशिष्ट तरीका नहीं है। खेल या सैन्य से जुड़े उन लोगों में इसका संदेह हो सकता है, जिनको कुछ वर्षों से मस्तिष्क पर बार-बार चोट लगी हो, या चोट का जोखिम रहा हो। कुछ परीक्षण जैसे न्यूरोसाइकोलॉजिकल टेस्ट, एमआरआई जैसे ब्रेन इमेजिंग और बायोमार्कर की मदद से क्रोनिक ट्रॉमेटिक एन्सेफैलोपैथी का निदान किया जाता है। इसके ​अलावा निम्न प्रकार के परीक्षणों की मदद से भी क्रोनिक ट्रॉमेटिक एन्सेफैलोपैथी के निदान में मदद मिल सकती है।

पीईटी स्कैन

पॉज़िट्रॉन एमिशन टोमोग्राफी (पीईटी) स्कैन में लो लेवल के रेडियोएक्टिव ट्रेसर को नस में इंजेक्ट किया जाता है। इसके बाद स्कैनर के माध्यम से मस्तिष्क में ट्रैसर के प्रवाह को ट्रैक किया जाता है। शोधकर्ता सक्रिय रूप से पीईटी मार्करों को विकसित करने की दिशा में काम कर रहे हैं, जिससे लोगों में न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारी से जुड़ी टाऊ की असामान्यताओं का पता लगाया जा सके।

अन्य परीक्षण

विशेषज्ञों का मानना है कि अल्जाइमर रोग के लिए प्रयोग में लाए जाने वाले कुछ बायोमार्कर सीटीई के लिए भी उपयोगी हो सकते हैं, क्योंकि दोनों स्थितियां लगभग समान हैं।

क्रोनिक ट्रॉमेटिक एन्सेफैलोपैथी का इलाज - Chronic Traumatic Encephalopathy treatment in hindi

क्रोनिक ट्रॉमेटिक एन्सेफैलोपैथी मस्तिष्क से जुड़ा एक प्रगतिशील रोग है, जिसका फिलहाल कोई उपचार नहीं है। उपचार के तरीकों को जानने के लिए अभी अधिक शोध की आवश्यकता है। हालांकि, वर्तमान में सिर की चोट को रोकना ही इससे सुरक्षित रहने का एकमात्र सफल तरीका माना जा सकता है। खिलाड़ियों और सैन्यबल से जुड़े लोगों को मस्तिष्क की चोट और इसके इलाज के बारे में जागरुक रहने की ताजा सिफारिशों के प्रति हमेशा सजग रहना चाहिए।

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