क्रोनिक स्ट्रेस - Chronic Stress in Hindi

क्रोनिक स्ट्रेस
क्रोनिक स्ट्रेस

आजकल अधिकतर लोग किसी-न-किसी कारणवश अक्सर ही तनाव में रहते हैं. तनाव का असर हमारे स्वास्थ्य पर सीधे तौर पर पड़ता है. हालांकि, तनाव कुछ समय तक ही रहता है और अपने आप कम भी हो जाता है. वहीं, जब तनाव लंबे समय तक रहता है, तो यह व्यक्ति के स्वास्थ्य को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है. इस स्थिति को क्रोनिक स्ट्रेस या दीर्घकालिक तनाव कहा जाता है. क्रोनिक स्ट्रेस व्यक्ति को शारीरिक व मानसिक रूप से बुरी तरह से प्रभावित कर सकता है.

आज इस लेख में आप क्रोनिक स्ट्रेस के लक्षण, कारण व इलाज के बारे में विस्तार से जानेंगे -

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क्रोनिक स्ट्रेस क्या है? - What is Chronic Stress in Hindi

जब कोई व्यक्ति तनाव में होता है, तो शरीर में कॉर्टिसोल और एड्रेनालाइन नामक हार्मोन रिलीज होते हैं. ये हार्मोन शरीर में हृदय या सांस की गति को बढ़ाकर तनाव की प्रतिक्रिया जाहिर कर सकते हैं. वैसे तो हर व्यक्ति अपने जीवन में कभी-न-कभी तनाव का सामना जरूर करता है, लेकिन जब कुछ कारक सामान्य तनाव को ट्रिगर करते हैं, तो स्थिति गंभीर होने लगती है. ये कारक तनाव के लक्षणों को कम करने के बजाय बढ़ा सकते हैं, इससे व्यक्ति पूरी तरह से तनाव में घिर जाता है और लंबे समय तक स्ट्रेस में रहने लगता है. इस स्थिति को क्रोनिक स्ट्रेस के रूप में जाना जाता है.

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क्रोनिक स्ट्रेस के लक्षण - Chronic Stress Symptoms in Hindi

क्रोनिक स्ट्रेस पूरे शरीर को प्रभावित कर सकता है. क्रोनिक स्ट्रेस होने पर संपूर्ण शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है. क्रोनिक स्ट्रेस के लक्षण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं. क्रोनिक स्ट्रेस के लक्षणों में शामिल हैं-   

क्रोनिक स्ट्रेस होने पर किसी व्यक्ति में इनमें से कोई भी लक्षण नजर आ सकता है. व्यक्ति में एक या उससे अधिक लक्षण दिख सकते हैं. 

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क्रोनिक स्ट्रेस के कारण - Chronic Stress Causes in Hindi

क्रोनिक स्ट्रेस के कुछ संभावित कारण हो सकते हैं. 

  • जॉब में अधिक दबाव
  • पैसों से जुड़ी समस्याएं
  • रिश्तों में लड़ाई-झगड़ा
  • दर्दनाक घटनाएं
  • कार्यस्थल पर लोगों के साथ समस्याएं
  • बेरोजगारी या आर्थिक समस्याएं

ये सभी कारण व्यक्ति के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर असर डाल सकते हैं. ऐसे में अगर आपको कोई लक्षण दिखाई दे, तो डॉक्टर से जरूर मिलना चाहिए, क्योंकि क्रोनिक स्ट्रेस कई बीमारियों का कारण भी बन सकता है. 

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क्रोनिक स्ट्रेस का स्वास्थ्य पर असर - Effect of Chronic Stress on Health in Hindi

क्रोनिक स्ट्रेस मस्तिष्क और प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावित कर सकता है. यह कई स्वास्थ्य संबंधी बीमारियों का कारण बन सकता है. इनमें शामिल हैं -

शारीरिक समस्याओं के साथ ही क्रोनिक स्ट्रेस मानसिक बीमारियों का कारण भी बन सकता है. इसलिए, स्ट्रेस को कभी भी हल्के में लेकर सामान्य समझने की भूल बिल्कुल नहीं करनी चाहिए. स्ट्रेस के लक्षण दिखने पर डॉक्टर से चेकअप करना जरूरी होता है.

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क्रोनिक स्ट्रेस का इलाज - Chronic Stress Treatment in Hindi

क्रोनिक स्ट्रेस एक गंभीर समस्या हो सकती है, लेकिन हेल्दी लाइफस्टाइल, खानपान, थेरेपी और कुछ दवाइयों के माध्यम से इसका इलाज किया जा सकता है. क्रोनिक स्ट्रेस का इलाज इस प्रकार किया जा सकता है -

कॉग्निटिव बिहेविरयल थेरेपी

मेंटल हेल्थ डॉक्टर क्रोनिक स्ट्रेस का इलाज करने के लिए कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी की मदद ली जा सकती है. इसे सीबीटी के रूप में भी जाना जाता है. इस थेरेपी की मदद से डॉक्टर व्यक्ति में क्रोनिक स्ट्रेस के लक्षणों को कम करने की कोशिश करते हैं. सीबीटी एक व्यक्ति में स्ट्रेस प्रतिक्रियाओं को प्रबंधित करने का काम करता है.

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दवाइयां

सीबीटी के अलावा कुछ दवाइयां भी क्रोनिक स्ट्रेस का इलाज करने में मदद कर सकती हैं. स्ट्रेस के लक्षण महसूस होने पर डॉक्टर एंटीडिप्रेसेंट दवाइयां लिख सकते हैं. डॉक्टर की सलाह पर स्ट्रेस की दवाइयां लेने से काफी लाभ मिल सकता है. अगर स्ट्रेस के लक्षण लगातार बढ़ते जा रहे हैं, तो इस स्थिति को कंट्रोल करने के लिए दवाइयां ली जा सकती है. 

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अच्छी नींद लेना

बहुत कम नींद लेना या खराब गुणवत्ता वाली नींद लेना तनाव का कारण बन सकता है. इसलिए, अगर कोई तनाव से जूझ रहा है, तो अच्छी नींद लेना जरूरी होता है. रोजाना कम से कम 7 घंटे की नींद जरूर लें. इसके लिए अपने सोने और उठने का समय निर्धारित करें. सोने से कुछ घंटे पहले कैफीन व निकोटिन आदि लेने से बचें. 

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मेडिटेशन व एक्सरसाइज

मेडिटेशन और एक्सरसाइज को क्रोनिक स्ट्रेस का सबसे प्राकृतिक इलाज माना जा सकता है. रोजाना मेडिटेशन और एक्सरसाइज करके तनाव के लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है. इसके लिए आप ब्रीदिंग एक्सरसाइज कर सकते हैं. इसके अलावा डांस, साइकिलिंग और स्विमिंग करके भी तनाव को कम किया जा सकता है.

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दोस्तों व परिवार से बातचीत

क्रोनिक स्ट्रेस से लड़ने के लिए अपनों के साथ समय बिताना जरूरी होता है. स्ट्रेस फील करने पर अपने दोस्तों और परिवार के लोगों के साथ बातचीत कर सकते हैं. उनके साथ अपना दुख, तनाव और समस्याओं को शेयर कर सकते हैं. इससे काफी हद तक स्ट्रेस फ्री फील महसूस हो सकता है.

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सारांश – Summary

कभी-कभार होने वाला तनाव भी क्रोनिक स्ट्रेस तक पहुंचता है. इसलिए, कोई उदास या अलग-थलग रहता है, तो ये स्ट्रेस के लक्षण हो सकते हैं. ऐसे में अगर इन लक्षणों को अनदेखा कर देते हैं, तो इससे क्रोनिक स्ट्रेस हो सकता है. इसलिए, समय रहते तनाव को काबू करना जरूरी होता है. अन्यथा क्रोनिक स्ट्रेस शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है. लाइफस्टाइल, थेरेपी और दवाइयों की मदद से क्रोनिक स्ट्रेस का इलाज किया जा सकता है.

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