हर साल मई महीने के पहले मंगलवार को विश्व अस्थमा दिवस के तौर पर मनाया जाता है। साल 2020 की शुरुआत से ही इस वक्त दुनियाभर का फोकस सिर्फ कोविड-19 पर ही है और हो भी क्यों न इसने दुनियाभर के 36 लाख से ज्यादा लोगों को अपनी चपेट में ले रखा है और ढाई लाख से ज्यादा लोगों की मौत भी हो चुकी है। कोविड-19 बेहद संक्रामक श्वास से संबंधित बीमारी है लिहाजा यह बेहद जरूरी है कि वैसे लोग जो पहले से श्वास से संबंधी किसी बीमारी से पीड़ित हैं वे अपना ज्यादा ख्याल रखें। खासकर अस्थमा से पीड़ित मरीज। ऐसे में आज विश्व अस्थमा दिवस के मौके पर हम आपको बताएंगे रात के समय होने वाला कफ किस तरह से अस्थमा से जुड़ा है।
अस्थमा यानी दमा फेफड़ों से जुड़ी बीमारी है जिसमें फेफड़ों में लंबे समय तक जलन और सूजन (इन्फ्लेमेशन) की समस्या होती है और म्यूकस मेम्ब्रेन में सूजन आने की वजह से श्वसन पथ (एयरवे) भी सिकुड़ जाता है। इस दौरान श्वसन पथ में बहुत ज्यादा कफ या बलगम भी बनने लगता है। अस्थमा के लक्षणों की बात करें तो सांस लेते वक्त घरघर की आवाज आना (वीजिंग), सांस फूलना, सांस लेने में दिक्कत महसूस होना, सीने में खिंचाव महसूस होना और लगातार खांसी आना। अस्थमा में खांसी बहुत ज्यादा तीव्र होती है और खासकर रात के समय में ज्यादा आती है।
रात के समय होने वाली खांसी अस्थमा के सबसे कॉमन लक्षणों में से एक है और इसकी वजह से न सिर्फ मरीज की नींद खराब होती है बल्कि आने वाला अगला दिन भी नींद पूरी न होने की वजह से डिस्टर्ब रहता है। मरीज अपने काम पर फोकस न कर पाने की वजह से सही ढंग से काम नहीं कर पाता और दिनभर उसे चिड़चिड़ापन महसूस होता रहता है। इस वजह से मरीज की जीवनशैली भी प्रभावित होती है।