अस्थमा का इलाज ढूंढने में लगे वैज्ञानिकों को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। ब्रिटेन की बड़ी दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका और अमेरिकी बायोफार्मास्यूटिकल कंपनी ऐमजन द्वारा तैयार किए गए एक ड्रग से अस्थमा अटैक को तेजी से कम करने में मदद मिली है। इस एक्सपेरिमेंटल दवा का नाम टेजेपेल्युमैब है। शोधकर्ताओं ने गंभीर प्रकार की रेस्पिरेटरी कंडीशन वाले अस्थमा अटैक के लिए इस ड्रग को विकसित किया है। अंतिम चरण के ट्रायल में शामिल अस्थमा के मरीजों को टेजेपेल्युमैब या प्लसीबो (तुलना के लिए) ड्रग में से कोई एक ड्रग दिया गया था। परिणामों में एस्ट्राजेनेका-ऐमजन द्वारा विकसित ड्रग अस्थमा अटैक को तेजी से कम करने के मामले में काफी असरदार पाया गया है।
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इस दवा को तैयार करने वाली इन कंपनियों ने कहा है कि एक साल तक चले इस ट्रायल ने गंभीर अस्थमा के मरीजों के इलाज के लिए अपना लक्ष्य हासिल कर लिया है, जिनका पहले से स्टैंडर्ड केयर के तहत इलाज चल रहा था। इन मरीजों को कोर्टिकोस्टेरॉयड प्लस के मीडियम और हाई डोज दिए जा रहे थे। अध्ययन में टेजेपेल्युमैब अलग-अलग उप-समूहों के मरीजों पर प्रभावी दिखी है। अध्ययन से जुड़ी प्रेस रिलीज में बताया गया है कि इन मरीजों में श्वेत रक्त कोशिकाओं का एक प्रकार निम्न स्तर पर मौजूद था, जिसका वायुमार्ग में सूजन होने और हवा के सिकुड़ने से संबंध था। इन कोशिकाओं को इयोसीनोफिल कहते है।
अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अस्थमा के एक विशेषज्ञ सलीम सैयद इस बीमारी की मौजूदा दवाओं का जिक्र करते हुए अपने रिसर्च में कहते हैं, 'मुख्य बात यह है कि टेजेपेल्युमैब लो इयोसीनोफिल वाले मरीजों के समूह पर प्रभावी दिखी है, जो इसे रीजेनेरॉन (एक अमेरिकी दवा कंपनी) की ड्यूपिक्सेंट और एस्ट्राजेनेका की फेसेनरा (अन्य ड्रग्स) से अलग करती है।' इसके अलावा, अध्ययन के शोधकर्ताओं ने टेजेपेल्युमैब को मरीजों के लिए वेल-टोलेरेटिड भी बताया है। यानी दवा असरदार होने के साथ-साथ सहनीय भी है। प्लसीबो से तुलना में यह दवा सुरक्षा मानकों के लिहाज से भी उपयुक्त पाई गई है। ऐमजन ने बयान में कहा है कि ट्रायल से जुड़े सभी परिणाम जल्दी ही एक मेडिकल बैठक में पेश किए जाएंगे।
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क्या है टेजेपेल्युमैब?
यह एक एंटी-अस्थमा ड्रग है, जिसे विशेष रूप से अस्थमा के उन गंभीर मरीजों के लिए विकसित किया गया है, जिनके शरीर में इयोसीनोफिल नामक वाइट ब्लड सेल निम्न स्तर के साथ मौजूद होते हैं। शरीर के इम्यून सिस्टम के रूप में ये कोशिकाएं संक्रमण और हमलावर बैक्टीरिया से लड़ने का काम करती हैं। लेकिन इयोसीनोफिलिक अस्थमा में यही सेल्स श्वसनमार्ग में इन्फ्लेमेशन और सूजन पैदा करने का काम करते हैं।
इसी समस्या के निवारण के लिए टेजेपेल्युमैब ड्रग को डेवलेप किया गया है। यह एक संभावित प्रथम श्रेणी का ह्यूमन मोनोक्लोनल एंटीबॉडी है, जो एक प्रमुख एपीथीलियल साइटोकिन थाइमिक स्ट्रोमल लिंफोपोएटिन (एसएलपी) को रोकने का काम करता है। जानकारों के मुताबिक, इस मल्टीपल इन्फ्लेमेटरी कैसकेड के ब्लॉक होने से इम्यून सेल्स द्वारा रिलीज की जाने वाली प्रो-इन्फ्लेमेटरी साइटोकिन रुक सकती है, जिससे अस्थमा में सुधार हो सकता है। टेजेपेल्युमैब इस काम में अहम भूमिका निभाता है।
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