आर्थ्रोग्रिपोसिस या आर्थ्रोग्रिपोसिस मल्टीप्लेक्स कॉन्जेनिटा (एएमसी) विकारों का एक समूह है, जिसमें जन्म के समय से मल्टीपल ज्वॉइंट कॉन्ट्रैक्चर (लोचदार ऊतकों का सिकुड़ना या संकुचन) मौजूद होते हैं। गर्भावस्था में गर्भकालीन विकास के दौरान गतिशीलता (मोबिलटी) की कमी की वजह से मांसपेशियों के ऊतक रेशेदार हो जाते हैं। मोटे तौर पर आर्थ्रोग्रिपोसिस की तीन श्रेणियां मौजूद हैं - एम्योप्लासिया, डिस्टल और सिंड्रोमिक आर्थ्रोग्रिपोसिस।
आर्थ्रोग्रिपोसिस जेनेटिक और पर्यावरणीय कारक दोनों की वजह से हो सकता है। हालांकि, गर्भावस्था, प्रसव और प्रसव को प्रभावित करने वाले कुछ कारक भी इसमें शामिल हो सकते हैं। यदि किसी में रोग से संबंधित फैमिली हिस्ट्री है तो ऐसे में मरीज के माता पिता का आनुवंशिक परीक्षण किया जाना चाहिए।
इस स्थिति में ऊपरी अंगों की तुलना में निचले अंग ज्यादा प्रभावित होते हैं। इसका निदान पूरी तरह से मेडिकल हिस्ट्री, नैदानिक परीक्षण, रेडियोलॉजिकल इमेजिंग और साइटोजेनेटिक टेस्ट करके किया जाता है। एएमसी को बाल रोग विशेषज्ञ के नेतृत्व में स्वास्थ्य टीम द्वारा प्रबंधित करने की आवश्यकता होगी। इसके अलावा इलाज में फिजियोथेरेपी, सॉफ्ट टिश्यू में गड़बड़ी को सर्जरी के माध्यम से ठीक करना और मनोवैज्ञानिक देखभाल भी शामिल है। यह रोग तब तक प्रगतिशील नहीं है, जब तक कि यह अन्य किसी अधिक गंभीर न्यूरोजेनिक कारणों के साथ संयोजन में नहीं होता है।
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