लासा फीवर, लासा नामक वायरस के कारण होने वाली बीमारी है जो चूहों के माध्यम से फैलती है। पश्चिमी अफ्रीका के ज्यादातर हिस्सों में यह काफी आम है। हालांकि, इसके गंभीर मामले कई बार जानलेवा भी हो सकते हैं। आमतौर पर संक्रमित मास्टोमिस चूहों के मूत्र या मल से दूषित भोजन या घरेलू वस्तुओं के संपर्क में आने से लासा वायरस इंसानों तक पहुंच जाता है। विशेषज्ञों के मुताबिक यह एक रक्तस्रावी वायरस है, जिसका अर्थ है कि यह इंसानों में रक्तस्राव का कारण बन सकता है। हालांकि, वायरस से संक्रमित 10 में से 8 लोगों में कोई लक्षण दिखाई नहीं देते है, ऐसे में इसकी पहचान कर पाना काफी कठिन हो जाता है। यदि वायरस यकृत, गुर्दे या प्लीहा जैसे अंगों को प्रभावित करता है, तो यह घातक भी हो सकता है।
पश्चिमी अफ्रीका के कई देशों में लासा फीवर काफी आम है। एक अनुमानित आंकड़े पर गौर करें तो पता चलता है कि पश्चिमी अफ्रीका में हर साल करीब एक से तीन लाख लोगों को लासा फीवर होता है। इसी के चलते हर साल यहां लगभग 5,000 मौतें भी हो जाती हैं। अंतरराष्ट्रीय यात्राओं के चलते एक देश से दूसरे देश में इस बीमारी के फैलने का खतरा बढ़ जाता है।
इस लेख में हम आपको लासा फीवर के लक्षण, कारण और इलाज के बारे में बताएंगे।