स्तनपान यानी जब मां बच्चे को अपना दूध पिलाती है तो यह एक ऐसा समय होता है जब मां और बच्चे के बीच अविश्वसनीय संबंध यानी स्पेशल बॉन्डिंग बनती है। हम सभी ने अनगिनत बार यह बात सुनी है कि कैसे ब्रेस्टमिल्क या मां का दूध नवजात शिशु के लिए अमृत समान होता है। यह न केवल बच्चे के आंत के वनस्पतियों को बढ़ने में मदद करता है, बल्कि इसमें पोषक तत्वों के साथ-साथ प्रोटीन भी होता है जो बच्चे के जीवन के शुरुआती कुछ महीनों में बेहद आवश्यक माना जाता है।

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पिछले कई वर्षों से, वैज्ञानिक इस बात पर विचार कर रहे हैं कि ब्रेस्ट मिल्क के पीछे यह मॉलिक्यूलर क्रियाविधि या तंत्र क्या हो सकता है। अब, जर्मनी स्थित हैनोवर मेडिकल स्कूल (एमएचएच) के रिजिस्ट क्लस्टर ऑफ एक्सिलेंस के डॉक्टरों की एक टीम द्वारा किए गए अध्ययन ने इस सवाल का जवाब खोज लिया है।

  1. मां के दूध का सर्वोत्तम घटक क्या है?
  2. अलार्मिन्स क्या करते हैं?
मां के दूध में पाया जाने वाला प्रोटीन अलार्मिन्स क्या है? के डॉक्टर

आंत में मौजूद श्लेष्म झिल्ली (म्यूकोसा) वातावरण में मौजूद बैक्टीरिया पर परस्पर प्रभाव डालता है जिससे एक तरह के जीवाणु विविधता का जन्म होता है जो जीवन भर मौजूद रहता है। इस तरह से आंतों की प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टम) परिपक्व हो जाती है। रिजिस्ट क्लस्टर में शोधकर्ता ने पाया कि अलार्मिन, प्रोटीन का एक वर्ग है जो प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को प्रोत्साहित करने के लिए जिम्मेदार होता है, वही ब्रेस्ट मिल्क का सर्वोत्तम घटक है।

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शोधकर्ताओं ने उन नवजात शिशुओं के मल में 2 यौगिकों- S100A8 और S100A9- की उच्च मात्रा का पता लगाया जिनका जन्म गर्भावस्था की पूर्ण अवधि के बाद हुआ था और जिन्हें मां का दूध पिलाया जा रहा था, उन नवजात शिशुओं की तुलना में जिनका जन्म समय से पहले हुआ और जिन्हें ब्रेस्टफीडिंग भी नहीं करवायी गई।

2.5 साल तक शिशुओं को फॉलो करने के बाद, अनुसंधानकर्ताओं ने बताया: "S100 प्रोटीन का मल संबंधी उच्च स्तर, बच्चे के जन्म के 30 दिन से लेकर 1 वर्ष की उम्र तक का संबंध, एक्टिनोबैक्टीरिया और बिफीडोबैक्टीरिया की अधिकता से जुड़ा हुआ था और गामाप्रोटोबैक्टीरिया की कम बहुतायत- विशेष रूप से अवसरवादी एंटेरोबैक्टीरिया से था। नवजात शिशु के मल संबंधी नमूनों में S100 प्रोटीन के कम लेवल का संबंध 2 साल की उम्र का होते-होते बच्चे में सेप्सिस और मोटापे के विकास से जुड़ा था।"

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लिहाजा यह देखने में आया कि बच्चों को संक्रमण और साथ ही मोटापे जैसी स्थितियों से सुरक्षित रखने में इन यौगिकों का अहम रोल है।

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कोलोनाइजेशन वह तंत्र है जिससे आंतों का माइक्रोबायोटा खुद को नए और अक्सर हानिकारक सूक्ष्मजीवों से होने वाली क्षति से बचाता है। ऐसे में अनुकूलन की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाकर अलार्मिन्स, नवजात शिशुओं की आंत में कोलोनाइजेशन और संक्रमण को रोकता है। शोध से यह भी पता चला है कि ये पेप्टाइड्स और प्रोटीन, मां के ब्रेस्टमिल्क से आते हैं और बच्चे की आंत में भी उत्पन्न होते हैं।

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रिसर्च में सामने आयी एक और दिलचस्प बात यह है कि नियोजित तरीके से सी-सेक्शन के माध्यम से पैदा होने वाले शिशुओं में अलार्मिन्स का लेवल कम होता है उन बच्चों की तुलना में जो नॉर्मल डिलिवरी के माध्यम से योनि से जन्म लेते हैं। इसका अर्थ है कि बच्चे का जन्म किस प्रक्रिया के तहत हो रहा है इसका भी मानव शरीर में अलार्मिन्स के उत्पादन पर असर देखने को मिलता है।

इसके अतिरिक्त, समय से पहले जन्म लेने वाले शिशु खुद से अलार्मिन्स का उत्पादन करने में कम सक्षम होते हैं उन शिशुओं की तुलना में जिनका जन्म गर्भवास्था की पूर्ण-अवधि के बाद होता है। इस कारण समय पूर्व जन्मे बच्चों में लंबे समय तक रहने वाली इन्फ्लेमेटरी डिजीज (सूजन और जलन संबंधी) होने का खतरा भी अधिक होता है। हालांकि, अगर नवजात शिशु को इस प्रोटीन का सप्लिमेंट दिया जाए तो इससे भी आंत के कोलोनाइजेशन संबंधी बीमारियां जो लंबे समय तक मौजूद रहती हैं उन्हें रोका जा सकता है।

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इस शोध के लीड ऑथर एमएचएच के मेइक विलर्स और बॉन यूनिवर्सिटी के डॉ थॉमस उलास अब अपने निष्कर्षों के आधार पर एक नींव तैयार कर रहे हैं जिससे वे आगे इस बारे में और रिसर्च कर पाएं। रिजिस्ट के शोधकर्ता आगे एक प्रीक्लिनिकल काम करने की योजना बना रहे हैं, साथ ही बाद के चरण में क्लीनिकल स्टडी भी करने पर विचार कर रहे हैं।

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संदर्भ

  1. Clinic for Pediatric Pneumology, Allergology and Neonatology Hannover Medical School and LIMES Institute University of Bonn [Internet]. The “gold” in breast milk, 28 August 2020.
  2. RESIST: Resolving Infection Susceptibility [Internet]. The gold of breast milk, 28 August 2020.
  3. Maike Willers, Thomas Ulas, Lena Völlger, Sofia K. Forslund, Johannes Roth and Dorothee Viemann. S100A8 and S100A9 are important for postnatal development of gut microbiota and immune system in mice and infants, Gastroenterology, 14 August 2020.

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