तनाव और चिंता को दूर करने के लिए आयुर्वेद में कई प्रकार की थेरेपी मौजूद हैं. ऐसी ही एक थेरेपी का नाम पिज्हिचिल है. इसे सर्वांगधारा, काया सेका और थिलाधारा के नाम से भी जाना जाता है. पिज्हिचिल एक मलयालम शब्द है, जिसका अर्थ निचोड़ना होता है.
इसमें औषधीय तेल को मरीज के शरीर पर एक कपड़े से निचोड़कर डाला जाता है, जिसके बाद एक हल्की मालिश दी जाती है. इससे चिंता, दर्द व तनाव को कम करने के अलावा मस्तिष्क को शांति और आराम देने में मदद मिलती है.
आज इस लेख में आप पिज्हिचिल का अर्थ, प्रक्रिया, फायदे, नुकसान व सावधानियों के बारे में विस्तार से जानेंगे-
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