आयुर्वेद में वात ऐसा दोष है, जो हमारे अधिकांश शारीरिक कार्यों को नियंत्रित करता है. भोजन या पर्यावरणीय कारकों के कारण वात असंतुलन हो सकता है. वस्ति (एनिमा) थेरेपी वात-आधारित विषाक्त पदार्थों को निकालने में बेहद प्रभावी हो सकता हैं. आयुर्वेद में मुख्य रूप से 2 वस्ति थेरेपी दी जाती हैं - कषाय वस्ति (अनुस्थापना वस्ति) और अनुवासन वस्ति. इन थेरेपीज का चयन रोगी के शरीर की स्थिति और उपचार की आवश्यकताओं के अनुसार तय किया जाता है.

इस लेख में कषाय वस्ति का अर्थ, कारण, प्रक्रिया, लाभ, फायदे, सावधानियां व कीमत के बारे में बताया गया है -

(और पढ़ें - स्नेह वस्ती के लाभ)

  1. कषाय बस्ती क्या है?
  2. कब दी जाती है कषाय वस्ति?
  3. कषाय बस्ती थेरेपी की प्रक्रिया
  4. कषाय वस्ति के लाभ
  5. कषाय वस्ति के नुकसान
  6. कषाय वस्ति की सावधानियां
  7. कषाय वस्ति की कीमत
  8. सारांश
कषाय बस्ती के डॉक्टर

यह वस्ति उपचार का एक हिस्सा है. इसका उपयोग प्राचीन काल में पेट और प्रजनन प्रणाली के रोगों को ठीक करने के लिए मलाशय, योनि और मूत्रमार्ग के माध्यम से औषधीय तेलकाढ़ा आदि देने के लिए किया जाता था. इसे कषाय बस्ती भी कहा जाता है.

जैसे-जैसे तकनीक बढ़ी है वस्ति को अब कैथेटर नामक एक पतली ट्यूब से बदल दिया गया है. इस यंत्र के माध्यम से बढ़े हुए दोषों को शांत करने के लिए विभिन्न औषधियां डाली जाती हैं. जैसा कि आयुर्वेद में सभी रोगों का मूल कारण तीन दोषों यानी वात, पित्त व कफ का असंतुलन है, इसलिए उन्हें संतुलित करना आवश्यक है.

आयुर्वेदिक चिकित्सा में वर्णित लगभग सभी रोगों को बस्ती उपचार से ठीक किया जाता है, इसलिए इसे अर्धचिकित्सा कहा जाता है. आयुर्वेद पंचकर्म में इसका महत्वपूर्ण स्थान है. कषाय वस्ति का मतलब है कि इस्तेमाल की जाने वाली दवा प्रकृति में कसैले/कषाय (स्वाद या गंध में थोड़ा अम्लीय या कड़वा) है. इस थेरेपी में दी जाने वाली दवा औषधीय काढ़े के रूप में होती है.

(और पढ़ें - कटी बस्ती के लाभ)

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Urjas Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को सेक्स समस्याओं के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
Long Time Capsule
₹712  ₹799  10% छूट
खरीदें

कषाय वस्ति एक असरदार आयुर्वेदिक थेरेपी जिसे दर्द प्रबंधन, गैस संबंधी समस्याओं, पक्षाघात और विषहरण से ग्रस्त रोगियों के उपचार के लिए किया जाता है. कषाय का अर्थ है काढ़ा और वस्ति शरीर के निचले हिस्से में छिद्र के माध्यम से औषधि देने की विधि है. पुरुषों में जठर और महिलाओं में योनि के निचले हिस्से में इस थेरेपी का उपयोग होता है. यह मुख्य रूप से वात दोष और पेट संबंधी विकारों के बिगड़ने में किया जाता है.

(और पढ़ें - जानू बस्ती के लाभ)

कषाय बस्ती आयुर्वेदिक थेरेपी में तीन चरण शामिल हैं, जिन्हें पूर्वकर्मा, प्रधानकर्म और पास्चट कर्मा कहा जाता है. यह थेरेपी खाली पेट की जाती है. इस प्रक्रिया के बारे में नीचे विस्तार से बताया गया है -

पूर्वकर्मा

कषाय वस्ति थेरेपी लेने से पहले रोगी को स्नेहन से अवश्य गुजरना चाहिए. स्नेहन में तेल, घी, शहद आदि का प्रयोग किया जाता है. आयुर्वेदिक चिकित्सक रोगी की जांच करता है और उपयोग किए जाने वाले काढ़े और थेरेपी की अवधि तय करता है. शरीर को रिलैक्स करने के लिए स्नेहन और स्‍वेदन जरूरी है.

उपकरण का वह हिस्सा जो मलाशय में प्रवेश करेगा, चिकनाई युक्त होता है और गुदा को भी चिकनाई दी जाती है, ताकि प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए फ्रिक्शन से बचा जा सके. कषाय वस्ति थेरेपी करते समय रोगी की स्थिति पार्श्व छोड़ देनी चाहिए, क्योंकि चिकित्सक को यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता होती है कि दवा शरीर के बाईं ओर के ग्रहणी तक पहुंची है या नहीं.

(और पढ़ें - क्षीरा धूमम के लाभ)

प्रधान कर्म

प्रधान कर्म के चरण में औषधीय काढ़े को मलाशय के माध्यम से डाला जाता है और विशिष्ट समय अवधि के लिए अंदर रखा जाता है, ताकि औषधीय काढ़े का उद्देश्य प्राप्त हो सके. यह दोषों को संतुलित करता है और शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालता है.

(और पढ़ें - थलम के लाभ)

पास्चट कर्मा

पास्चट कर्मा चरण में दवा डालने के बाद रोगी को आराम करना चाहिए. साथ ही पेट की मालिश तब तक की जाती है, जब तक कि रोगी को शौचालय का उपयोग करने की इच्छा महसूस न हो.

(और पढ़ें - उद्वर्तन के फायदे)

जब कषाय वस्ति स्नेहन के साथ प्रयोग की जाती है, तो इसके लाभ बढ़ जाते हैं. कषाय बस्ती चिकित्सा न केवल एक उपचारात्मक थेरेपी है, बल्कि यह कब्ज, तंत्रिका संबंधी विकार, पेट फूलना, निचले कमर दर्द, गाउटगठिया जैसी समस्याओं को रोकने में भी मदद करती है. इन लाभों के बारे में नीचे विस्तार से बताया गया है -

गाउट

जब हमारे रक्त में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है, तो गाउट की समस्या उत्पन्न होती है. गाउट की समस्या से राहत देने में कषाय बस्ती को प्रभावकारी माना जाता है. कषाय बस्ती इस समस्या को जड़ से ठीक करने में मदद कर सकती है.

(और पढ़ें - उपनाह स्वेद के लाभ)

कब्ज

कषाय वस्ति से कब्ज की समस्या में राहत मिल सकती है. यह पित और वात दोषों को दूर करते हुए कब्ज को समाप्त करने में प्रभावी भूमिका निभाती है. जिन्हें कब्ज की पुरानी समस्या है, उनके लिए कषाय वस्ति उचित विकल्प है.

(और पढ़ें - नस्य चिकित्सा के लाभ)

निचला कमर दर्द

जिन लोगों को कमर के निचले हिस्से में दर्द की समस्या रहती है, उनके लिए कषाय वस्ति बेहद फायदेमंद है. इस थेरेपी को नियमित रूप से कराने से आपको इस समस्या से आराम मिल सकता है.

(और पढ़ें - रक्तमोक्षण के लाभ)

गठिया

गठिया से ग्रसित लोगों के लिए भी कषाय वस्ति लाभकारी हो सकती है. स्त्री हो या पुरुष कोई भी नियमित अवधि के लिए इस आयुर्वेदिक थेरेपी को करवा के गठिया से आराम पा सकता है.

इन समस्याओं के अलावा कषाय वस्ति कटिस्नायुशूल (साइटिका नस में दर्द) व ऑस्टियोपोरोसिस से भी राहत देती है.

(और पढ़ें - नेत्र तर्पण के लाभ)

कषाय बस्ती आमतौर पर एक सुरक्षित और प्रभावकारी आयुर्वेदिक थेरेपी मानी जाती है. वहीं, पुरानी बीमारी से ग्रसित रोगियों में गलत उपयोग और कुछ अपवादों के मामलों में इसके नुकसान देखने को मिल सकते हैं. कषाय वस्ति के संभावित नुकसान हैं-

(और पढ़ें - धन्याम्ला धारा के लाभ)

कषाय वस्ति कराते समय और इसको कराने के उपरान्त आपको कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए, ताकि आपको शारीरिक और मानसिक नुकसान न हो. इन सावधानियों का पालन करने से आपको थेरेपी का पूर्ण लाभ मिलता है और कोई साइड इफेक्ट न होने की संभावना बढ़ती है.

  • कषाय वस्ति थेरेपी कराते वक्त आपको हमेशा खाली पेट ही रहना चाहिए. 
  • कषाय वस्ति थेरेपी लेने के उपरान्त आपको डीप ब्रीथिंग एक्सरसाइज करनी चाहिए. 
  • आयुर्वेदिक चिकित्सक से जांच करवाने के बाद ही आपको इस थेरेपी को करवाना चाहिए.
  • यदि आपको पहले से कोई रोग है, तो आपको अपनी जांच करवा लेनी चाहिए.

(और पढ़ें - पोडिकिजी के लाभ)

कषाय वस्ति की कीमत सरकारी स्तर पर 150 रुपये से शुरू होती है, जो हर राज्य व अस्पताल में अलग-अलग है. इस आयुर्वेदिक थेरेपी को घर में करवाने के लिए आपको 500 -1000 रुपये की कीमत देनी पड़ सकती है. यह दर थेरेपी की अवधि व राज्य के हिसाब से अलग-अलग हो सकती है.

(और पढ़ें - थालापोथिचिल के फायदे)

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Urjas Energy & Power Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को शारीरिक व यौन कमजोरी और थकान जैसी समस्या के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
Power Capsule For Men
₹719  ₹799  10% छूट
खरीदें

कषाय बस्ती ऐसी आयुर्वेदिक थेरेपी है, जो वात व पित जैसे दोषों को शरीर से हटाने में मदद करती है और हमारी सेहत को दुरुस्त करती है. बस इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि आप इस थेरेपी को चरणबद्ध तरीके से पूर्ण करें और किसी भी समस्या होने पर डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें.

(और पढ़ें - शिरोधारा के फायदे)

Dr. Harshaprabha Katole

Dr. Harshaprabha Katole

आयुर्वेद
7 वर्षों का अनुभव

Dr. Dhruviben C.Patel

Dr. Dhruviben C.Patel

आयुर्वेद
4 वर्षों का अनुभव

Dr Prashant Kumar

Dr Prashant Kumar

आयुर्वेद
2 वर्षों का अनुभव

Dr Rudra Gosai

Dr Rudra Gosai

आयुर्वेद
1 वर्षों का अनुभव

ऐप पर पढ़ें
cross
डॉक्टर से अपना सवाल पूछें और 10 मिनट में जवाब पाएँ