हर माता पिता अपने बच्चों की देखभाल बड़े ध्यान से करते हैं। क्योंकि बच्चों का शरीर उस समय भी मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली का निर्माण कर रहा होता है, इसलिए वे अक्सर बीमार रहते हैं और हमेशा डॉक्टर के पास जाना आपकी रूटीन बन जाती है। 

यदि आपका बच्चा गंभीर बीमारी से पीड़ित है तो आपकी चिंता बहुत अधिक बढ़ जाती है जिसे शब्दों में वर्णित नहीं किया जा सकता है। लेकिन छोटी स्वास्थ्य समस्याएं जैसे घुटने का छीलना, सर्दी खांसी या हल्के बुखार आपकी चिंता का कारण नहीं होते हैं और आपको इन समस्याओं के लिए डॉक्टर के पास जाने की भी जरूरत नहीं होती है। लेकिन कभी-कभी यह फैसला करना मुश्किल हो जाता है कि किस लक्षण में चिकित्सक के पास जाना जरुरी है। यही कारण है कि आपको अपने बच्चों के स्वास्थ्य संबंधी लक्षणों के बारे में जानना बहुत जरूरी है। इससे पहले कि उनके लक्षण अधिक गंभीर हो जाए आप उन्हें डॉक्टर के पास लेजाएं। (और पढ़ें – आधी रात में अगर अपने बच्चे के जागने से हैं आप परेशान तो अपनाएँ ये आयुर्वेदिक समाधान)

तो चलिए जानते है बच्चों के स्वास्थ्य सम्बन्धी लक्षणों के बारे में जिन्हे देख कर कभी भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए -

  1. बच्चे को बुखार के क्या है लक्षण - What does it mean when your child has a fever but no other symptoms in hindi
  2. बच्चे को अधिक प्यास लगने का क्या है कारण - What does it mean when a child is always thirsty in hindi
  3. बच्चों को सांस लेने में दिक्कत का क्या है कारण - What causes difficulty in breathing in babies in hindi
  4. बच्चे को हमेशा पेट में दर्द रहने का क्या है कारण - Causes of recurrent abdominal pain in childhood in hindi
  5. कैसे जाने बच्चे को है मूत्र पथ में संक्रमण - How do you know if your child has a urinary tract infection in hindi
  6. बच्चे में अत्यधिक थकान क्या हैं संकेत - Causes of extreme fatigue in child in hindi
  7. बच्चों में निर्जलीकरण के क्या हैं संकेत - Warning signs of dehydration in toddlers in hindi
  8. शिशुओं में चेहरे की सूजन का क्या है कारण - Causes of facial swelling in infants in hindi
  9. बच्चों के होंठ नीले होने का क्या है कारण - Why do children's lips turn blue in hindi
  10. शिशुओं में चकत्ते होने का क्या है कारण - Signs of diaper rash in infants in hindi

पेट में वायरस और मामूली संक्रमण जैसी बीमारियों के कारण बच्चे को अक्सर बुखार रहता है लेकिन जब उन्हें तेज बुखार हो तभी समझना चाहिए कि उन्हें कोई गंभीर बीमारी है और उपचार की आवश्यकता है। 3 से 6 महीने की उम्र के बच्चे को जब 101 डिग्री फ़ारेनहाइट से ऊपर बुखार हो तो उसे  उच्च बुखार माना जाता है। वहीँ 6 महीने से अधिक उम्र के बच्चों को जब लगभग 103 डिग्री फ़ारेनहाइट या उससे अधिक बुखार होता है तो उसे उच्च बुखार माना जाता हैं। 

यदि आपके बच्चे का बुखार कुछ दिनों या उससे अधिक समय से है तो आपको डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए। अगर बुखार एक जीवाणु संक्रमण के कारण है तो आपके बच्चे को एंटीबायोटिक उपचार की आवश्यकता होगी। यदि आपका आपके बच्चे को तेज बुखार के साथ सिरदर्द है तो यह एक गंभीर समस्या है। क्योंकि इससे आपके बच्चे को आँखें खोलने में भी कठिनाई हो सकती है जो मैनिंजाइटिस (Meningitis) का लक्षण हो सकता है। यह एक गंभीर बीमारी है जिसमे चिकित्सा देखभाल की आवश्यकता बहुत जरूरी है। फ्लू और कान के संक्रमण जैसे अन्य बीमारियों के कारण भी बच्चों को बुखार हो सकता है। (और पढ़ें – बुखार में क्या खाना चाहिए)

समय पर निदान और उपचार से उच्च बुखार के कारण बच्चों में होने वाली जटिलताएं और मौत को भी रोका जा सकता है। (और पढ़ें – बुखार के घरेलू उपचार)

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यदि आपका बच्चा अचानक खासकर रात में अधिक पानी पीने लगे तो आपको अपने बच्चे को तुरंत डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए। क्योंकि टाइप 1 मधुमेह 20 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में हो सकता है और अत्यधिक प्यास इसके प्रमुख लक्षणों में से एक है। ब.म.ज. ओपन (BMJ Open) में प्रकाशित 2014 के एक अध्ययन के मुताबिक अत्यधिक प्यास (पॉलीडिस्पिया; Polydipsia) डायबिटीज वाले बच्चों में सबसे आम लक्षण होता है जिसके कारण पॉलीयूरिया (polyuria अत्यधिक पेशाब), थकान, नॉटकट्यूरिया (nocturia - रात में पेशाब) और वजन घटाने लगता है। (और पढ़ें – मधुमेह के घरेलू उपचार)

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बच्चे समय-समय पर घुरघुराते और कराहते है और जब बच्चों को बुखार होता है तब उनकी श्वास तेज हो जाती है। लेकिन बच्चों की श्वास दैनिक रूप से तेज चलने लगे तो उन्हें चिकित्सक को दिखाना चाहिए। विशेष रूप से खेलने या कसरत करते समय श्वास की समस्या चिंता का कारण है। लेकिन साँस छोड़ते समय सीटी जैसी ध्वनि निकले तो यह अस्थमा का स्पष्ट संकेत हो सकता है। द सेंटर्स फॉर डिजीज कण्ट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के अनुसार 2015 में 6.2 लाख बच्चों में अस्थमा था। यदि आपके बच्चे को साँस लेने की समस्या के साथ-साथ नीले रंग के होंठ हैं तो यह ब्रोंकाइटिस (Bronchitis) का संकेत हो सकता है। यहां तक कि कम साँस लेने की समस्या भी आपके बच्चे के ऊर्जा स्तर को कम कर सकती है और उन्हें बीमार बना सकती है। इसलिए यदि आप देख रहे हैं कि आपके बच्चे को साँस लेने में कठिनाई हो रही है तो तुरंत बाल रोग विशेषज्ञ से बात करें। (और पढ़ें – दमा (अस्थमा) के घरेलू उपचार)

बच्चे अक्सर पेट के दर्द की शिकायत करते हैं। कभी-कभी यह वास्तविक होता है और कभी-कभी स्कूल नहीं जाने का बहाना होता है या फिर उन्हें खाना अच्छा नहीं लगता जिसके कारण से बहाना कर रहे होते हैं। लेकिन आपका बच्चा अगर सप्ताह में कई बार इसकी शिकायत करता है और दर्द गंभीर है तो समस्या को गंभीरता से लेना चाहिए। इसके अलावा अगर अपने बच्चे को नीचे दाहिनी ओर दर्द होता है और साथ में बीमार, उल्टी, दस्त और कोमलता महसूस करता है तो यह एपेंडेसिटीिस (Appendicitis) के लक्षण हो सकते हैं। इसलिए दर्दनाक सूजन से बचने के लिए इन्हें चिकित्सा की जरूरत होती है। (और पढ़ें – पेट फूलने की समस्या से अगर छुटकारा चाहते हैं तो जरूर करें ये उपाय)

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यदि आपका बच्चा पेशाब करने पर दर्द की शिकायत करता है तो यह एक संकेत है कि कुछ गलत है। इसका मतलब यह हो सकता है कि आपके बच्चे के मूत्र पथ के संक्रमण (यूटीआई; UTI) हैं। द इंटरनेशनल जर्नल ऑफ़ पीडियाट्रिक्स में प्रकाशित 2012 के एक अध्ययन में कहा गया है कि बच्चों में यूटीआई सामान्य होते हैं। यदि यह समस्या आवृत्ति या गंभीर है तो संभावित रूप से गुर्दे की समस्या हो सकती है। जिन शिशुओं में यूटीआई की समस्या है, उनमें चिड़चिड़ापन, बुखार, उल्टी और परेशानी जैसे लक्षण दिखाई देते हैं, और बड़े बच्चों को बार बार पेशाब आना, खराब मूत्र और बुखार की समस्या रहती है। पेशाब के दौरान दर्द जननांगों की किसी तरह की चोट या जलन के कारण भी हो सकता है। लड़कियों में योनी की सूजन वूलविटिस (vulvitis) के कारण हो सकता है जो बुलबुला स्नान लेने या कठोर साबुन का उपयोग करने के कारण होता है। इसलिए यदि आपके बच्चे को पेशाब करते समय दर्द होता है या पेशाब नहीं होता है तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।

बच्चों में अधिक ऊर्जा होती है जिसे देख कर माता-पिता खुश रहते हैं लेकिन आपके बच्चे में पर्याप्त आराम के बाद भी थकान के लक्षण दीखते हैं तो इसे चेतावनी के रूप में लें क्योकि आपकी आपके बच्चे के साथ कुछ गलत हो रहा है। बच्चों में अत्यधिक थकान कई जीवनशैली सम्बन्धी कारणों से हो सकती है जैसे अस्वस्थ खाने की आदत, गतिहीन जीवन शैली और नींद की कमी आदि। बच्चों में अत्यधिक थकान कई गंभीर कारणों जैसे एनीमिया, मलसाबोधन, अवसाद, हृदय या गुर्दा की बीमारी, एलर्जी, एक वायरल संक्रमण और कुछ प्रकार के प्रतिरक्षा विकार, यहां तक कि कैंसर से भी हो सकती है। इसलिए यदि आपके बच्चे को अत्यधिक थकान होती है तो उन्हें तुरंत डॉक्टर के पास ले जाएँ और यह निर्धारित करें कि उनके लिए उपचार आवश्यक है या नहीं। (और पढ़ें – थकान दूर करने और ताकत के लिए क्या खाएं)

बच्चों में उलटी की समस्या सामान्य है। यह कठिन तेज़ खांसी के कारण, बहुत अधिक रोने से, बहुत अधिक खाने से या पेट की समस्याओं के कारण हो सकती है। लेकिन आपका बच्चा कम मात्रा में भी तरल पदार्थ का सेवन नहीं कर रहा है तो यह उसके निर्जलीकरण का कारण हो सकता है जिसके कारण उनमें मूत्र उत्पादन में कमी, धँसी हुई आँखें, अधिक नींद, सूखे होंठ और आँसू के बिना रोने के लक्षण होते है। अधिक निर्जलीकरण बहुत गंभीर समस्या हो सकती है लेकिन इसका इलाज IV के माध्यम से तरल पदार्थ का फिर से सेवन कर के किया जा सकता है। इसके अलावा अगर आपके बच्चे को उलटी के साथ रक्त निकल रहा है तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें क्योकि यह अवरुद्ध आंत की समस्या के कारण हो सकता है। इसके अलावा अगर आपका बच्चा उल्टी के साथ सुस्त हो जाता है, चेतना में कमी होती है या वह भ्रमित हो जाता है तो यह सिर के गंभीर चोट का संकेत हो सकता है। ऐसी स्तिथि में तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए। (और पढ़ें – शरीर में पानी की कमी के 10 महत्वपूर्ण संकेत)

चेहरे की सूजन कुछ बच्चों में स्ट्रांग एलर्जी प्रतिक्रिया जैसे खाद्य एलर्जी, कीड़े के काटने से या डंक मारने का लक्षण हो सकता है। यह बड़ी समस्या उत्पन्न कर सकता है। यह एक ऐसी स्वास्थ्य चिंता है जिसके उपचार और निदान के लिए तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। बच्चों में चेहरे की सूजन में बच्चे के चेहरे का पफपन, सूजन या विचलन शामिल होता है। रेडियोग्राफ़िक्स में प्रकाशित 2006 के एक अध्ययन में बताया गया है कि संक्रमण चेहरे की सूजन का सबसे सामान्य कारण है। यदि आपका बच्चा किसी अंतर्निहित फोड़ें से परेशान है तो उससे जल निकासी की आवश्यकता हो सकती है। हाइपोथायरायडिज्म (hypothyroidism), गलसुआ (mumps), नेफ्रोटिक सिंड्रोम (nephrotic syndrome), चेहरे का आघात और कीट के डंक या काटने के कारण भी चेहरे की सूजन की समस्या हो सकती है। (और पढ़ें – क्या बच्चों की सर्दी-खांसी का इलाज है शहद?)

ब्लूबेरी, ब्लैकबेरी या नीली रंग की कैंडी के खाने से आपके बच्चे के होंठ नीले रंग के हो जाते हैं पर यह आपकी चिंता का कारण नहीं होता है लेकिन अत्यधिक ? के कारण आपके बच्चे के होठ नीले रंग के हो सकते हैं। लेकिन इन सभी लक्षणों के अलावा किसी कारण से अगर आपके बच्चे के होंठ नीले होते हैं तो यह सियानोसिस (Cyanosis) का संकेत हो सकता है। यह रक्त में ऑक्सीजन की कमी या रक्त परिसंचरण की कमी के कारण होता है। हृदय रोग, निमोनिया (pneumonia), दमा (asthma) या अन्य अधिक दुर्लभ परिस्थितियों के कारण श्वास लेने में कठिनाई के कारण भी बच्चों के होंठ नीले हो सकते हैं। चूंकि ये सभी कारण हलके से गंभीर स्तिथि में परिवर्तित हो सकते है इसलिए इसके बारे में तुरंत एक डॉक्टर से परामर्श करें। (और पढ़ें – बच्चों में भूख ना लगने के कारण, लक्षण और उनका आयुर्वेदिक समाधान)

बच्चों में चकत्ते होना बहुत आम बात हैं और आम तौर पर इस बारे में चिंतित होने की हमें कोई जरूरत नहीं होती है। लेकिन अगर आप अपने बच्चे के शरीर पर गंभीर चकत्ते के साथ बुखार, उल्टी, घरघराहट, खाने में परेशानी, पेट में दर्द या साँस लेने में कठिनाई जैसे लक्षण हैं तो यह एनाफिलेक्टिक प्रतिक्रिया (anaphylactic) की स्थिति का संकेत हो सकता है। यदि आपके बच्चे को लाल धब्बे है जो दबाने पर सफ़ेद हो जाता है और छोड़ने पर फिर से लाल रंग में बदल जाता है तो यह सेप्सिस (sepsis) या मेनिन्जाइटिस (meningitis) का लक्षण हो सकता है। दोनों स्तिथि में तुरंत चिकित्सा देखभाल की आवश्यकता होती है। (और पढ़ें – बच्चों के लिए दांतों में कैविटी से बचने के उपाय)

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