सूखे मेवे जिन्हें ड्राई फ्रूट्स या नट्स भी कहते हैं बेहद हेल्दी माने जाते हैं। हेल्दी फैट ओमेगा-6 और ओमेगा-3, फोलिक एसिड, फाइबर, प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स से भरपूर मेवों का रोजाना सेवन करना आपकी सेहत के लिए कई तरह से फायदेमंद हो सकता है। डायबिटीज, हाई बीपी और ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस जैसी बीमारियों को भी दूर रखने में मददगार होते हैं ड्राई फ्रूट्स। इसके अलावा अगर बुजुर्ग रोजाना नट्स का सेवन करें तो उनमें संज्ञानात्मक कमी की समस्या कम हो सकती है। 

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लेकिन जब बात प्रेगनेंसी की आती है जो ज्यादातर महिलाएं इस बात को लेकर सतर्क हो जाती हैं कि उन्हें क्या खाना चाहिए और क्या नहीं, ताकि उनके गर्भ में पल रहे बच्चे पर किसी तरह का कोई नकारात्मक असर न पड़े। अमेरिकन कॉलेज ऑफ ऑब्स्ट्रेटिशन्स एंड गाइनैकॉलजिस्ट्स भी गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को सूखे मेवे खाने की सलाह देते हैं। गर्भावस्था के शुरुआती हफ्तों में यानी पहली तिमाही के दौरान अगर गर्भवती महिला नट्स का सेवन करे तो इससे बच्चे के न्यूरोसाइकोलॉजिकल विकास में सुधार हो सकता है। कई स्टडीज और रिसर्च में यह पाया गया है कि जिन बच्चों की मांएं गर्भावस्था के पहले तिमाही के दौरान प्रति सप्ताह करीब 74 ग्राम नट्स खाती हैं, उनके बच्चों में बेहतर बुद्धि, याददाश्त, ध्यान और एकाग्रता होती है, उन मांओं के बच्चों की तुलना में जो नट्स का सेवन नहीं करतीं।

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गैर-गर्भवती महिलाओं की तुलना में गर्भवती महिलाओं में ओमेगा-3 फैटी एसिड की आवश्यकता बढ़ जाती है। कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि ये फैटी एसिड गर्भावस्था के समय के साथ-साथ नवजात शिशुओं के जन्म के वजन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड को इसेंशियल फैटी एसिड कहा जाता है क्योंकि हमारा शरीर इनका उत्पादन नहीं कर सकता और इन फैटी एसिड्स को सिर्फ डाइट के जरिए ही प्राप्त किया जा सकता है। इसलिए गर्भावस्था के दौरान नट्स का सेवन जरूरी है ताकि गर्भवती महिलाओं को यह जरूरी पोषक तत्व प्राप्त हो सके। 

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कुल मिलाकर देखें तो ड्राई फ्रूट्स या नट्स बेहद फायदेमंद हैं और गर्भवती महिलाओं को इनका सेवन करना चाहिए, लेकिन गर्भवती महिलाओं के मन में अक्सर यह सवाल आता है कि क्या सारे नट्स या ड्राई फ्रूट्स का सेवन प्रेगनेंसी के दौरान फायदेमंद है या कुछ ऐसे भी नट्स हैं जिनसे परहेज करना चाहिए। गर्भावस्था के दौरान ड्राई फ्रूट्स खाने के फायदे और नुकसान क्या हैं, कितनी मात्रा में खाना चाहिए, इस बारे में हम आपको यहां बता रहे हैं।

  1. क्या प्रेगनेंसी में ड्राई फ्रूट्स खाना सेफ है? - Pregnancy me dry fruits safe hai ya nhi?
  2. प्रेगनेंसी में ड्राई फ्रूट्स खाने के फायदे - Pregnancy me dry fruits ke fayde
  3. प्रेगनेंसी में ड्राई फ्रूट्स खाने के नुकसान - Pregnancy me dry fruits ke nuksan
  4. प्रेगनेंसी में कौन से नट्स खाएं और कौन से नहीं? - Pregnancy me kaun se nuts khaye?
  5. प्रेगनेंसी में ड्राई फ्रूट्स कब खाने चाहिए? - Pregnancy me dry fruits kab khaye?
  6. सारांश

जैसा कि हमने आपको पहले ही बताया कि ड्राई-फ्रूट्स, नट्स या सूखे मेवों को विटामिन्स और मिनरल्स के पावरहाउस के रूप में जाना जाता है। विटामिन बी, विटामिन सी, विटामिन के, विटामिन ई, फाइबर और एमिनो एसिड से भरपूर नट्स, गर्भवती महिलाओं की डाइट का हिस्सा जरूर होने चाहिए। सूखे मेवे का सेवन करने से भूख को भी शांत करने में मदद मिलती है जो गर्भावस्था के दौरान फायदेमंद साबित हो सकता है और इतनी सारी खूबियों के कारण हम यह कह सकते हैं कि प्रेगनेंसी में ड्राई फ्रूट्स खाना पूरी तरह से सुरक्षित है।

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लेकिन कई दूसरी चीजों की ही तरह प्रेगनेंसी में ड्राई फ्रूट्स का सेवन भी सीमित मात्रा में और सावधानी के साथ करना चाहिए क्योंकि बहुत ज्यादा नट्स खा लेने से कई तरह की समस्याएं और जटिलताएं भी हो सकती हैं। लिहाजा गर्भवती महिलाएं प्रेगनेंसी के दौरान सूखे मेवे खा सकती हैं लेकिन सीमित मात्रा में। 

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गर्भावस्था के दौरान नट्स को पोषण का एक बेहतरीन स्रोत माना जाता है। फिर चाहे प्रेगनेंसी की पहली तिमाही हो, दूसरी या तीसरी, आपको हर समय पोषण की आवश्यकता होती है जिसकी पूर्ति के लिए आप सूखे मेवे का सेवन कर सकती हैं। बादाम, काजू, पिस्ता या अखरोट, ये सभी पोषक तत्वों से भरपूर ड्राई फ्रूट्स हैं जिनका सेवन गर्भवती महिलाओं को जरूर करना चाहिए।

फाइबर के लिए प्रेगनेंसी में ड्राई फ्रूट्स के फायदे - Pregnancy me dry fruits ke fayde fiber ke liye

गर्भावस्था के दौरान अक्सर हार्मोन्स में होने वाले बदलाव के कारण महिलाओं को कब्ज की समस्या हो जाती है और ड्राई फ्रूट्स डाइट्री फाइबर से भरपूर होता है जो कब्ज की समस्या दूर करने में मदद कर सकता है। इसलिए गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को उच्च मात्रा में फाइबर से भरपूर आहार का सेवन करने की सलाह दी जाती है। ड्राई फ्रू्ट्स में फाइबर की मात्रा अधिक होती है और इसलिए गर्भवती महिलाएं इनका सेवन कर सकती हैं।

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विटामिन ई के लिए प्रेगनेंसी में ड्राई फ्रूट्स के फायदे - Pregnancy me dry fruits ke fayde vitamin e ke liye

ड्राई फ्रूट्स में मौजूद विटामिन ई गर्भ में पल रहे बच्चे की कोशिकाओं और फेफड़ों के विकास में मदद करता है। इसके अलावा विटामिन ई आपके शरीर में वसा (लिपिड) की संरचना को बनाए रखता है। यह इम्यून सिस्टम को मजबूत करके वायरस और बैक्टीरिया से सुरक्षा प्रदान करने में भी मदद करता है। साथ ही यह आपकी रक्त वाहिकाओं को विस्तृत होने में भी मदद करता है ताकि खून का थक्का जमने की समस्या को रोका जा सके। गर्भावस्था के दौरान स्ट्रेच मार्क्स के निशान को दूर करने में भी मदद करता है विटामिन ई।

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आयरन के लिए प्रेगनेंसी में ड्राई फ्रूट्स के फायदे - Pregnancy me dry fruits ke fayde iron ke liye

आपकी प्रेगनेंसी हेल्दी बनी रहे इसके लिए बेहद जरूरी है कि शरीर में आयरन का लेवल बना रहे और खजूर और सूखी अंजीर- ये कुछ ऐसे ड्राई फ्रूट्स हैं जो आपकी रोजाना की आयरन की जरूरत को पूरा करने में आपकी मदद कर सकते हैं। इसके अलावा गर्भावस्था के दौरान आपका शरीर अतिरिक्त खून (हीमोग्लोबिन) बनाता है आपके और आपके बच्चे की जरूरत के लिए। साथ ही पर्याप्त मात्रा में आयरन लेने से प्रेगनेंसी के दौरान थकान और एनीमिया की समस्या से भी बचा जा सकता है।

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पोटैशियम और मैग्नीशियम के लिए प्रेगनेंसी में ड्राई फ्रूट्स के फायदे - Pregnancy me dry fruits ke fayde potassium ke liye

प्रेगनेंसी में कई बार गर्भवती महिलाओं में ब्लड प्रेशर की भी समस्या हो जाती है और अगर ब्लड प्रेशर बहुत ज्यादा बढ़ जाए तो यह गर्भवती महिला और उसके बच्चे दोनों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। इसलिए ड्राई फ्रूट्स में पाया जाने वाला पोटैशियम ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने और मांसपेशियों पर कंट्रोल को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है। इसके अलावा ड्राई फ्रूट्स में मैग्नीशियम भी पाया जाता है जो गर्भ में पल रहे बच्चे की नसों और हड्डियों के बेहतर तरीके से विकास में मददगार साबित हो सकता है। इसके अलावा मैग्नीशियम प्री-एक्लेम्प्सिया की समस्या को दूर करने और जन्म के वक्त बच्चे के वजन को बढ़ाने में भी मददगार साबित हो सकता है।

नैचरल शुगर के लिए प्रेगनेंसी में ड्राई फ्रूट्स के फायदे - Pregnancy me dry fruits ke fayde natural sugar ke liye

गर्भावस्था के दौरान ब्लड शुगर पर कंट्रोल रखना बेहद जरूरी है क्योंकि इस दौरान बहुत अधिक मात्रा में चीनी का सेवन करने से जेस्टेशनल डायबिटीज  का खतरा हो सकता है। इसलिए बेहद जरूरी है कि आप नैचरल चीजों से प्राप्त होने वाली चीनी पर ही निर्भर रहें और ड्राई फ्रूट्स इन्हीं में से एक है। ड्राई फ्रूट्स में प्राकृतिक रूप से मौजूद चीनी को पचाना आसान होता है और यह शरीर के लिए आवश्यक एनर्जी प्रदान करने में भी मददगार साबित हो सकते हैं। इसके अलावा गर्भावस्था के दौरान ड्राई फ्रूट्स और नट्स का सेवन करने से होने वाले बच्चे में अस्थमा और घरघराहट की समस्या होने का खतरा भी बेहद कम हो जाता है।

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अगर आप गर्भावस्था के दौरान सीमित मात्रा में ड्राई फ्रूट्स का सेवन करती हैं तो यह आपके लिए सेफ माना जाता है लेकिन बहुत अधिक सूखे मेवे का सेवन करने से कई तरह की समस्याएं और जटिलताएं हो सकती हैं:

  • अगर गर्भवती महिला बहुत ज्यादा सूखे मेवे का सेवन करे तो इससे उनके पेट में गैस, पेट फूलना और डायरिया की समस्या भी हो सकती है।
  • ड्राई फ्रूट्स और नट्स में कैलोरीज की मात्रा अधिक होती है और इसलिए अगर नट्स का बहुत ज्यादा मात्रा में सेवन किया जाए तो इससे न सिर्फ गर्भवती महिला का बहुत ज्यादा वजन बढ़ सकता है बल्कि कई और तरह की सेहत से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।
  • यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि ड्राई फ्रूट्स में चीनी की मात्रा अधिक होती है और इसमें ताजे फल जितना पानी भी नहीं होता है। इसका मतलब है कि यह पाचन में भी बहुत अधिक सहायता नहीं करता है। इसलिए बेहद जरूरी है कि गर्भवती महिलाएं सिर्फ सीमित मात्रा में ही सूखे मेवे का सेवन करें और डिब्बाबंद या कैंडी वाले फलों का सेवन करने से पूरी तरह से बचना चाहिए।
  • अगर आपको ड्राई फ्रूट्स या नट्स से एलर्जी हो (खासकर मूंगफली) तो गर्भावस्था के दौरान इनका सेवन बिलकुल न करें वरना यह आपके और बच्चे के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।

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गर्भावस्था के दौरान आप बादाम, काजू, किशमिश, अखरोट, सूखी अंजीर, पिस्ता और खजूर का सेवन कर सकती हैं क्योंकि ये सारे सूखे मेवे वेट को कंट्रोल करने में, पाचन को बेहतर बनाकर कब्ज की समस्या दूर करने में, हृदय रोग से बचाने में, ब्लड प्रेशर कंट्रोल करे में, बच्चे के ब्रेन और आंखों के विकास में और हड्डियों और दांतों के निर्माण में मदद कर सकता है। लेकिन कई लोगों को मूंगफली से एलर्जी होती है इसलिए प्रेगनेंसी के दौरान आप चाहें तो मूंगफली का सेवन न करें।

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वैसे तो पूरी प्रेगनेंसी के दौरान सूखे मेवे या ड्राई फ्रूट्स का सेवन फायदेमंद माना जाता है लेकिन सीमित मात्रा में ही। लिहाजा पहली तिमाही में, गर्भवती महिला को रोजाना लगभग 60 ग्राम नट्स की आवश्यकता होती है, दूसरी तिमाही में लगभग 90 ग्राम और अंतिम तिमाही में लगभग 100-120 ग्राम यानी करीब मुट्ठी भर नट्स और यह विभिन्न प्रकार के नट्स का मिश्रण होना चाहिए। आपको इसमें चिया के बीज को भी शामिल करना चाहिए जो प्रोटीन और ओमेगा-3 फैटी एसिड से समृद्ध है। आप चाहें तो एक बार में 5-6 बादाम, 2-3 अखरोट, 2 खजूर और 6-7 पिस्ता खा सकती हैं।

प्रेग्नेंसी के दौरान मेवे खाना बेहद फायदेमंद होता है। इनमें प्रोटीन, फाइबर, विटामिन्स, और मिनरल्स भरपूर होते हैं जो गर्भवती महिला और शिशु दोनों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं। बादाम, अखरोट, काजू और अन्य मेवे मस्तिष्क और हड्डियों के विकास में मदद करते हैं। मेवे में मौजूद हेल्दी फैट्स बच्चे के मस्तिष्क और आंखों के विकास के लिए जरूरी होते हैं। इसके अलावा, इनमें फाइबर होने से कब्ज जैसी समस्याओं में राहत मिलती है। लेकिन, मेवे सीमित मात्रा में और संतुलित आहार के साथ ही खाने चाहिए।

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