लिवरपार तरल पदार्थ में शामिल हैं फ़िलेन्थुस नूरूरी, फ़ुमारिया परविफ्लोरा, पिकर्ररिजा क्रूरो, कपार्स स्पिनोसा, एलेप्टा अल्बा, सिकोरियम इंटीबस, टर्मिनलिया चेबुला, और टेपरोसिया पुरपुरे।
सक्रिय सामग्रियों की भूमिका:
फ़िलेन्थुस निरुरी हेपेटाइटिस, तपेदिक और वायरल संक्रमण को राहत दे सकती है और अन्य यकृत समस्याओं से राहत पाने में भी उपयोगी है।
फ़ुमरिया परविफालोरा का उपयोग पीलिया, हेपटेमेगाली, स्प्लेनोमेगाली के उपचार में किया जाता है।
Picrorhiza kurroa पीलिया, जिगर संक्रमण बुखार, एलर्जी, और अस्थमा के कारण होता है के लिए प्रयोग किया जाता है।
कपेरिस स्पिनोसा हेपेटोप्रोटेक्टेक के रूप में उपयोग किया जाता है।
एलेप्टा अल्बा शरीर के विषाक्त पदार्थों को निष्कासित करने में मदद करता है, जिगर और शरीर को विरंजित करने में मदद करता है और शरीर की प्रतिरक्षा बढ़ा देती है।
सिकोरियम इंटीबस प्लांट का उपयोग यकृत, आमाशय, पीलिया, तिल्ली के बढ़ने की सुस्ती के इलाज में किया जाता है।
टर्मिनलिया चेबुला और टेपरोसिया पुरपुरे, दवा प्रेरित प्रेरित विषाक्तता के खिलाफ उत्कृष्ट हेपेटो-सुरक्षात्मक प्रभाव दिखाते हैं।
उपयोग की दिशा:
वयस्क: 1 से 2 चम्मच तीन बार एक दिन।
बच्चे: 1 से 2 चम्मच तीन बार एक दिन।
चिकित्सा पर्यवेक्षण के अंतर्गत उपयोग करें