डिलीवरी के बाद महिलाओं का शरीर लगभग 6 सप्ताह तक नाजुक रहता है. यही वजह है कि इस दौरान महिलाओं को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इसमें पेट में दर्द और ऐंठन की समस्या सबसे आम है. डिलीवरी सी-सेक्शन हो या नॉर्मल, दोनों ही स्थितियों में डिलीवरी के बाद पेट में दर्द महसूस हो सकता है. ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि इस समय शरीर गर्भावस्था से पहले वाली सामान्य स्थिति में आ रहा होता है. इसके अलावा भी कई अन्य कारण हैं, जो पेट दर्द के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं.

आज इस लेख में आप डिलीवरी के बाद पेट में दर्द होने के कारण व उपाय के बारे में जानेंगे -

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  1. डिलीवरी के बाद पेट दर्द क्यों होता है?
  2. डिलीवरी के बाद पेट में दर्द के उपाय
  3. डिलीवरी के बाद पेट में दर्द कब तक रहता है?
  4. सारांश
डिलीवरी के बाद पेट में दर्द का कारण व उपाय के डॉक्टर

डिलीवरी के बाद पेट के निचले हिस्से में दर्द या ऐंठन होना सामान्य है. अधिकतर महिलाओं को इस दर्द का सामना करना पड़ता है. कब्ज, सी-सेक्शन और इंफेक्शन की वजह से पेट में दर्द महसूस हो सकता है. डिलीवरी के बाद पेट में दर्द होने के कारण इस प्रकार हैं -

गर्भाशय का सिकुड़ना

डिलीवरी के बाद पेट में दर्द होने का सबसे मुख्य कारण गर्भाशय का सिकुड़ना है. दरअसल, गर्भावस्था के दौरान बच्चे को सहारा देने के लिए गर्भाशय नॉर्मल साइज से कई गुना बढ़ जाता है. फिर जब शिशु का जन्म होता है, तो यह अपने सामान्य आकार में धीरे-धीरे वापस आने लगता है. इस प्रक्रिया के दौरान महिलाओं को पेट के निचले हिस्से में तेज दर्द महसूस हो सकता है, जिसे आफ्टरेपेन कहा जाता है.

यह दर्द मासिक धर्म में होने वाले ऐंठन की तरह महसूस हो सकता है. डिलीवरी के बाद शुरुआती कुछ दिन तक ये दर्द असहनीय हो सकता है. इसके बाद दर्द धीरे-धीरे कम होने लगता है. कुछ महिलाएं स्तनपान के दौरान पेट में अधिक दर्द महसूस कर सकती हैं.

(और पढ़ें - नॉर्मल डिलीवरी के बाद क्या करें)

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सिजेरियन डिलीवरी

पेट में दर्द सिर्फ नॉर्मल डिलीवरी में ही नहीं, बल्कि सिजेरियन डिलीवरी के बाद भी हो सकता है. सिजेरियन डिलीवरी के बाद भी गर्भाशय सामान्य आकार में आने के लिए सिकुड़ता है. सिजेरियन डिलीवरी के बाद पेट के निचले हिस्से में अधिक दर्द महसूस हो सकता है. इस स्थिति में महिला को पर्याप्त आराम की जरूरत होती है. 

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कब्ज

कब्ज भी डिलीवरी के बाद महिलाओं में होने वाले पेट दर्द का कारण बन सकता है. डिलीवरी के बाद कब्ज बनने के कई कारण हो सकते हैं. इसमें गर्भावस्था में हाई प्रोजेस्टेरोन हार्मोनफाइबर की कमीस्ट्रेसबवासीर और प्रसव के बाद इनएक्टिव लाइफस्टाइल शामिल हैं. कब्ज होने पर महिलाएं ऐंठन, दबाव और सूजन महसूस कर सकती हैं. इसके अलावा, कुछ दवाइयां जैसे-एनेस्थीसिया और ओपिओइड्स भी पाचन को धीमा कर सकती हैं. इसकी वजह से कब्ज हो सकती है और पेट में दर्द हो सकता है.

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एंडोमेट्रियोसिस

एंडोमेट्रियोसिस गर्भाशय की परत की सूजन है, जो इंफेक्शन के कारण हो सकती है. इस स्थिति में महिलाओं को कब्ज, असामान्य योनि स्राव और पेल्विक एरिया में दर्द महसूस हो सकता है. डिलीवरी के बाद एंडोमेट्रियोसिस के चलते भी पेट में दर्द हो सकता है.

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बैक्टीरियल वेजिनोसिस

बैक्टीरियल वेजिनोसिस भी एक तरह का इंफेक्शन है, जो गर्भाशय में खराब बैक्टीरिया के कारण होता है. पेशाब करते समय जलनपेशाब से बदबूयोनि में खुजली और दर्द बैक्टीरियल वेजिनोसिस के लक्षण हैं. इस स्थिति को बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.

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डिलीवरी के बाद पेट में दर्द होने का मुख्य कारण गर्भाशय का सिकुड़ना होता है. यह एक सामान्य प्रक्रिया है. इसका कोई इलाज उपलब्ध नहीं है, लेकिन दर्द को कम करने के लिए कुछ उपाय आजमाएं जा सकते हैं, जो इस प्रकार हैं -

दर्द की दवाई

पेट के दर्द से आराम पाने के लिए ओवर-द-काउंटर पेन किलर दवाइयां, जैसे-इबुप्रोफेन ली जा सकती है. अगर दर्द असहनीय है, तो डॉक्टर की सलाह पर दर्द निवारक दवाई ली जा सकती है.

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महिलाओं के स्वास्थ के लिए लाभकारी , एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोंस को कंट्रोल करने , यूट्रस के स्वास्थ को को ठीक रखने , शरीर के विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाल कर सूजन को कम करने में लाभकारी माई उपचार आयुर्वेद द्वारा निर्मित अशोकारिष्ठ का सेवन जरूर करें ।  

एक्टिव रहें

जिस तरह से गर्भावस्था में एक्टिव रहना जरूरी होता है, उसी तरह डिलीवरी के बाद भी खुद को सक्रिय रखना चाहिए. इसके लिए आप थोड़ा वॉक करें, इससे कब्ज से छुटकारा मिलेगा. साथ ही पेट दर्द में भी आराम मिलेगा.

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ब्रीदिंग एक्सरसाइज

पेट के दर्द को कम करने के लिए ब्रीदिंग एक्सरसाइज की जा सकती है. इसके लिए आप कुछ प्राणायाम कर सकती हैं. कुछ अन्य हल्के योगासन भी किए जा सकते हैं. इससे आप रिलैक्स महसूस करेंगी.

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आराम करें

सी-सेक्शन डिलीवरी के बाद पूरा आराम लें. पेट पर अधिक दबाव डालने से बचें. हैवी सामान उठाने से बचें.

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हीटिंग पैड लगाएं

पेट पर हीटिंग पैड लगाकर भी दर्द से आराम मिल सकता है. अगर आपके पास हीटिंग पैड नहीं है, तो गर्म पानी की बोतल लगा सकती हैं. इससे मसल्स रिलैक्स होती हैं और आफ्टरपेन में आराम मिल सकता है.

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ब्लैडर को खाली रखें

डिलीवरी के बाद महिलाओं को स्तनपान कराने के दौरान पेट दर्द महसूस हो सकता है. इससे बचने के लिए स्तनपान करवाने से पहले ब्लैडर को खाली कर लें. पेशाब को रोककर बिल्कुल न रखें.

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जीवनशैली में बदलाव

जीवनशैली में बदलाव करके पेट के दर्द को कुछ हद तक कम किया जा सकता है. इसके लिए महिला हल्की एक्सरसाइज कर सकती है और कुछ देर पैदल चल सकती है. इसके अलावा, फाइबर युक्त फलों व सब्जियों का सेवन कर सकती है. साथ ही पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं. अगर स्तनपान करा रही हैं, तो एक दिन में 13 गिलास पानी जरूर लें. इससे आप हाइड्रेट रहेंगी व कब्ज से छुटकारा मिलेगा.

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बच्चे को जन्म देने के तुरंत बाद आफ्टरपेन शुरू हो सकता है, जो डिलीवरी के 2-3 दिन बाद बढ़ सकता है. यह दर्द 7 से 10 दिन तक बना रह सकता है. सी सेक्शन के जरिए शिशु को जन्म देने वाली महिलाओं को शुरुआत में अधिक परेशानी हो सकती है. अगर दर्द लंबे समय तक बना रहे, तो इस स्थिति को नजरअंदाज न करें और रेगुलर चेकअप करवाएं.

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डिलीवरी के बाद पेट में दर्द होना सामान्य है. अधिकतर महिलाओं को इस दर्द का सामना करना पड़ता है. पेट में दर्द गर्भाशय के सिकुड़ने, कब्ज व इंफेक्शन आदि के कारण हो सकता है. ऐसे में सही उपचार करने से इस समस्या में आराम मिल सकता है. अगर आपको पेट दर्द के साथ ही बुखार, डिस्चार्ज, ब्लीडिंग और पेशाब करते समय जलन भी हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.

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