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Trivang Musli Ashwa Shakti बिना डॉक्टर के पर्चे द्वारा मिलने वाली आयुर्वेदिक दवा है, जो मुख्यतः कमजोरी, थकान, यौन शक्ति कम होना, कमजोर इम्यूनिटी के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। इसके अलावा Trivang Musli Ashwa Shakti का उपयोग कुछ दूसरी समस्याओं के लिए भी किया जा सकता है। इनके बारे में नीचे विस्तार से जानकारी दी गयी है। Trivang Musli Ashwa Shakti के मुख्य घटक हैं गोखरू, आंवला, अश्वगंधा, जटामांसी, कौंच (कपिकच्छु), शतावरी, शिलाजीत, शहद, अभ्रक भस्म, लौह भस्म जिनकी प्रकृति और गुणों के बारे में नीचे बताया गया है। Trivang Musli Ashwa Shakti की उचित खुराक मरीज की उम्र, लिंग और उसके स्वास्थ्य संबंधी पिछली समस्याओं पर निर्भर करती है। यह जानकारी विस्तार से खुराक वाले भाग में दी गई है।
गोखरू |
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आंवला |
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अश्वगंधा |
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जटामांसी |
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कौंच (कपिकच्छु) |
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शतावरी |
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शिलाजीत |
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शहद |
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अभ्रक भस्म |
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लौह भस्म |
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Trivang Musli Ashwa Shakti 500gm इन बिमारियों के इलाज में काम आती है -
मुख्य लाभ
अन्य लाभ
यह अधिकतर मामलों में दी जाने वाली Trivang Musli Ashwa Shakti 500gm की खुराक है। कृपया याद रखें कि हर रोगी और उनका मामला अलग हो सकता है। इसलिए रोग, दवाई देने के तरीके, रोगी की आयु, रोगी का चिकित्सा इतिहास और अन्य कारकों के आधार पर Trivang Musli Ashwa Shakti 500gm की खुराक अलग हो सकती है।
आयु वर्ग | खुराक |
व्यस्क |
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चिकित्सा साहित्य में Trivang Musli Ashwa Shakti के दुष्प्रभावों के बारे में कोई सूचना नहीं मिली है। हालांकि, Trivang Musli Ashwa Shakti का इस्तेमाल करने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह-मशविरा जरूर करें।
क्या Trivang Musli Ashwa Shakti 500gm का उपयोग गर्भवती महिला के लिए ठीक है?
Trivang Musli Ashwa Shakti के सुरक्षा व हानि पहुंचाने वाले प्रभावों के विषय में किसी तरह की कोई रिसर्च नहीं हुई है। इसलिए इस बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता है, आप इस दवा के सेवन से पूर्व अपने डॉक्टर से सलाह लें।
क्या Trivang Musli Ashwa Shakti 500gm का उपयोग स्तनपान करने वाली महिलाओं के लिए ठीक है?
स्तनपान कराने वाली महिलाओं पर Trivang Musli Ashwa Shakti के अच्छे या बुरे प्रभावों के बारे में कोई रिसर्च नहीं की गई है, इसलिए इस बारे में जानकारी उपलब्ध नहीं है। अतः आप डॉक्टर की सलाह पर ही इसको लें।
Trivang Musli Ashwa Shakti 500gm का पेट पर क्या असर होता है?
बिना किसी डर के आप Trivang Musli Ashwa Shakti ले सकते हैं। यह पेट के लिए सुरक्षित है।
क्या Trivang Musli Ashwa Shakti 500gm का उपयोग बच्चों के लिए ठीक है?
शोध उपलब्ध न होने की वजह से Trivang Musli Ashwa Shakti का बच्चों पर क्या असर होता है इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।
क्या Trivang Musli Ashwa Shakti 500gm का उपयोग शराब का सेवन करने वालों के लिए सही है
Trivang Musli Ashwa Shakti का शरीर पर क्या असर होता है इस बारे में कुछ कह पाना मुश्किल है। इस पर कोई रिसर्च नहीं हो पाई है।
क्या Trivang Musli Ashwa Shakti 500gm शरीर को सुस्त तो नहीं कर देती है?
Trivang Musli Ashwa Shakti लेने के बाद आपको नींद नहीं आएगी। इसलिए आप गाड़ी चलाने या दूसरे कामों को आसानी से कर सकते हैं।
क्या Trivang Musli Ashwa Shakti 500gm का उपयोग करने से आदत तो नहीं लग जाती है?
नहीं, लेकिन फिर भी आप Trivang Musli Ashwa Shakti को लेने से पहले डॉक्टर से जरूर पूछें।
इस जानकारी के लेखक है -
BAMS, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, डर्माटोलॉजी, मनोचिकित्सा, आयुर्वेद, सेक्सोलोजी, मधुमेह चिकित्सक
10 वर्षों का अनुभव
संदर्भ
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. Volume- I. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1999: Page No 49-52
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 5-8
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. Volume- I. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1999: Page No 19-20
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 67-68
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 4. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 2004: Page No 122 - 123
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume VI. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 2008: Page No CCXLVIII-CCXLIX