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Looz Syrup Orange 360ml डॉक्टर के पर्चे द्वारा मिलने वाली दवा है, जो सिरप के रूप में उपलब्ध है। इसे मुख्यतः कब्ज के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। इसके अलावा, Looz Syrup Orange 360ml के कुछ अन्य प्रयोग भी हैं, जिनके बारें में आगे बताया गया है।
Looz Syrup Orange 360ml की उचित खुराक मरीज की उम्र, लिंग और उसके स्वास्थ्य संबंधी पिछली समस्याओं पर निर्भर करती है। यह दवा कितनी मात्रा में दी जानी चाहिए यह इस आधार पर भी निर्भर करता है कि मरीज की मूल समस्या क्या है और दवा को किस रूप में दिया जा रहा है। यह जानकारी विस्तार से खुराक वाले भाग में दी गई है।
इनके अलावा Looz Syrup Orange 360ml के कुछ अन्य दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं, जो नीचे दिए गए हैं। सामान्य तौर पर Looz Syrup Orange 360ml के साइड इफेक्ट लंबे समय तक बने नहीं रहते हैं और एक बार जब इलाज खत्म हो जाता है तो ये भी ठीक हो जाते हैं। हालांकि अगर ये समस्याएं लंबे समय तक बनी रहती हैं तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
गर्भवती महिलाओं पर Looz Syrup Orange 360ml का प्रभाव सुरक्षित होता है और स्तनपान कराने वाली महिलाओं पर इस दवा का प्रभाव हल्का है। यहां पर ये जानना जरूरी है कि Looz Syrup Orange 360ml का किडनी, लिवर या हार्ट पर कोई प्रभाव पड़ता है या नहीं। इस तरह के दुष्प्रभाव अगर कोई हैं तो इससे जुड़ी जानकारी Looz Syrup Orange 360ml से जुड़ी चेतावनी सेक्शन में दी गई है।
अगर आपको पहले से गैलेक्टोसिमिया जैसी कोई समस्या है, तो Looz Syrup Orange 360ml देने की सलाह नहीं दी जाती क्योंकि इसके दुष्प्रभाव पड़ सकते हैं। इनके आलावा कुछ अन्य समस्याएं भी हैं जिनमें Looz Syrup Orange 360ml लेने से स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है। इसके बारे में जानकरी के लिए आगे पढ़ें।
Looz Syrup Orange 360ml के साथ कुछ अन्य दवाएं लेने से शरीर में गंभीर प्रतिक्रियाएं हो सकती हैं। पूरी जानकारी के लिए नीचे दी गई जानकारी देखें।
ऊपर बताई गई सावधानियों के अलावा यह भी ध्यान में रखें कि वाहन चलाते वक्त Looz Syrup Orange 360ml लेना सुरक्षित है, साथ ही इसकी लत पड़ सकती है।
Looz Syrup Orange 360ml इन बिमारियों के इलाज में काम आती है -
मुख्य लाभ
अन्य लाभ
यह अधिकतर मामलों में दी जाने वाली Looz Syrup Orange 360ml की खुराक है। कृपया याद रखें कि हर रोगी और उनका मामला अलग हो सकता है। इसलिए रोग, दवाई देने के तरीके, रोगी की आयु, रोगी का चिकित्सा इतिहास और अन्य कारकों के आधार पर Looz Syrup Orange 360ml की खुराक अलग हो सकती है।
दवाई की खुराक बीमारी और उम्र के हिसाब से जानें
आयु वर्ग | खुराक |
व्यस्क |
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बुजुर्ग |
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किशोरावस्था(13 से 18 वर्ष) |
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क्या Looz Syrup Orange 360ml का उपयोग गर्भवती महिला के लिए ठीक है?
प्रेग्नेंट महिला Looz को बिना किसी घबराहट के खा सकती हैं।
क्या Looz Syrup Orange 360ml का उपयोग स्तनपान करने वाली महिलाओं के लिए ठीक है?
स्तनपान कराने वाली महिलाओं पर Looz का दुष्प्रभाव इतना कम होता है कि आपको यह महसूस भी नहीं होता है।
Looz Syrup Orange 360ml का प्रभाव गुर्दे पर क्या होता है?
Looz किडनी के लिए पूर्ण रूप से सुरक्षित है।
Looz Syrup Orange 360ml का जिगर (लिवर) पर क्या असर होता है?
Looz का सेवन आप बिना डॉक्टर कि सलाह के भी कर सकते हैं और ये दवा आपके लीवर की सेहत को हानि नहीं पहुंचाएगी।
क्या ह्रदय पर Looz Syrup Orange 360ml का प्रभाव पड़ता है?
Looz हृदय के लिए सुरक्षित है।
अगर आपको इनमें से कोई भी रोग है तो, Looz Syrup Orange 360ml को न लें क्योंकि इससे आपकी स्थिति और बिगड़ सकती है। अगर आपके डॉक्टर उचित समझें तो आप इन रोग से ग्रसित होने के बावजूद Looz Syrup Orange 360ml ले सकते हैं -
क्या Looz Syrup Orange 360ml आदत या लत बन सकती है?
Looz Syrup Orange 360ml की लत नहीं लगती, लेकिन फिर भी आपको इसे लेने से पहले सर्तकता बरतनी बेहद जरूरी है और इस विषय पर डॉक्टरी सलाह अवश्य लें।
क्या Looz Syrup Orange 360ml को लेते समय गाड़ी चलाना या कैसी भी बड़ी मशीन संचालित करना सुरक्षित है?
हां, Looz Syrup Orange 360ml के सेवन के बाद आप किसी भारी मशीन या वाहन चलाने का काम कर सकते हैं।
क्या Looz Syrup Orange 360ml को लेना सुरखित है?
हां, परंतु इसको लेने से पहले डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी है।
क्या मनोवैज्ञानिक विकार या मानसिक समस्याओं के इलाज में Looz Syrup Orange 360ml इस्तेमाल की जा सकती है?
मस्तिष्क विकारों में Looz Syrup Orange 360ml काम नहीं कर पाती है।
क्या Looz Syrup Orange 360ml को कुछ खाद्य पदार्थों के साथ लेने से नकारात्मक प्रभाव पड़ता है?
Looz Syrup Orange 360ml को खाने के साथ लेना सुरक्षित है।
जब Looz Syrup Orange 360ml ले रहे हों, तब शराब पीने से नकारात्मक प्रभाव पड़ता है क्या?
Looz Syrup Orange 360ml का शरीर पर क्या असर होता है इस बारे में कुछ कह पाना मुश्किल है। इस पर कोई रिसर्च नहीं हो पाई है।
कब्ज: शरीर में Looz का पाचन नहीं हो पाता है इसलिए ये बड़ी आंत से होकर गुज़रती है जहां बैक्टीरिया होता है जोकि उसे लैक्टिक एसिड, एसेटिक एसिड और फॉर्मिक एसिड में बदल देता है। इससे मल में फ्लूइड आ जाता है जिससे वह मुलायम हो जाती है और आसानी से मल त्याग किया हो पाता है।
हेपेटिक एंसेफलोपैथी: लिवर के फेल होने पर अमोनिया का शरीर से बाहर निकला मुश्किल हो जाता है। रक्त वाहिकाओं में अमोनिया का लेवल बढ़ने पर ये मस्तिष्क तक पहुंच सकता है और उसे नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए अतिरिक्त अमोनिया का शरीर से निकलना जरूरी होता है। Looz अमोनिया को रक्त वाहिकाओं से खींचकर मल के द्वारा शरीर से बाहर निकाल देती है। इस तरह Looz अमोनिया का स्तर बढने से रोकती है।
कब्ज या हेपेटिक एंसेफलोपैथी के ठीक होने तक Looz ले सकते हैं। कब्ज के लिए डॉक्टर आपको एक सप्ताह तक Looz लेने के लिए कह सकते हैं। हेपेटिक एंसेफालोपैथी के लिए डॉक्टर कुछ महीनों तक Looz लेने की सलाह दे सकते हैं। डॉक्टर द्वारा प्रिस्क्राइब किए गए समय तक Looz लेना बहुत जरूरी है।
Looz की वजह से किडनी फेल नहीं होती है। गंभीर किडनी रोग से जूझ रहे मरीज़ों को Looz दी जा सकती है। किडनी खराब होने पर शरीर से विषाक्त पदार्थ बाहर नहीं निकल पाते हैं। Looz सीरम यूरिआ और क्रिएटिनिन का लेवल कम कर देती है और इससे यूरिक एसिड का स्तर भी घट जाता है। ऐसे कई काम हैं जो किडनी फेल होने पर नहीं हो पाते हैं लेकिन Looz वो काम कर देती है।
Looz डिसैकाराइड या शुगर है जोकि फ्रूक्टोज़ और गैलेक्टोज़ से संश्लेषित है। प्रमुख तौर पर Looz का इस्तेमाल कब्ज से राहत पाने के लिए किया जाता है।
Looz गोली और लिक्विड के रूप में उपलब्ध है। कब्ज को रोकने के लिए दिन में एक बार और लिवर रोग को रोकने के लिए दिन में 3 से 4 बार Looz लेनी चाहिए। डॉक्टर द्वारा प्रिस्क्राइब की गई मात्रा में ही Looz लेनी चाहिए। Looz की ज्यादा या कम खुराक की वजह से हानिकारक प्रभाव झेलने पड़ सकते हैं इसलिए डॉक्टर की सलाह पर ही Looz लेनी चाहिए।
इस जानकारी के लेखक है -
B.Pharma, फार्मेसी
5 वर्षों का अनुभव
संदर्भ
April Hazard Vallerand, Cynthia A. Sanoski. [link]. Sixteenth Edition. Philadelphia, China: F. A. Davis Company; 2019: Page No 739
KD Tripathi. [link]. Seventh Edition. New Delhi, India: Jaypee Brothers Medical Publishers; 2013: Page No 676