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Haemiron बिना डॉक्टर के पर्चे द्वारा मिलने वाली आयुर्वेदिक दवा है, Haemiron की उचित खुराक मरीज की उम्र, लिंग और उसके स्वास्थ्य संबंधी पिछली समस्याओं पर निर्भर करती है। यह जानकारी विस्तार से खुराक वाले भाग में दी गई है।
Haemiron इन बिमारियों के इलाज में काम आती है -
मुख्य लाभ
अन्य लाभ
यह अधिकतर मामलों में दी जाने वाली Haemiron की खुराक है। कृपया याद रखें कि हर रोगी और उनका मामला अलग हो सकता है। इसलिए रोग, दवाई देने के तरीके, रोगी की आयु, रोगी का चिकित्सा इतिहास और अन्य कारकों के आधार पर Haemiron की खुराक अलग हो सकती है।
दवाई की खुराक बीमारी और उम्र के हिसाब से जानें
आयु वर्ग | खुराक |
चिकित्सा साहित्य में Haemiron के दुष्प्रभावों के बारे में कोई सूचना नहीं मिली है। हालांकि, Haemiron का इस्तेमाल करने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह-मशविरा जरूर करें।
क्या Haemiron का उपयोग गर्भवती महिला के लिए ठीक है?
क्या Haemiron का उपयोग स्तनपान करने वाली महिलाओं के लिए ठीक है?
Haemiron का प्रभाव गुर्दे पर क्या होता है?
Haemiron का जिगर (लिवर) पर क्या असर होता है?
क्या ह्रदय पर Haemiron का प्रभाव पड़ता है?
Haemiron को इन दवाइयों के साथ लेने से गंभीर दुष्प्रभाव या साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं -
मध्यम
हल्का
अगर आपको इनमें से कोई भी रोग है तो, Haemiron को न लें क्योंकि इससे आपकी स्थिति और बिगड़ सकती है। अगर आपके डॉक्टर उचित समझें तो आप इन रोग से ग्रसित होने के बावजूद Haemiron ले सकते हैं -
Haemiron आयरन की तरह नहीं होती है। Haemiron एक विटामिन है जबकि आयरन मिनरल है। कई मल्टी-विटामिंस और प्रीनेटल विटामिंस में ये दोनों पदार्थ होते हैं इसलिए इन दोनों पदार्थों को एक साथ ले सकते हैं।
फोलिक एसिड त्वचा, बालों और नाखूनों की कोशिकाओं के विकास के लिए जिम्मेदार होता है। Haemiron से बाल बढ़ सकते हैं।
लंबे समय तक Haemiron का इस्तेमाल असुरक्षित हो सकता है क्योंकि इससे पेट खराब होने, गैस, पेट में ऐंठन और दस्त लगने की समस्या हो सकती है।
अपनी मर्जी से Haemiron खानी बंद नहीं करनी चाहिए। ब्लड टेस्ट द्वारा डॉक्टर आपके शरीर में फोलिक एसिड का स्तर देखने के बाद ही Haemiron बंद करने की सलाह देते हैं। अगर आपके शरीर में फोलिक एसिड का स्तर सामान्य पाया गया तो डॉक्टर आपको Haemiron लेनी बंद करने की कह सकते हैं।
स्पाइना बिफिडा एक जन्मदोष है जिसमें रीढ़ की हड्डी और मेरुदंड ठीक तरह से नहीं बन पाते हैं। इसे न्यूरल ट्यूब दोष की श्रेणी में रखा गया है। इस दोष के कारण भ्रूण की न्यूरल ट्यूब ठीक तरह से बंद नहीं हो पाती है और इस वजह से भ्रूण की रीढ़ की हड्डी पूरी तरह से नहीं बन पाती है। रिसर्च के मुताबिक Haemiron भ्रूण को स्पाइना बिफिडा से बचाती है।