लैवेंडर एक प्रकार की जड़ी-बूटी है. इस पौधे का इस्तेमाल आयुर्वेद में औषधि के रूप में किया जाता है. इसका इस्तेमाल मुख्य रूप से तेल के रूप में किया जाता है. वहीं, इसके पौधे की कलियों को उबालकर लैवेंडर चाय बनाई जाती है. लैवेंडर की चाय सुकून भरी और गहरी नींद लाने और पाचन को सुचारू रूप से चलाए रखने में फायदा करती है. हालांकि, इसके कुछ नुकसान भी हैं, जैसे इसके सेवन से कुछ लोगों की हार्टबीट बढ़ जाती है और प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए भी इसे सुरक्षित नहीं माना जाता है.

आज इस लेख में आप लैवेंडर चाय के फायदे और नुकसान के बारे में जानेंगे -

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  1. लैवेंडर चाय के फायदे
  2. लैवेंडर चाय के नुकसान
  3. सारांश
लैवेंडर चाय के फायदे व नुकसान के डॉक्टर

लैवेंडर को अंग्रेजी में लैवेंडुला अंगुस्टिफोलिया (Lavandula angustifolia) कहा जाता है. इसके फूल की कलियों से बनी चाय खराब मूड, खराब पाचन और इनसोमनिया की स्थिति में फायदेमंद हो सकती है. आइए, लैवेंडर चाय के फायदे के बारे में विस्तार से जानते हैं -

मूड में सुधार के लिए लैवेंडर टी के फायदे

लैवेंडर का इस्तेमाल मुख्य रूप से अरोमाथेरेपी में किया जाता है. इसे उपयोग करके चिंताअवसाद व थकान में कुछ हद तक सुधार किया जा सकता है. कुछ वैज्ञानिक अध्ययनों से पता चलता है कि लैवेंडर में ऐसे कंपाउंड पाए जाते हैं, जो मस्तिष्क के कुछ हिस्सों में गतिविधि को उत्तेजित कर सकते हैं, जिससे मूड में सुधार हो सकता है व मन को शांति मिलती है. इस काम में लैवेंडर से निकलने वाल अर्क व तेल का इस्तेमाल मुख्य रूप से किया जाता है. हालांकि, ये काम लैवेंडर चाय का सेवन करने से भी किया जा सकता है, लेकिन इस तथ्य की पुष्टि करने के लिए कम ही शोध उपलब्ध हैं.

लैवेंडर चाय के प्रभाव की जांच करने के लिए ताइवान में पहली बार मां बनी 80 महिलाओं पर शोध किया गया. इन्हें 2 हफ्ते तक रोज 1 कप (250 एमएल) लैवेंडर चाय पीने के लिए कहा गया. बाद में ये पाया गया कि जिन महिलाओं ने लैवेंडर चाय नहीं पी थी, उनके मुकाबले चाय पीने वाली महिलाओं में थकान और अवसाद कम था.

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बेहतर नींद के लिए लैवेंडर टी के फायदे

अभी तक के शोध इस बात की पुष्टि करते हैं कि लैवेंडर को अरोमाथेरेपी की तरह इस्तेमाल करने या सूंघने से अच्छी नींद प्राप्त होती है. इसकी पुष्टि करने के लिए वैज्ञानिकों ने पहली बार मां बनीं करीब 158 महिलाओं पर शोध किया. इस शोध में बताया गया कि जिन महिलाओं ने 8 हफ्ते तक हर हफ्ते करीब 4 दिन लैवेंडर की खुशबू ली, उनकी नींद में सुधार देखा गया.

कुछ इसी तरह का अध्ययन नींद की समस्या से परेशान 79 कॉलेज छात्रों पर भी किया गया. लैवेंडर को सूंघने पर उनकी नींद की गुणवत्ता में भी सुधार पाया गया. इन छात्रों ने रोज रात को सोने से पहले लैवेंडर का तेल अपनी छाती पर लगाया था.

वहीं, इस संबंध में लैवेंडर चाय की बात करें, तो इस संबंध में ठोस शोध अभी उपलब्ध नहीं है. फिर भी वैज्ञानिकों का कहना है कि लैवेंडर चाय पीने से इसके प्रभाव लैवेंडर की अरोमाथेरेपी की तरह हो सकते हैं. इसलिए, रात को सोने से पहले एक कप लैवेंडर चाय पी जा सकती है.

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पीरियड्स की ऐंठन के लिए लैवेंडर टी के फायदे

पीरियड्स के दौरान शरीर में दर्द होना महिलाओं के लिए आम बात है. ऐसे में लैवेंडर का इस्तेमाल करना फायदेमंद हो सकता है. विशेष रूप से, ईरान में 200 युवा महिलाओं पर अध्ययन किया गया. इसमें पाया गया कि मासिक धर्म के पहले 3 दिन करीब 30 मिनट लैवेंडर को सूंघने से दर्दनाक ऐंठन में राहत मिल सकती है.

एक अन्य शोध से पता चलता है कि लैवेंडर एसेंशियल ऑयल से मालिश करने से भी मासिक धर्म की ऐंठन को कम करने में मदद मिल सकती है. वहीं, लैवेंडर चाय की बात करें, तो इस संबंध में कोई अध्ययन उपलब्ध नहीं है. फिर भी लैवेंडर चाय पीने से थोड़ा आराम मिल सकता है.

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स्किन हेल्थ के लिए लैवेंडर टी के फायदे

लैवेंडर के तेल में एंटइंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल प्रभाव पाए जाते हैं. इन गुणों के कारण इसे मुंहासेसोरायसिस के कारण त्वचा में आने वाली सूजन और घावों को भरने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है.

चूहों पर किए गए अध्ययन में पाया गया कि 14 दिन तक लैवेंडर के तेल को लगाने से घावों को जल्दी भरने में मदद मिली. वहीं, इस संबंध में चाय को लेकर किसी भी तरह की रिसर्च उपलब्ध नहीं है. फिर भी सीमित मात्रा में लैवेंडर चाय पीने में कोई नुकसान नहीं है.

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लैवेंडर चाय पीने से कुछ लोगों को त्वचा की जलन, कब्जसिरदर्द व उल्टी जैसी समस्या हो सकती है. आइए, विस्तार से जानते हैं कि इसे अधिक मात्रा में लेने से क्या-क्या दुष्प्रभाव हो सकते हैं -

  • गर्भवती महिलाओं को लैवेंडर चाय नहीं पीनी चाहिए. ऐसा माना जाता है कि इसे पीने से गर्भपात होने की आशंका रहती है.
  • कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि लैवेंडर चाय में कोलेस्ट्रॉल को कम करने का प्रभाव होता है. ऐसे में अगर कोई कोलेस्ट्रॉल को कम करने की दवा ले रहा है, तो इस चाय को पीने से नकारात्मक असर पड़ सकता है.
  • इस चाय में एंटीकोगुलेंट प्रभाव ही होता है, इसलिए अगर कोई पहले से खून को पतला करने की दवा ले रहा है, तो उसके साथ लैवेंडर चाय पीना हानिकारक हो सकता है.

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आयुर्वेदिक औषधि के तौर पर लैवेंडर को गुणकारी माना गया है, लेकिन इससे बनने वाली चाय के संबंध में कम ही शोध उपलब्ध हैं. फिर भी वैज्ञानिक इस बात पर जोर देते हैं कि सीमित मात्रा में लैवेंडर चाय का सेवन किया जा सकता है. ऐसा करने से लैवेंडर चाय अरोमाथेरेपी की तरह अपना प्रभाव दिखा सकती है. वहीं, अगर कोई पहली बार इस चाय का सेवन करना चाह रहा है, तो उसे पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए. 

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