घरों में पाए जाने वाले पालतू पशुओं को तो अधिकतर लोग तमाम तरह के टीके लगवाकर रखते हैं, ताकि उनके काटने पर कोई संक्रमण न फैले। तमाम सावधानियां रखने के बावजूद कभी-कभी जानवरों के काटने पर गंभीर खतरे हो सकते हैं, ऐसे में यदि पालतू जानवरों के अलावा यदि कोई लावारिस जानवर हमला कर दें तो वह और भी ज्यादा घातक हो सकता है। जैसे कुत्तों के काटने पर रेबीज की बीमारी हो सकती है। घर में पालतू कुत्तों को रेबीज का इंजेक्शन देना जरूरी है। आइए जानते हैं जानवरों के काटने पर क्या -क्या सावधानी बरतनी चाहिए -
(और पढ़ें - कुत्ते के काटने पर क्या करें)
- डॉक्टरों के अनुसार, जख्म को साबुन और पानी से अच्छी तरह धोना चाहिए। खून बहना रोकने के लिए उस जगह को तुरंत कॉटन से दबाएं और जब खून बहना बंद हो जाए तो चोट पर एंटीबायोटिक क्रीम लगा लें।
- कटी हुई या खरोंच वाली जगह को एक साफ बैंडेज से बांध दें। यदि संभव हो तो तत्काल अस्पताल जाकर इलाज करवा लें। कुछ जानवरों के काटने पर इलाज लंबा चलता है, इसलिए डॉक्टर को यह जरूर बताएं कि आप पर किस जानवर ने हमला किया था। ताकि डॉक्टर उसके अनुसार दवाई का चयन और इलाज करें।
- किसी जानवर के काटने या खरोंचने पर ज्यादा चोट आई हो तो 12 घंटे के अंदर इलाज करवाने से कोई परेशानी नहीं होगी। यदि ऐसी चोटों पर ध्यान नहीं दिया गया तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
- जानवर के काटने पर बच्चे को यदि पिछले 5 वर्षों में टिटनेस का कोई टीका नहीं लगा है तो उसे यह टीका लगाया जाता है और वयस्क को हर 10 साल में टिटनेस का टीका लगाने की जरूरत होती है।
(और पढ़ें - कुत्ते का काटना ही नहीं, चाटना भी हो सकता है घातक)
जानवर पर भी ध्यान रखें
यदि किसी पालतू जानवर ने काटा है तो उसके मालिक की जानकारी लें और कोशिश करें कि उसके पालतू कुत्ते को रेबीज का इंजेक्शन लगा था या नहीं और किस तारीख को लगा था। इन सभी बातों की जानकारी लेने के बाद यह जानकारी उपचार के दौरान डॉक्टर को बतानी चाहिए। जिस कुत्ते ने काटा है उस पर कुछ दिनों के लिए नजर रखनी चाहिए। यदि किसी चमगादड़ ने काटा हो तब भी डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए, क्योंकि चमगादड़ से वायरस फैलने का खतरा होता है।
बच्चों को जानवरों से दूर रखें
बच्चों को जानवर के आसपास सुरक्षित कैसे रहना चाहिए, यह भी सिखाना जरूरी है। जैसे कोई जानवर कुछ खा रहा हो तो उसे परेशान नहीं करना चाहिए। घर पर पालतू जानवर के कान या पूंछ नहीं खींचना चाहिए। पालतू जानवर को धीरे से उठाना चाहिए और उसे हाथ लगाने के बाद तुरंत हाथ धोना चाहिए। छोटे बच्चों को जानवरों के पिंजरे से दूर रखना चाहिए, क्योंकि जानवर उन पर हमला कर सकते हैं। पालतू जानवर को पट्टे से बांधकर रखें।
डॉक्टरों के अनुसार, यदि किसी पालतू कुत्ते ने भी काट लिया है तो इलाज जरूरी है। कुत्ते के काटने से रेबीज बीमारी के अलावा तंत्रिकाओं को नुकसान पहुंच सकता है। इन्फेक्शन हो सकता है और मानसिक रूप से भी असर पड़ सकता है।
(और पढ़ें - मानसिक रोग का होम्योपैथिक इलाज)