हृदय का स्वस्थ रहना जरूरी होता है, क्योंकि यह हमारे शरीर के सबसे जरूरी अंगों में से एक होता है. हृदय का स्वस्थ रहने के लिए हार्ट रेट का सामान्य होना जरूरी होता है. अगर हार्ट बीट सामान्य से कम या ज्यादा होती है, तो यह किसी न किसी परेशानी का संकेत हो सकता है. प्रति मिनट दिल कितनी बार धड़क रहा है, उसके जरिए हार्ट रेट का पता लगाया जा सकता है. इसी तरह से पल्स रेट का सामान्य होना भी जरूरी होता है. बेशक, हार्ट रेट और पल्स रेट को एक ही माना जाता है, लेकिन तकनीकी रूप से इनमें बारीक अंतर है.

आज इस लेख में आप हार्ट रेट और पल्स रेट के बीच के अंतर को समझ पाएंगे -

(और पढ़ें - दिल की धड़कन कम करने के उपाय)

  1. हार्ट रेट क्या है?
  2. पल्स रेट क्या है?
  3. सारांश
हार्ट रेट व पल्स रेट में क्या अंतर है? के डॉक्टर

हृदय 1 मिनट में जितनी बार धड़कता है, उसे ही हार्ट रेट कहा जाता है. आप जो कुछ भी करते हैं या आपके आसपास जो कुछ भी घटता है, शरीर उसी के अनुसार दिल की धड़कन को नियंत्रित करता है. इसलिए जब आप सक्रिय या डरे हुए होते हैं, तो आपके दिल की धड़कन तेज हो जाती है और जब आप आराम कर रहे होते हैं, तो दिल की धड़कन कम हो जाती है. हृदय गति संपूर्ण शारीरिक स्वास्थ्य का संकेत होती है. जब हृदय गति बहुत तेज या बहुत धीमी हो, तो यह हृदय या अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकती है. डॉक्टर भी दिल की धड़कन को सुनकर बीमारी का अंदाजा लगा पाते हैं.

(और पढ़ें - पल्स रेट कम होने का इलाज)

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पल्स रेट को हार्ट रेट का माप कहा जाता है. इसके जरिए यह पता लगाया जाता है कि हृदय प्रति मिनट कितनी बार धड़क रहा है. जैसे ही हार्ट धमनियों के माध्यम से रक्त को धकेलता है, तो धमनियां रक्त के प्रवाह के साथ फैलती और सिकुड़ती हैं. पल्स को चेक करने का मतलब सिर्फ हार्ट रेट को मापना नहीं है, बल्कि इससे निम्न संकेत भी मिल सकते हैं -

  • दिल की धड़कन
  • पल्स की ताकत

स्वस्थ वयस्कों की सामान्य पल्स 60 से 100 बीट प्रति मिनट के बीच होती है. व्यायाम, बीमारी, चोट और भावनाओं के साथ पल्स रेट में उतार-चढ़ाव आ सकता है. सामान्य तौर पर, 12 वर्ष और उससे अधिक उम्र की महिलाओं की हृदय गति पुरुषों की तुलना में तेज होती है. एथलीट, जैसे धावक, जो बहुत अधिक कार्डियोवस्कुलर कंडीशनिंग करते हैं, उनकी हृदय गति 40 बीट प्रति मिनट के करीब हो सकती है, जो पूरी तरह से सामान्य है.

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प्रति मिनट हृदय गति दर 60 से 100 के बीच होनी चाहिए. वहीं, एक्सरसाइज के बाद हृदय गति कुछ देर के लिए बढ़ सकती है. ऐसे में बढ़ी हुई हृदय गति दर को भी सामान्य माना जाता है. अगर आराम के दौरान हृदय गति 100 से अधिक होती है, तो इस स्थिति को बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें, क्योंकि यह किसी हृदय रोग का संकेत हो सकता है. साथ ही पल्स रेट और हार्ट रेट में मामूली-सा तकनीकी अंतर पाया जाता है.

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