बर्फ से सूजन कम करने में और खून रोकने में मदद मिलती है। बर्फ की सिकाई (या कोल्ड कंप्रेस) करने के लिए आप बाजार में मिलने वाले आइस पैक का इस्तेमाल कर सकते हैं या आप घर की चीजें इस्तेमाल करके अपने लिए एक आइस पैक भी बना सकते हैं। ठंड से खून का प्रवाह अवरुद्ध होता है, जिससे दर्द में आराम मिलता है।

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आप अपने फर्स्ट ऐड बॉक्स में आइस पैक रख सकते हैं, ताकि आपातकालीन स्थिति में आप इसे इस्तेमाल कर सकें। बुखार में शरीर का तापमान कम करने के लिए भी ठंडी सिकाई का उपयोग किया जाता है।

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इस लेख में बर्फ की सिकाई के फायदे, प्रकार, सिकाई करने का तरीका और बर्फ की सिकाई से सम्बंधित ध्यान रखने वाली बातों के बारे में बताया गया है।

  1. ठंडी सिकाई के फायदे - Thandi sikai ke kya fayde hote hai
  2. बर्फ से सिकाई करने के प्रकार - Baraf ki sikai ke prakar
  3. बर्फ की सिकाई कैसे करते हैं? - Baraf ki sikai karne ka tarika
  4. ठंडी सिकाई करते समय क्या न करें? - Barf ki sikai karte samay kya na kare
  5. सारांश

बर्फ की सिकाई का उपयोग कई समस्याओं में किया जा सकता है। ये कई स्थितियों के लिए लाभदायक होता है। आप शरीर के किसी भी हिस्से में ठंडी सिकाई का उपयोग कर सकते हैं, हालांकि नवजात शिशुओं पर बर्फ की सिकाई करने की सलाह नहीं दी जाती है। बर्फ की सिकाई के फायदे निम्नलिखित हैं -

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बर्फ की सिकाई या ठंडी सिकाई करने के कई तरीके और उपाय हैं। ये तरीके निम्नलिखित हैं -

  1. आइस पैक से
    बाजार में ऐसे आइस पैक मिलते हैं जो फ्रीजर में रखने पर ठंडे हो जाते हैं और आप उनसे सिकाई कर सकते हैं। हालांकि, ये बहुत अधिक ठंडे हो जाते हैं और फ्रिज से बाहर निकालने पर गर्म होने शुरू हो जाते हैं।
     
  2. मटर से
    आप जमे हुए मटर के पैकेट से भी ठंडी सिकाई कर सकते हैं। ये एक बहुत ही आसान तरीका है और इसके लिए केवल एक जमे हुए मटर के पैकेट की आवश्यकता होती है। मटर की जगह आप कोई और छोटी वस्तु या जमी हुई सब्जी का उपयोग भी कर सकते हैं, जैसे कॉर्न का पैकेट।
     
  3. चावल से
    ठंडी सिकाई करने के लिए आप चावल का उपयोग कर सकते हैं। इसके लिए चावल को एक प्लास्टिक के बैग में डालें और उसे बंद करके फ्रीजर या फ्रिज में रख दें। चावल जल्दी से ठंडे नहीं होते इसीलिए इससे काफी देर तक सिकाई की जा सकती है। (और पढ़ें - चावल के पानी के फायदे)
     
  4. बर्फ के टुकड़ों से
    बर्फ के टुकड़ों से सिकाई करना सबसे आसान होता है और हर घर में बर्फ आसानी से उपलब्ध भी होती है। हालांकि, बर्फ को सीधे अपनी त्वचा पर न रखें इससे आपकी त्वचा को नुकसान हो सकता है। (और पढ़ें - त्वचा पर बर्फ लगाने के फायदे)
     
  5. कोल्ड पैक से
    बाजार में ऐसे कोल्ड पैक मिलते हैं जिनमें दो अलग-अलग प्रकार के केमिकल होते हैं। इस पैक को भींचने या दबाने से ये केमिकल आपस में मिल जाते हैं और ये पैक ठंडा होने लगता है। हालांकि, इस तरह के पैक को एक ही बार इस्तेमाल किया जा सकता है।
     
  6. तौलिये से
    अगर आपके बर्फ नहीं है, तो आप एक छोटे तौलिये को ठंडे पानी में भिगोकर उससे सिकाई कर सकते हैं। ये भी सिकाई करने का एक बहुत आसान तरीका है और आंखों जैसी संवेदनशील जगहों पर भी इसका उपयोग किया जा सकता है।

बर्फ से सिकाई या ठंडी सिकाई करने का तरीका निम्नलिखित है -

  • सिकाई का सही तरीका चुनें। सिकाई करने के कई तरीके होते हैं, जिनके बारे में हमने आपको ‘सिकाई के प्रकार’ वाले भाग में बताया था। आप अपनी पसंद के तरीके या घर में मौजूद चीजों के हिसाब से सही तरीके का चुनाव कर सकते हैं।
  • हो सके तो सूजे प्रभावित क्षेत्र को ऊपर उठाने का प्रयास करें। ऐसा करने से उस क्षेत्र में मौजूद खून कम हो जाएगा और सूजन कम होगी। इसका सबसे अच्छा तरीका होता है प्रभावित क्षेत्र को हृदय के क्षेत्र से ऊपर उठाना। (और पढ़ें - खून बहना बंद कैसे करें)
  • अब आपने सिकाई के लिए जिस भी वस्तु को चुना है, उसे तौलिये में लपेट दें। अगर आप ठंडी वस्तु को सीधे अपनी त्वचा पर लगा लेते हैं, तो आपकी त्वचा को नुक्सान हो सकता है। (और पढ़ें - त्वचा की देखभाल कैसे करें)
  • इसके बाद ठंडी वस्तु को अपने प्रभावित क्षेत्र पर लगाकर दबाव बनाएं और पूरे क्षेत्र पर घुमाएं। अगर आप ज्यादा देर तक इसे अपने हाथों से नहीं पकड़ना चाहते हैं, तो आप इसे कपडे या किसी अन्य चीज से अपनी त्वचा पर बांध भी सकते हैं। हालांकि, ध्यान रहे कि आप इसे बहुत टाइट न बांध दें, ऐसा करने से खून का प्रवाह अवरुद्ध हो सकता है। (और पढ़ें - घाव की मरहम पट्टी कैसे करते हैं)
  • अब अपने आइस पैक को त्वचा के ऊपर से 10 से 15 मिनटों के बाद हटा लें, नहीं तो इससे आपकी त्वचा को नुक्सान हो सकता है। इसे लगाकर सोएं बिलकुल नहीं।
  • इस प्रक्रिया को आपको हर 2 घंटे में दोहराना चाहिए ताकि जल्दी आराम मिल सके।

(और पढ़ें - गर्म सिकाई करने का तरीका)

सामान्य तौर पर, ठीक होने में ज्यादा समय लगाने वाली चोट के लिए ठंडी की जगह गर्म सिकाई अधिक लाभदायक होती है।

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बर्फ से सिकाई करते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें -

  1. बर्फ को कभी भी त्वचा पर सीधे न रखें, हमेशा इसे किसी कपडे या तौलिये में लपेट लें। ऐसा न करने से आपकी त्वचा जल सकती है। (और पढ़ें - जल जाने पर क्या करें)
  2. शुगर या किसी अन्य रोग के कारण अगर आपके शरीर के किसी अंग की महसूस करने की क्षमता कम हो गई है, तो उस अंग पर ठंडी सिकाई न करें। (और पढ़ें - शुगर कम करने के घरेलू उपाय)
  3. किसी बड़ी चोट पर ठंडी सिकाई कभी न करें।
  4. एक ही जगह पर ज्यादा देर तक बर्फ से सिकाई न करें, इससे आपको फ्रॉस्टबाइट हो सकता है।
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बर्फ से सिकाई (आइस पैक थेरेपी) चोट या सूजन से राहत पाने का एक प्रभावी तरीका है। इसे करने के लिए बर्फ को एक साफ कपड़े या प्लास्टिक बैग में लपेटें, ताकि त्वचा को सीधा नुकसान न हो। प्रभावित हिस्से पर इसे 10-15 मिनट तक रखें और बीच-बीच में हटाते रहें, जिससे ठंड का अत्यधिक प्रभाव न पड़े। यह सूजन को कम करता है, दर्द में राहत देता है, और मांसपेशियों को आराम पहुंचाता है। इसे दिन में 2-3 बार किया जा सकता है। ध्यान रखें कि बर्फ को सीधे त्वचा पर लगाने से बचें और यदि समस्या बढ़े तो चिकित्सकीय परामर्श लें।

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