घर में और बाहर होने वाली दुर्घटनाओं में करंट लगना एक बेहद आम दुर्घटना है। किसी व्यक्ति को करंट तब लगता है जब वह करंट या बिजली के संपर्क में आता है और करंट उसके शरीर से गुजरता है या पास होता है।

करंट का मतलब है किसी तार या उपकरण में से छोटे-छोटे कणों का प्रवाह होना। इन कणों को "इलेक्ट्रॉन्स" (Electrons) कहा जाता है। कुछ पदार्थों में से इलेक्ट्रॉन्स आसानी से पास होते हैं और कुछ में से नहीं होते। हमारे शरीर में से बिजली बहुत आसानी से पास होती है, इसीलिए हमें करंट से नुक्सान होता है और चोट लगती है।

करंट लगने से गंभीर नुकसान या चोट लग सकती है और मृत्यु भी हो सकती है।

इस लेख में करंट कैसे लगता है, करंट लगने पर क्या होता है और इसके प्राथमिक उपचार (फर्स्ट ऐड) के बारे में बताया गया है।

  1. करंट कैसे लगता है - Current kaise lagta hai in hindi
  2. करंट लगने पर क्या होता है - Current lagne se kya hota hai
  3. बिजली का झटका लगने पर प्राथमिक उपचार, क्या करना चाहिए - Current lagne ke baad kya kare aur first aid in hindi
करंट कैसे लगता है - Current kaise lagta hai in hindi

करंट के किसी स्त्रोत के सम्पर्क में आने से बिजली हमारे शरीर के कुछ हिस्से से गुजरती है और हमे करंट लगता है। करंट लगने से आमतौर पर त्वचा जल जाती है। हालांकि, यह अलग-अलग कारक पर निर्भर करता है, जैसे करंट की वोल्टेज और शरीर में करंट लगने की जगह। ऐसा भी हो सकता है कि करंट लगने से कोई नुक्सान न हो लेकिन गंभीर मामलों में इससे मृत्यु भी हो सकती है। हल्का करंट लगने पर ज्यादातर कोई गंभीर नुकसान नहीं होता है। ज्यादा वोल्टेज का करंट लगने पर बहुत अधिक और गंभीर नुक्सान हो सकता है।

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करंट लगने पर क्या होता है - Current lagne se kya hota hai

करंट लगने से शरीर पर होने वाले प्रभाव निम्नलिखित हैं -

  • जब आपके शरीर से करंट पास होता है, तो आपका मास इसे रोकता है। ऐसा होने से मास गरम होता है, जिसकी वजह से करंट लगने पर शरीर के कई हिस्से जल जाते हैं।
  • करंट लगने से शरीर की तंत्रिकाओं पर प्रभाव पड़ता है क्योंकि करंट मस्तिष्क से भी पास होता है। इससे तंत्रिकाओं पर नियंत्रण खो जाता है और व्यक्ति धीरे-धीरे बेहोश होने लगता है और उसकी मृत्यु हो जाती है।
  • हमारा शरीर तंत्रिकाओं को संकेत भेजने के लिए बिजली के संकेतों का इस्तेमाल करता है। करंट लगने पर हमारी तंत्रिकाओं को गलत संकेत मिलते हैं, जिससे हमारी मासपेशियां नियंत्रण खो देती हैं।

करंट लगने के प्रभाव, करंट की वोल्टेज और गंभीरता पर निर्भर करते हैं।

(और पढ़ें - फर्स्ट ऐड और फर्स्ट ऐड बॉक्स)

बिजली का झटका लगने पर प्राथमिक उपचार, क्या करना चाहिए - Current lagne ke baad kya kare aur first aid in hindi

अगर आपके अास-पास किसी व्यक्ति को करंट लगा है या लग रहा है, तो आप निम्नलिखित तरीके से उसकी मदद कर सकते हैं -

1. दुर्घटना के क्षेत्र को ध्यान से देखें 
दुर्घटना की जगह का सही से आकलन करें और यह सुनिश्चित करें कि आपको कोई खतरा न हो। अगर व्यक्ति अभी भी बिजली के स्त्रोत के सम्पर्क में है, तो करंट उस व्यक्ति से आपके शरीर में भी पास हो सकता है।

  • करंट लगने के मामले में कभी भी पानी का इस्तेमाल न करें चाहे करंट से आग भी लगी हो। आग बुझाने के लिए ख़ास बनाए गए आग बुझाने के सिलेंडर या उपकरण का उपयोग ही करें।
  • अगर किसी बिजली के उपकरण से करंट लगा है और फर्श पर पानी है, तो वहां न जाएं।

2. एम्बुलेंस को फ़ोन करें
जितनी जल्दी हो सके उतनी जल्दी मदद के लिए एम्बुलेंस को कॉल करें।

(और पढ़ें - हड्डी टूटने पर क्या करें)

3. करंट बंद करें
अगर आप सुरक्षित तरीके से करंट के स्त्रोत को बंद कर सकते हैं, तो ऐसा जल्द करें। हाई वोल्टेज वाली तार के आस-पास से किसी को बचाने का प्रयास न करें।

4. करंट के स्त्रोत से दूरी बनाएं
अगर करंट बंद नहीं हुआ है, तो करंट पास न करने वाले पदार्थों से भी व्यक्ति को न छुएं। जब आपको पक्का पता हो कि करंट बंद हो गया है, तो किसी लकड़ी या रबड़ की धातु की मदद से व्यक्ति के पास से करंट के स्त्रोत को हटाएं।

5. कंबल से ढकें और इंतज़ार करें
करंट लगने के बाद शरीर का तापमान गिरने लगता है, इसीलिए व्यक्ति को एक कम्बल में लपेट दें ताकि तापमान सामान्य रहे। अगर शरीर ज्यादा जल गया है या घाव हैं, तो उसपर कंबल न डालें।

(और पढ़ें - सांप के काटने पर क्या करें)

6. पीड़ित व्यक्ति से बातें करें
व्यक्ति की स्थिति को बेहतर जानने के लिए उससे बात करने की कोशिश करें।

7. शरीर की जांच करें
व्यक्ति के पूरे शरीर को चोट या घाव के लिए अच्छे से चेक करें।

8. रक्तस्त्राव को रोकें
अगर व्यक्ति के शरीर से खून बह रहा है, तो उसे रोकने या कम करने की कोशिश करें। एक साफ कपडे से खून बहने वाली जगह पर दबाव बनाएं और तब तक दबाते रहें जब तक खून बहना बंद न हो जाए।

9. सीपीआर (CPR) दें
अगर जरुरत महसूस हो तो व्यक्ति को सीपीआर दें।

(और पढ़ें - सीपीआर कैसे देते हैं )

10. जले हुए क्षेत्र को धोएं
व्यक्ति के शरीर की अच्छे से जांच करें और अगर आपको घाव मिल जाए, तो उसे 10 मिनट के लिए थोड़े ठन्डे पानी से धोएं।

  • इस बात को सुनिश्चित कर लें कि पानी साफ़ हो।
  • जली हुई त्वचा संवेदनशील होती है, इसीलिए उस पर ज्यादा ठंडा या गर्म पानी न डालें। घाव पर कोई क्रीम या चिकना पदार्थ न लगाएं।

11. कपडे या ज्वेलरी उतारें
अधिक नुक्सान होने से बचने के लिए जले हुए क्षेत्र के आस-पास से कपडे या ज्वेलरी उतारना आवश्यक होता है। घाव में अटके कपडे के हिस्से या टिश्यू को निकलने की कोशिश न करें।

12. जले हुए क्षेत्र को ढकें
जले हुए क्षेत्र को ढकने से और अधिक नुकसान नहीं होगा और इन्फेक्शन होने का खतरा भी कम होगा। ढकने के लिए इन पट्टी या साफ कपडे का प्रयोग करें। तौलिये या कम्बल से घाव को न ढकें और घाव पर चिपकने वाली बैंडेज भी न लगाएं।

(और पढ़ें - जल जाने पर क्या करें)

नोट: प्राथमिक चिकित्सा या फर्स्ट ऐड देने से पहले आपको इसकी ट्रेनिंग लेनी चाहिए। अगर आपको या आपके आस-पास किसी व्यक्ति को किसी भी प्रकार की आपातकालीन स्वास्थ्य समस्या है, तो डॉक्टर या अस्पताल​ से तुरंत संपर्क करें। यह लेख केवल जानकारी के लिए है।

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