डेंगू एक ऐसी बीमारी है जो मच्छर के काटने से होती है। डेंगू के वायरस से संक्रमित मच्छर जब किसी व्यक्ति को काट लेता है, तो उसे डेंगू हो जाता है। डेंगू के कारण व्यक्ति को तेज बुखार होता है और इसके साथ अन्य समस्याएं, जैसे त्वचा पर चकत्ते, जोड़ों में दर्द भी होती हैं। डेंगू का फिलहाल कोई इलाज उपलब्ध नहीं है, लेकिन इसके लक्षणों के लिए कई उपाय किए जा सकते हैं। वैसे तो डेंगू कुछ सप्ताह में ठीक हो जाता है, लेकिन इससे होने वाली कमजोरी को पूरी तरह से ठीक होने में काफी समय लग सकता है।

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विश्व भर में हर साल डेंगू के कई मामले सामने आते हैं और कई लोगों की इससे मौत भी हो जाती है। इस लेख में डेंगू कैसे फैलता है, डेंगू होने पर क्या होता है, डेंगू बुखार में क्या करें और इसके लिए डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए के बारे में बताया गया है।

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  1. डेंगू में क्या होता है? - Dengue me kya hota hai
  2. डेंगू कैसे फैलता है? - Dengue kaise failta hai
  3. डेंगू के लिए क्या करना चाहिए? - Dengue hone par kya kare
  4. डेंगू के लिए डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए? - Dengue ke liye doctor ke pas kab jaye
  5. सारांश
डेंगू के लिए क्या प्राथमिक उपचार करें? के डॉक्टर

डेंगू से संक्रमित मच्छर के काटने के कुछ दिनों बाद व्यक्ति को समस्याएं होने लगती हैं। ये समस्याएं कुछ सप्ताह रहती हैं और फिर ठीक हो जाती हैं। डेंगू से होने वाली समस्याएं निम्नलिखित हैं -

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डेंगू चार तरह के वायरस के कारण होता है जो दो प्रजाति के मच्छर फैलाते हैं। ऐसा माना जाता है कि डेंगू का वायरस कई साल पहले बंदरों से व्यक्तियों में आ गया था।

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कुछ समय पहले तक डेंगू ज्यादा बड़ी समस्या नहीं मानी जाती थी क्योंकि इसके माले कम होते थे। हालांकि, आज के समय में हर साल डेंगू के कई मामले सामने आते हैं और कई लोगों की इससे मौत भी हो जाती है।

डेंगू का वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता, ये केवल मच्छर के काटने से ही फैलता है। अगर एक मच्छर डेंगू से संक्रमित किसी व्यक्ति को काट ले, तो वह डेंगू से संक्रमित हो जाता है। इसके बाद ये मच्छर जिस व्यक्ति को काट ले, उसे भी डेंगू हो जाएगा। एक बार संक्रमित होने के बाद मच्छर मरने तक डेंगू के वायरस से संक्रमित रहता है।

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आपको अपने जीवन में एक से अधिक बार भी डेंगू हो सकता है। दोबारा डेंगू होने पर इससे होने वाली समस्याओं के बढ़ने का खतरा अधिक होता है।

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डेंगू के लिए फिलहाल कोई दवा या उपचार उपलब्ध नहीं है, लेकिन इसके लक्षणों के लिए आप निम्नलिखित प्राथमिक उपचार कर सकते हैं -

  1. जितने हो सके उतने तरल पदार्थ पिएं, ताकि आपके शरीर में पानी की कमी न हो। आप पानी के अलावा ताजा जूस, सूप और नारियल पानी पी सकते हैं। (और पढ़ें - पानी कितना पीना चाहिए)
  2. डेंगू में व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए गिलोय का उपयोग किया जा सकता है। गिलोय की डंडी लें और उसे थोड़े पानी में उबालकर उस पानी को पी लें। (और पढ़ें - रोग प्रतिरोधक क्षमता कैसे बढ़ायें)
  3. बदन दर्द और बुखार के लिए आप मेडिकल स्टोर पर मिलने वाली पेरासिटामोल या टाय्लेनॉल ले सकते हैं। (और पढ़ें - बदन दर्द के घरेलू उपाय)
  4. पपीते के पत्तों से शरीर में मौजूद प्लेटलेट बढ़ने लगते हैं और बदन दर्द, ठंड लगना व मतली जैसी समस्याएं कम होती हैं। इसके लिए आप पापीते के पत्तों को मसलकर उसका रस पी सकते हैं। (और पढ़ें - प्लेटलेट्स बढ़ाने के उपाय)
  5. बुखार कम करने के लिए आप व्यक्ति के बदन पर गीली पट्टियां भी कर सकते हैं। (और पढ़ें - बुखार में क्या खाएं)
  6. एस्पिरिन और आइबुप्रोफेन जैसी नॉन-स्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएं डेंगू में नहीं देनी चाहिए क्योंकि इससे शरीर में अंदरूनी रक्तस्त्राव होने का खतरा बढ़ जाता है। (और पढ़ें - खून बहना कैसे रोकें)
  7. हल्दी से व्यक्ति का मेटाबॉलिज्म अच्छा होता है और डेंगू के लक्षण जल्दी ठीक होते हैं। इसके लिए आप दूध में थोड़ी सी हल्दी डालकर पी सकते हैं। (और पढ़ें - हल्दी दूध के फायदे)
  8. डेंगू में पानी पीते समय इस बात का ध्यान रखें कि नल से पानी पीने की बजाय बंद बोतल से पानी पिएं। (और पढ़ें - तांबे के बर्तन में पानी पीने के फायदे)
  9. डेंगू में आराम करना बेहद जरूरी है। इस बात का ध्यान रखें कि ज्यादा शारीरिक काम करने से आपके लक्षण और बढ़ सकते हैं। (और पढ़ें - मेटाबॉलिज्म बढ़ाने के लिए रूटीन)

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निम्नलिखित स्थितियों में तुरंत अपने डॉक्टर के पास जाएं अगर -


नोट: प्राथमिक चिकित्सा या फर्स्ट ऐड देने से पहले आपको इसकी ट्रेनिंग लेनी चाहिए। अगर आपको या आपके आस-पास किसी व्यक्ति को किसी भी प्रकार की आपातकालीन स्वास्थ्य समस्या है, तो डॉक्टर या अस्पताल ​से तुरंत संपर्क करें। यह लेख केवल जानकारी के लिए है।

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डेंगू के प्राथमिक उपचार में मुख्य रूप से बुखार और दर्द को नियंत्रित करना और शरीर को हाइड्रेटेड रखना शामिल है। मरीज को खूब पानी, नारियल पानी, और तरल पदार्थ जैसे सूप और जूस पिलाएं ताकि शरीर में पानी की कमी न हो। बुखार और दर्द कम करने के लिए पैरासिटामोल जैसी दवाएं दी जा सकती हैं, लेकिन एस्पिरिन और आइबूप्रोफेन से बचना चाहिए क्योंकि ये रक्तस्राव को बढ़ा सकते हैं। मरीज को आराम करने दें और हल्का व पौष्टिक भोजन दें ताकि उसकी प्रतिरोधक क्षमता बनी रहे। अगर मरीज को लगातार बुखार, पेट दर्द, उल्टी, खून आना, या कमजोरी महसूस हो रही हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। डेंगू का कोई विशेष इलाज नहीं है, इसलिए समय पर पहचान और सही देखभाल से गंभीर जटिलताओं को रोका जा सकता है।

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