डेंगू फीवर को ब्रेकबोन फीवर के नाम से भी जाना जाता है. ये एक मच्छर जनित इंफेक्शन है जो कि गंभीर फ्लू का कारण बन सकता है. ये एडीस मच्छरों द्वारा फैलता है. डेंगू के लक्षण हल्के से लेकर गंभीर तक होते हैं. गंभीर लक्षणों में डेंगू शॉक सिंड्रोम (Dengue shock syndrome) और डेंगू हेमरेजिक फीवर (dengue hemorrhagic fever) शामिल है.

गंभीर लक्षणों की स्थिति में कुछ ही घंटों में अस्पताल में भर्ती होने की नौबत भी आ सकती है. ऐसे में सवाल उठता है कि डेंगू की रिकवरी कितने दिन में होती है? आज इस लेख में जानेंगे कि डेंगू फीवर कितने दिन तक रह सकता है?

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  1. डेंगू बुखार कितने समय तक रहता है? - How long does dengue fever last in Hindi?
  2. हल्के लक्षणों के साथ डेंगू कितने दिन तक रहता है? - How long does dengue with mild symptoms last in Hindi?
  3. गंभीर लक्षणों के साथ डेंगू कितने दिन तक रहता है? - How long does dengue with severe symptoms last in Hindi?
  4. सारांश - Takeaway
डेंगू बुखार कितने दिन में ठीक होता है? के डॉक्टर

एडीस या संक्रमित मच्छर द्वारा काटे जाने के बाद डेंगू के लक्षण आमतौर पर 4 दिनों से लेकर 2 सप्ताह के बीच में दिखाई दे सकते हैं. डेंगू के लक्षण दिखने के बाद ये लक्षण 3 से 10 दिन तक रह सकते हैं या फिर ये बायफेज (biphasic) भी हो सकते हैं, यानि एक बार लक्षण ठीक होने के बाद दोबारा आ सकते हैं. कई बार स्थिति लक्षणों के आधार पर गंभीर भी हो सकती है.

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डेंगू के हल्के लक्षणों में बुखार, दर्द और दाने या रैशेज आते हैं, जो कि आमतौर पर आंखों में दर्द, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, हड्डियों में दर्द, मतली/ उल्टी या जोड़ों के दर्द के साथ होते हैं. डेंगू के ये हल्के लक्षण 2-7 दिनों तक रहते हैं. ज्यादातर लोग करीब एक हफ्ते बाद ठीक जाते हैं. हल्केे डेंगू के इलाज के लिए कोई खास दवा नहीं है. डॉक्टर सिर्फ डेंगू के लक्षणों का इलाज करते हैं, जिससे आपको डेंगू से उबरने में मदद मिलती है.

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डेंगू का बुखार ठीक होने के बाद भी डेंगू के दौरान दिखने वाले कई लक्षण गंभीर रूप भी ले सकते हैं. जिसमें गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं जैसे- मतली या कई बार उल्टी आना, तेज पेट में दर्द की शिकायत, रेस्पिरेटरी समस्याएं जैसे – सांस लेने में तकलीफ, डिहाइड्रेशन, गंभीर प्लाज्मा लीकेज होना और बहुत ज्यादा ब्लीडिंग होना (नाक से खून बहना या मसूड़ों से खून बहना, खून की उल्टी या मल में खून आना) या अचानक से ब्लड प्रेशर में गिरावट आना, थका हुआ, बेचैनी या चिड़चिड़ा महसूस करना शामिल हैं. ये लक्षण जानलेवा हो सकते हैं और ऐसी कंडीशन में तुरंत मेडिकल केयर की जरूरत पड़ती है. गंभीर डेंगू के लक्षण बुखार ठी‍क होने के 24 से 48 घंटों में दिखाई देने लगते हैं.

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गंभीर डेंगू के लक्षण 20 में से 1 व्यक्ति में देखने को मिलते है. गंभीर डेंगू के दौरान सदमा लगना, इंटरनल ब्लीडिंग होना और यहां तक कि जान जाने का जोखिम भी रहता है. गंभीर डेंगू का खतरा उन लोगों को अधिक होता है जिन्हें पहले डेंगू हो चुका है. साथ ही शिशुओं और गर्भवती महिलाओं को भी खतरा अधिक होता है. सदमे के शुरुआती लक्षणों को पहचानकर और आपातकालीन मेडिकल केयर मिलने से गंभीर डेंगू के रोगियों में मृत्यु का जोखिम 99.5 फीसदी तक कम किया जा सकता है. इतना ही नहीं, डेंगू का गंभीर टाइप देरी से शुरू होता है और आमतौर पर 24 से 48 घंटे तक रहता है. यदि इस बीच इलाज नहीं मिलता तो बहुत देर हो सकती है.

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डेंगू बुखार एक दर्दनाक और कमजोर करने वाला मच्छर जनित रोग है जो चार वायरस में से किसी एक डेंगू वायरस के कारण होता है. डेंगू के लक्षण 2 से 7 दिन में दिखने लग जाते हैं. इस दौरान ये इन्क्यूबेशन पीरियड से होता हुआ तीन चरणों से गुजरता है – बुखार, क्रिटिकल, पुनः स्वस्थ होना. यदि आपको डेंगू के कोई लक्षण या संकेत दिखाई देते हैं तो तुरंत आपातकालीन मेडिकल सर्विस लेनी चाहिए क्योंकि गंभीर डेंगू एक मेडिकल इमरजेंसी है.

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