व्यक्ति खर्राटे तब लेता है, जब सोने के दौरान सांस लेते समय गले के टिश्यू रिलैक्स हो जाते हैं. ये हवा के रास्ते को रोकने लगते हैं और तब जो तेज कर्कश आवाज निकलती है, उसे खर्राटे कहा जाता है. खर्राटे ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया के पहले लक्षण भी हो सकते हैं, जो हृदय रोग के लिए जोखिम भरे हो सकते हैं. इसलिए, जरूरी है कि समय रहते इसका इलाज करा लिया जाए. ऐसे में होम्योपैथिक दवा बेहतर विकल्प हो सकती है. अन्य इलाज की तुलना में होम्योपैथिक दवा का कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होता. ओपियम, लेम्ना माइनर, चाइना व काली सल्फ के सेवन से खर्राटे की समस्या से निजात पाया जा सकता है.
आज इस लेख में आप खर्राटे की होम्योपैथिक दवा के बारे में जानेंगे -
(और पढ़ें - खर्राटे रोकने के घरेलू उपाय)