आजकल की जीवनशैली कुछ ऐसी हो गई है कि घंटों ऑफिस में कुर्सी पर लगातार बैठकर काम करना पड़ता है और मोबाईल पर से तो जैसे एक मिनट के लिए भी नजरें नहीं हटती है। इन आदतों का हमारे शरीर पर बहुत बुरा असर पड़ रहा है जिनमें से एक कंधे में दर्द भी है। कई बार तो कंधे का दर्द कुछ समय में ठीक हो जाता है लेकिन कभी-कभी यह लंबे समय तक परेशान करता है। अगर आपको भी कंधे का दर्द परेशान करता है तो निम्नलिखित योगासनों की मदद आप इस दर्द से छुटकारा पा सकते हैं।

  1. कंधे में दर्द के लिए योगासन
  2. सारांश

ऊर्ध्व मुख पाशासन

कंधे के दर्द को दूर करने के लिए आप  ऊर्ध्व मुख पाशासन का इस्तेमाल कर सकते हैं। कंधे के दर्द के साथ कूल्हे, पीठ और गर्दन इन तीनों के दर्द और तनाव को दूर करने में भी ये बेहद मददगार है। जानते हैं इसे करने का तरीका

  • सबसे पहले जमीन पर योगा मैट बिछाएं और उस पर घुटनों के बल खड़े हो जाएं। आपके घुटनों के बीच में थोड़ा-सा गैप होना चाहिए।
  • अब अपने दोनों हाथों को आगे की तरफ रखें और गोमुखासन (cow pose) में आएं।
  • अपने सर को जमीन पर छुबाएं और अपने सीधे हाथ को उल्टे हाथ की तरफ अंदर से लेकर जाएं।
  • अब जमीन के समतल ले जाकर हाथ को जमीन पर रखें और अपने सिर को बाई तरफ मोड़ कर अपनी आंखों को सीधे हाथ की सीध में रखें।
  • थोड़ी देर इस पोश्चर में रहें। उसके बाद फिर से  गोमुखासन में आकर यही प्रक्रिया बाएं हाथ से करें।
  • आप अपनी सहुलियत के हिसाब से 5 से 10 बार इस प्रक्रिया को दोहरा सकते हैं।

सुखासन

सुखासन में बैठकर कंधे और गर्दन के तनाव को आसानी से दूर किया जा सकता है। इस दौरान आपको कुछ अन्य एक्टिविटिज़ को जोड़ें। जानते हैं इसे करने का तरीका

  • सबसे पहले जमीन पर योगा मैट बिछाएं और उस पर दोनों पैरों को क्रॉस करके बैठ जाएं।
  • अब अपने हाथों को जांघों पर रखें और पूरे शरीर को हल्का छोड़ दें।
  • अब अपनी गर्दन को आगे की तरफ झुकाएं और अपनी ठोड़ी को छाती से टच करवाएं।
  • अब अपनी गर्दन को दाएं तरफ झुकाएं और अपने दाएं कान को दाएं कंधे पर टच करने की कोशिश करें। इस दौरान आपका कंधा ऊपर की तरफ नहीं उठना चाहिए।
  • अब अपनी पुरानी स्थिति में आ जाएं और इसी प्रक्रिया को बाएं तरफ से करें।
  • अपने बाएं कान को बाएं कंधे पर टच करने की कोशिश करें।
  • उसके बाद अपनी गर्दन को पीछे की तरफ लेकर आएं और अपनी नजरों को आसमान की तरफ रखें। फिर से पुरानी स्थिति में आ जाएं।

इस आसन के दौरान गर्दन और कंधे पर ज्यादा जोर ना डालें।

ताड़ासन

कंधे के दर्द और ऐंठन को दूर करने के लिए आप ताड़ासन का इस्तेमाल कर सकते हैं। जानते हैं इसे करने का तरीका

  • सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं और अपने दोनों हाथों को ऊपर की तरफ लेकर जाएं।
  • अपने दोनों हाथों की उंगलियों को एक दूसरे के साथ मिलाएं और अपनी हथेलियों को आसमान की तरफ रखें।
  • अपनी बॉडी को ऊपर की तरफ स्ट्रेच करने की कोशिश करें। इस दौरान आपका सिर भी ऊपर की तरफ होना चाहिए और आपकी नजरें हाथों पर होनी चाहिए।
  • इस स्थिति में कम से कम 20 से 30 सेकंड तक रहें और उसके बाद अपने हाथों को नीचे की लेकर जाएं।
  • अपने दोनों हाथों को पीछे की तरफ मिलाएं और अपने पूरे शरीर को आगे की तरफ झुकाएं।
  • जैसे-जैसे आपका शरीर आगे की तरफ जाएगा वैसे-वैसे आपके दोनों हाथ ऊपर की तरफ उठते चले जाएंगे।
  • अब अपने सर को पैरों से छुबाने की कोशिश करें और अपने हाथों को आगे की तरफ लेकर जाएं। इस दौरान अपने हाथों पर ज्यादा जोर ना दें।

अब फिर से पुरानी स्थिति में आएं और अपने हाथों और शरीर को हल्का छोड़ दें।

भुजंगासन

  • अपने पेट के बल लेट जाएं
  • हथेलियां छाती के समीप रखें, अपनी छाती को धीमे -धीमे उठाएं, इस मुद्रा में कोहनी हल्की-सी मुड़ी रहती है यानी हाथ पूरी तरह से सीधे नहीं रहते हैं।  
  • इस दौरान ध्यान रहे कि सिर से लेकर पेट के निचले हिस्से को हवा में उठाना है जबकि कमर से नीचे का हिस्सा जमीन पर ही रहना चाहिए। 
  • पैरों के पंजे जमीन को छूते रहने चाहिए। पीठ जितनी आराम से मुड़ सके, सिर्फ उतनी ही मोड़ें। 
  • चेहरा ऊपर छत की ओर नहीं बल्कि सामने की ओर रहना चाहिए।  
  • इस दौरान कुल मिलाकर पांच बार सांस अंदर लें और बाहर छोड़ें ताकि आप इस आसन को 30 से 60 सेकेंड तक के लिए कर सकें।
  • धीरे-धीरे जैसे आपके शरीर में लचीलापन बढ़ने लगेगा, आप समय बढ़ा सकते हैं लेकिन 90 सेकेंड से ज्यादा इस आसन को ना करें।
  • इस प्रक्रिया को कुल चार बार करें। 

(और पढ़ें - कंधे के दर्द के घरेलू उपाय)

उत्तानासन

  • सीधे खड़े हो जाएं। 
  • सांस छोड़ते हुए कूल्हे के जोड़ों से झुकना शुरू करें। याद रहे कि पैर एकदम सीधे रहने चाहिए। 
  • यदि आपके शरीर में इतना लचीलापन है कि आप इस मुद्रा में अपनी हथेली को जमीन पर टिका सकते हैं तो बेहतर रहेगा, अन्यथा आपसे जितना झुकते बन रहा हो सिर्फ उतना ही झुकें क्योंकि जबरदस्ती हथेली को जमीन पर टिकाने से आपकी हॅम्स्ट्रिंग में चोट लग सकती है।
  • आसन में रहते हुए सांस बिल्कुल ना रोकें। सांस अंदर लेते हुए धड़ को उठाएं, लेकिन अपने कूल्हे के जोड़ों से ही वापिस सीधा खड़े होने की कोशिश करें। 
  • पूरी प्रक्रिया में पैरों को सीधा रखें।
  • कुल मिलाकर पांच बार सांस अंदर लें और बाहर छोड़ें ताकि आप आसन में 30 से 60 सेकेंड तक रह सकें। 
  • शरीर में जैसे-जैसे लचीलापन आने लगेगा, आप हथेली को जमीन तक आसानी से ले जा पाने में सक्षम हो जाएंगे। 
  • इस प्रक्रिया को चार बार दोहराएं। 

(और पढ़ें - कंधे के लचीलेपन को बढ़ाने के लिए करें ये आसान कसरत)

अपानासन

  • पीठ के बल लेट जाएं। 
  • अब दोनों घुटने को छाती के पास लाने की कोशिश करें (जितना संभव हो सके)
  • हाथो से दोनों घुटनों को पकड़ें, ताकि पैर हिलने ना पाए।
  • घुटने मोड़ते वक्त कंधे या सिर को न उठाएं।
  • सांस निकालते हुए अपने पैरों और बाहों को छोड़ें ताकि प्रारंभिक स्थिति में वापिस लौट सकें। 
  • एक मिनट के लिए कम से कम आराम करें।
  • इस प्रक्रिया को आठ बार दोहराएं। 

(और पढ़ें - कंधे में दर्द का होम्योपैथिक इलाज)

और अंत में शवासन करना न भूलें!

शवासन

  • पीठ के बल लेट जाएं। 
  • इस दौरान हाथ शरीर से जरा-सा दूर रहेंगे और हथेलियां ऊपर छत की ओर रहेगी।
  • दोनों पैरो में करीब दो फुट का फासला कर लें और शरीर को एकदम ढीला रखें। 
  • आंखें बंद रखिए ताकि आप रिलैक्स महसूस करें। 
  • ध्यान रहे इस दौरान सोना नहीं है। बस संपूर्ण शरीर और दिमाग को आराम देना है।
  • कोशिश करें कि आपकी श्वास एकदम शांत और धीमी हो जाए। जितनी श्वास शांत और धीमी हो जाएगी, उतना आप रिलैक्स महसूस करेंगे।
  • शवासन में 5 से 10 मिनट तक रहें।
  • शवासन से बहार निकलने के लिए सांस पर ध्यान केंद्रित करें। धीमे से पैरों और हाथों की उंगलियों को हिलाना शुरू करें, फिर कलाइयों को घुमाएं। 
  • अब हाथ ऊपर उठाकर पूरे शरीर को स्ट्रेच करें और धीरे से उठ कर बैठ जाएं।

(और पढ़ें - कंधे में दर्द का होम्योपैथिक इलाज)

कंधे के दर्द और ऐंठन को दूर करने के लिए ऊपर बताई गई योगासन आपके बेहद काम आ सकती है। लेकिन ये योगासऩ शुरुआत में एक्सपर्ट की देखरेख में करें।

कंधे के दर्द को कम करने और उनके स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए योगासन एक प्रभावी तरीका हो सकता है। कुछ विशेष आसन, जैसे बालासन (चाइल्ड पोज), गरुड़ासन (ईगल पोज), और अधोमुख श्वानासन (डाउनवर्ड-फेसिंग डॉग पोज), कंधों की मांसपेशियों को खींचने और मजबूती देने में मदद करते हैं। ये आसन न केवल दर्द को कम करने में मदद करते हैं, बल्कि तनाव और जकड़न को भी दूर करते हैं। इसके अलावा, नियमित योगाभ्यास शरीर के लचीलेपन और संतुलन को बढ़ावा देता है, जिससे कंधे की चोटों की संभावना कम होती है। योग करने से पहले किसी विशेषज्ञ से परामर्श करना उचित होता है, खासकर यदि कंधे का दर्द पहले से ही गंभीर हो।

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