बवासीर यानि पाइल्स ऐसी समस्या है जिसमें मल त्याग के समय खून निकलना, गुदा और गुदा की नसों में सूजन आना जैसी स्थिति हो जाती है जो कि बेहद दर्दनाक होती है.

बवासीर यानि हेमरॉइड (Hemorrhoid) की समस्या को बढ़ने से रोकने के लिए संतुलित और पोषक आहार लेना बेहद जरूरी है. बवासीर में ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करने से बचना चाहिए जो बवासीर को अधिक बढ़ा सकते हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि दूध, दही, पनीर और डेयरी प्रोडक्ट जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए या नहीं?

(और पढ़ें - बवासीर का इलाज)

आज इस लेख में हम जानेंगे बवासीर में दूध पीना चाहिए या नहीं.

  1. बवासीर में दूध का सेवन - Consumption of milk in piles in Hindi
  2. बवासीर में दूध पीएं या नहीं? - Should I drink milk in piles or not in Hindi?
  3. किन डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन करने से बचें - Which dairy products to avoid in piles in Hindi
  4. क्या कहते हैं शोध - What research says
बवासीर में दूध पीना चाहिए या नहीं के डॉक्टर

आमतौर पर ये माना जाता है कि दूध पाइल्स की समस्या को नहीं बढ़ाता. लेकिन स्किम मिल्क और लो फैट मिल्क बवासीर के दौरान पीने से कब्ज को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार है.

दरअसल, दूध, पनीर और अन्य डेयरी उत्पादों में फाइबर बहुत ही कम मात्रा में होता है, ऐसे में बवासीर में इनका सेवन करने से कब्ज की समस्या हो सकती है. हालांकि आमतौर पर डेयरी प्रोडक्ट्स से कब्ज नहीं होती लेकिन बवासीर के कारण डेयरी प्रोडक्ट का सेवन करने से कब्ज हो सकती है. कब्ज पाइल्स को गंभीर बना सकती है. इतना ही नहीं, पाइल्स होने के दौरान यदि दूध का सेवन किया जाता है तो गैस भी बनने लगती है जो कि कब्ज की समस्या को और अधिक जटिल बना देता है जिससे दर्द और ऐंठन बढ़ सकते हैं.

(और पढ़ें - बवासीर का घरेलू उपचार)

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एक्सपर्ट्स का कहना है कि यदि आपको दूध का सेवन करना है तो सोने से पहले हल्के गर्म दूध में कुछ बूंदे शहद की डाल लें. इसके सेवन से आपको नींद भी अच्छी आएगी और आंते चिकनी रहेंगी. इससे बाउल मोमेंट स्मूथ रहेगा.

  • यदि आपको पाइल्स में होने वाला रक्तस्राव आंतरिक है तो आपको गर्म दूध डॉक्टर की सलाह पर पीना चाहिए, इससे आपको राहत मिलेगी.
  • केले और वसा-युक्त दूध (whole milk) की प्यूरी में हाई फाइबर होता है, जिसका इस्तेमाल कई घरेलू नुस्खों में भी किया जाता है. फुलक्रीम मिल्क में मौजूद वसा पचाने में आसान होती है. पाइल्स में इसका सेवन किया जा सकता है.
  • छाछ को भी पाइल्स में पीना बहुत फायदेमंद माना जाता है. 1 गिलास छाछ में अजवाइन और काला नमक मिलाकर सेवन करने से बवासीर के दर्द में आराम मिलता है. छाछ का रोजाना सेवन करने से कब्ज से भी राहत मिलती है जो कि बवासीर के दौरान मुश्किलें बढ़ा सकती है.

(और पढ़ें - बवासीर में परहेज)

आपको कुछ डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे चाय और कॉफी के सेवन से बचना चाहिए. ये पेय पदार्थ आपके शरीर को डिहाइड्रेट करते हैं जो कि कब्ज का कारण बन सकता है. यदि आपको बवासीर है तो कैफीन का सेवन तुरंत बंद कर देना चाहिए.

आपको ये सुनिश्चित करना चाहिए कि आप दिनभर में बवासीर की समस्या के दौरान कितनी मात्रा में दूध और अन्य डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन कर रहे हैं. यदि आप फुल-क्रीम दूध का सेवन कर रहे हैं तो आपको अपनी डाइट में फाइबर का अधिक मात्रा में सेवन करना होगा. लेकिन पाइल्स में सुधार नहीं होता या बहुत ज्यादा दर्द या रक्त बहाव अधिक है तो आपको डाइटिशियन से सलाह लेनी चाहिए. डाइटिशियन आपके लक्षणों के आधार पर आपकी डाइट निर्धारित कर सकते हैं.

(और पढ़ें - बवासीर की आयुर्वेदिक दवा)

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कुछ शोधों के मुताबिक, बवासीर के दौरान बहुत ज्यादा दूध या डेयरी पदार्थों का सेवन करने से सोप्स (soaps) नामक थोक इकट्ठा हो सकता है, जो कब्ज और सख्त मल का कारण बन सकता है. सोप्स आंतों में फैटी एसिड के रूप में बनते हैं जो दूध, पनीर, दही जैसे डेयरी प्रोडक्ट्स के सेवन से मिलने वाले कैल्शियम को जमा करते हैं.

(और पढ़ें - प्रेगनेंसी में बवासीर क्यों होता है)

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