खूनी बवासीर क्या है?

मलाशय और गुदा में मौजूद नसों का आकार बढ़ जाने की स्थिति को बवासीर या पाइल्स कहा जाता है। कुछ लोगों में बवासीर से किसी प्रकार के लक्षण पैदा नहीं होते हैं। अन्य लोगों को खुजली, जलन, ब्लीडिंग और अन्य तकलीफ महसूस होती हैं, ये लक्षण खासतौर पर बैठने के बाद महसूस होते हैं।

बवासीर के मुख्य दो प्रकार होते हैं:

  • अंदरुनी बवासीर जो मलाशय के अंदर विकसित होता है।
  • बाहरी बवासीर जो गुदा के छिद्र और त्वचा के नीचे विकसित होता है। 

अंदरुनी व बाहरी दोनो प्रकार के बवासीर थ्रोम्बोस्ड हेमोरोइड्स के रूप में विकसित हो सकते हैं। इस स्थिति में नस के अंदर खून के थक्के जमने लग जाते हैं। थ्रोम्बोस्ड हेमोरोइड्स से कोई खतरनाक स्थिति पैदा नहीं होती है लेकिन इससे गंभीर दर्द व सूजन होने लग जाती है।

कुछ मामलों में अंदरुनी, बाहरी और थ्रोम्बोस्ड बवासीर से खून बहने लग जाता है। नीचे के लेख में  बवासीर में खून बहने के कारण, लक्षण व उसका इलाज कैसे करें आदि के बारे में बताया गया है। 

(और पढ़ें - बवासीर के घरेलू उपचार)

  1. खूनी बवासीर के लक्षण - Bleeding Piles Symptoms in Hindi
  2. खूनी बवासीर के कारण व जोखिम कारक - Bleeding Piles Causes & Risk Factors in Hindi
  3. खूनी बवासीर से कैसे बचें? - Prevention of Bleeding Piles in Hindi
  4. खूनी बवासीर का इलाज - Treatment of Bleeding Piles in Hindi
  5. खूनी बवासीर की जटिलताएं - Complication of Bleeding Piles in Hindi
  6. सारांश
खूनी बवासीर क्या होती है? के डॉक्टर

खूनी बवासीर से क्या लक्षण होते हैं?

बवासीर व खूनी बवासीर के काफी सारे लक्षण एक जैसे ही होते हैं। खूनी बवासीर के लक्षणों में निम्नलिखित लक्षण भी शामिल हो सकते हैं:

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खूनी बवासीर क्यों होता है?

अधिक कठोर मल आने या मल त्याग करने के दौरान सामान्य से अधिक जोर लगाने से बवासीर की ऊपरी परत क्षतिग्रस्त हो जाती है और उससे खून बहने लग जाता है। यह समस्या अंदरुनी व बाहरी दोनो प्रकार के बवासीर में हो सकती है। जब थ्रोम्बोस्ड हेमोरोइड्स अधिक भर जाती है तो कुछ मामलों में वह फट जाती है, इस स्थिति के परिणामस्वरूप भी खून आने लग सकता है। 

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खूनी बवासीर की रोकथाम कैसे करें?

यदि आपके परीक्षण के दौरान बवासीर पाया गया है और उसमें खुजली व दर्द हो रहा है। सबसे पहले आराम से उस क्षेत्र को साफ कर देना चाहिए और सूजन को कम कर देना चाहिए। 

  • सिट्ज बाथ लें:
    इस प्रक्रिया में गुदा क्षेत्र को कुछ इंच हल्के गर्म पानी में डुबोया जाता है। अधिक राहत पाने के लिए पानी में थोड़ा एप्सोम साल्ट भी मिलाया जा सकता है। (और पढ़ें - गर्म पानी के फायदे)
     
  • कठोर चीजों का उपयोग ना करें:
    टॉयलेट पेपर कठोर हो सकते हैं जो बाहरी बवासीर को क्षतिग्रस्त कर सकते हैं। इसकी बजाए आप नमी युक्त टॉवलेट (Towelette) का इस्तेमाल कर सकते हैं। ऐसे टॉवलेट का चुनाव करें जिनमें खुशबू या अन्य कोई उत्तेजक पदार्थ ना डाला गया हो। (और पढ़ें - भगन्दर का इलाज)
     
  • ठंडी सिकाई करें:
    बर्फ का टुकड़ा लेकर उस पर तौलिया लपेटकर उस पर बैठ जाएं। ऐसा करने से बवासीर से होने वाली सूजन व अन्य तकलीफें कम हो जाती हैं। एक बार में लगातार 20 मिनट से ज्यादा इस तकनीक का उपयोग ना करें। (और पढ़ें - बर्फ की सिकाई के फायदे)
     
  • अधिक जोर ना लगाएं:
    मल त्याग करने के दौरान अधिक जोर ना लगाएं और ना ही लंबे समय तक टॉयलेट में बैठें। ऐसा करने से बवासीर में दबाव बढ़ जाता है। (और पढ़ें - फिशर का इलाज)
     
  • ओटीसी प्रोडक्ट का उपयोग करें:
    ​आप बाहरी बवासीर पर मेडिकल स्टोर से मिलने वाली कुछ क्रीम लगा सकते हैं। इसके अलावा खूनी बवासीर के लिए कुछ सपोजिटरी दवाओं का उपयोग भी किया जा सकता है, इन दवाओं को सीधा गुदा में रख दिया जाता है। (और पढ़ें - दवाओं की जानकारी)

उसके बाद अपने पाचन प्रणाली की कार्य क्षमता को ठीक बनाए रखने के लिए व खूनी बवासीर को और अधिक बदतर होने से बचाव करने के लिए मल को नरम रखने की कोशिश करें।

  • पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं:
    शरीर में पानी की कमी को पूरा करने के लिए और कब्ज आदि से बचाव करने के लिए दिन भर में पर्याप्त पानी पीते रहें। (और पढ़ें - पानी की कमी को दूर करने के लिए फल)
     
  • फाइबर युक्त भोजन खाएं:
    अपने आहार मे धीरे-धीरे फाइबर में उच्च खाद्य पदार्थों की मात्रा बढ़ा लें, जैसे साबुत अनाज, सब्जियां और ताजे फल आदि। ऐसे खाद्य पदार्थ खाने से कब्ज की समस्या खत्म हो जाती है और मल समय पर आने लगता है। (और पढ़ें - संतुलित आहार के फायदे)
     
  • मल को नरम करने वाली दवाएं लें:
    यदि आपको कब्ज हो गई है, तो इस स्थिति से राहत पाने के लिए आप मेडिकल स्टोर से मिलने वाले कुछ स्टूल सॉफ्टनर का इस्तेमाल कर सकते हैं। (और पढ़ें - कब्ज में क्या खाना चाहिए)
     
  • फाइबर सप्लीमेंट का उपयोग करें:
    यदि आपको लगता है कि आपको मल ठीक से निकालने के लिए और फाइबर की आवश्यकता है आप कुछ प्रकार के फाइबर सप्लीमेंट भी ले सकते हैं जैसे मेथिलसेल्युलोस (Methylcellulose) और सीलियम (Psyllium) आदि। फाइबर सप्लीमेंट्स आजकल ऑनलाइन भी मिल जाते हैं। (और पढ़ें - फाइबर युक्त आहार)
     
  • शारीरिक गतिविधि करें:
    नियमित रूप से रोजाना उचित शारीरिक गतिविधि करते रहने से कब्ज जैसी समस्याएं कम हो जाती हैं। (और पढ़ें - एक्सरसाइज के प्रकार)
     
  • मिरालेक्स का उपयोग करें (Polyethylene glycol):
    यह प्रोडक्ट आमतौर पर सुरक्षित होता है और इसको रोजाना लिया जा सकता है। यह पाचन तंत्र में पानी को खींचता है जिसकी मदद से मल नरम हो जाता है।

यदि घरेलू उपचार करने के बाद भी आपके मल में खून आ रहा है या आपको खूनी बवासीर से अत्यधिक परेशानी महसूस हो रही है, तो आपको डॉक्टर की मदद ले लेनी चाहिए। 

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खूनी बवासीर का इलाज कैसे किया जाता है?

खूनी बवासीर आमतौर पर बवासीर की ऊपरी परत पर किसी प्रकार की क्षति होने का संकेत होता है। यह स्थिति समय के साथ-साथ अपने आप ठीक हो सकती है, हालांकि इसके लक्षणों को कम करने के लिए कुछ घरेलू तरीके भी अपनाए जा सकते हैं। 

हालांकि यदि यह पता ना लग पाए कि खून कहां से बह रहा है या फिर एक हफ्ते तक खूनी बवासीर ठीक ना हो पाए, तो ऐसी स्थिति में डॉक्टर के पास चले जाना चाहिए। कई ऐसे गंभीर रोग भी हैं, जिनके लक्षण खूनी बवासीर से काफी मिलते-झुलते हैं, इनमें कैंसर और इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज आदि शामिल है। इसलिए डॉक्टर से अच्छे से परीक्षण करवाकर स्थिति का पता लगाना बहुत जरूरी होता है।

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मेडिकल इलाज

यदि घरेलू उपचारों से पर्याप्त आराम ना मिल पाए तो कुछ प्रकार की सर्जिकल प्रक्रियाओं की मदद लेनी पड़ सकती है। ज्यादातर प्रकार की सर्जिकल प्रक्रियाएं अस्पताल में ही की जाती है और इनमें जनरल एनेस्थीसिया (General anesthesia) की आवश्यकता नहीं पड़ती है। इन प्रक्रियाओं में निम्नलिखित प्रक्रियाएं शामिल हो सकती हैं: 

  • रबर बैंड लिगेशन (Rubber band ligation):
    इस प्रक्रिया में अंदरुनी खूनी बवासीर के आधार में एक छोटे रबर बैंड को लगाया जाता है। इस बैंड की मदद से खून का बहाव रुक जाता है और अंत में बवासीर सूख कर गिर जाती है।
     
  • स्क्लेरोथेरेपी:
    इस प्रक्रिया में एक दवाओं से बने एक घोल (सोलूशन) को इंजेक्शन की मदद से बवासीर में डाला जाता है। रबर बैंड लिगेशन थेरेपी की तरह ही इसमें भी बवासीर सूख कर गिर जाती है। (और पढ़ें - बवासीर में क्या करना चाहिए)
     
  • बाइपोलर, लेजर या इनफ्रारेड कोएग्युलेशन:
    इस प्रक्रिया की मदद से अंदरुनी बवासीर में खून की सप्लाई बंद कर दी जाती है। इसके बाद बवासीर धीरे-धीरे सूख कर गिर जाती है।
     
  • इलेक्ट्रोकोएग्युलेशन:
    इस प्रक्रिया में इलेक्ट्रिकल करंट की मदद से बवासीर को सूखा दिया जाता है और अंत में वह गिर जाती है।

यदि खूनी बवासीर का आकार काफी बढ़ गया है या स्थिति अत्यधिक गंभीर हो गई है, तो डॉक्टर और अधिक एडवांस ट्रीटमेंट कर सकते हैं, जैसे एक्सटेंसिव सर्जरी आदि। यदि आपको प्रोलेप्सड हेमोरोइड्स (बवासीर आगे की तरफ बढ़ जाना) है, तो भी डॉक्टर ऐसे इलाज करवाने की सलाह दे सकते हैं। यह स्थिति तब होती है जब बवासीर मलद्वार से  बाहर की तरफ निकल जाती है। आपके खूनी बवासीर के प्रकार व उसकी गंभीरता के अनुसार डॉक्टर आपके लिए उचित इलाज का चयन करते हैं। 

कुछ इलाज प्रक्रियाएं हैं जिनको करने के दौरान मरीज को बेहोश या सुन्न करने वाली दवा दी जाती है साथ ही साथ इसके कुछ मामलों में मरीज को रातभर अस्पताल में भी रुकना पड़ सकता है। 

  • हेमोरोइडेक्टॉमी (Hemorrhoidectomy):
    इस प्रक्रिया की मदद से बढ़ी हुई अंदरुनी बवासीर और अंदरुनी जटिल बवासीर को निकाल दिया जाता है। (और पढ़ें - सर्जरी से पहले की तैयारी)
     
  • हेमोरोइडोपेक्सी (Hemorrhoidopexy):
    इस प्रक्रिया में सर्जन (सर्जरी करने वाले डॉक्टर) बाहर  की तरफ निकली हुई खूनी बवासीर को सर्जिकल स्टेपल्स की मदद से वापस अंदर कर देते हैं। इस प्रक्रिया की मदद से बवासीर में होने वाली खून की सप्लाई को भी बंद कर दिया जाता है, जिससे बवासीर छोटी पड़ने लग जाती है।
     
  • डॉपलर गाइडिड हेमोरोइड आर्टरी लिगेशन (DG-HAL):
    इस प्रक्रिया में अल्ट्रासाउंड का उपयोग किया जाता है जिसकी मदद से खूनी बवासीर में खून के बहाव की जांच की जाती है। खूनी बवासीर में खून की सप्लाई बंद कर देने से बवासीर का आकार कम होने लग जाता है। हालांकि गंभीर खूनी बवासीर के मामलों में इस प्रक्रिया के बाद बवासीर फिर से विकसित होने की संभावनाएं भी काफी बढ़ जाती है।

(और पढ़ें - गर्भावस्था में अल्ट्रासाउंड कब कराएं)

खूनी बवासीर से क्या जटिलताएं होती हैं?

जब बवासीर को किसी प्रकार की क्षति पहुंचती है तो उससे खून बहने लग जाता है। आमतौर पर बवासीर में खून बहना व अन्य तकलीफें होने की स्थिति को घरेलू उपचारों की मदद से ठीक किया जाता है। लेकिन अगर घरेलू उपचार शुरू होने के एक हफ्ते बाद तक भी आपको इसके लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो डॉक्टर से मदद ले लेनी चाहिए।

(और पढ़ें - गर्भावस्था में बवासीर के उपचार)

 

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खूनी बवासीर, जिसे हेमरॉइड्स भी कहा जाता है, एक ऐसी स्थिति है जिसमें मलाशय या गुदा में सूजन और दर्द के साथ रक्तस्राव होता है। यह स्थिति तब होती है जब बवासीर के वेन (रक्तवाहिनियाँ) सूज जाती हैं और उनमें से खून बहने लगता है। खूनी बवासीर के लक्षणों में मल त्याग के दौरान खून आना, गुदा में खुजली और जलन, और कभी-कभी दर्द शामिल हो सकते हैं। यह समस्या अक्सर कब्ज, लंबे समय तक बैठने या भारी वस्तुएं उठाने के कारण होती है। इलाज में उच्च फाइबर युक्त आहार, अधिक पानी पीना, और बवासीर के लिए विशिष्ट दवाएं शामिल हो सकती हैं। गंभीर मामलों में, चिकित्सा उपचार या सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है। उचित देखभाल और उपचार से अधिकांश मामलों में राहत मिल जाती है।

Dr. Paramjeet Singh.

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