पोर्नोग्राफी यानि अश्लील सामग्री। आधुनिक युग में पोर्नोग्राफी का इस्तेमाल बहुत तेजी से बढ़ा है। तमाम तरह के प्रतिबंधों के बावजूद, करोड़ों लोग इंटरनेट और अन्य माध्यम से पोर्नोग्राफी से जुड़े हैं। हालांकि, यहां कुछ के लिए ये मनोरंजन का साधन हो सकता है, लेकिन अधिकांश लोगों के लिए पोर्नोग्राफी आज एक नशा बन चुका है। खासकर हमारे युवा वर्ग के लिए। जिसमें लड़के और लड़कियों की संख्या लगभग एक समान है। यही वजह है कि पोर्नोग्राफी की लत युवा वर्ग के लिए एक खतरा बन चुकी है। ताजा रिसर्च में ये बात सामने आई है कि पोर्नोग्राफी की जद में फंसा युवा आज अपने भविष्य के फैसले लेने में भी सक्षम नहीं है।
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क्या कहती है रिसर्च?
डेलीमेल में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार शोधकर्ताओं ने पोर्नोग्राफी से पैदा वाली गंभीर समस्याओं को लेकर रिसर्च की। इस अध्ययन को लेकर कनाडा की यूनिवर्सिटी लावल में शोधकर्ता रशेल ऐनी बर्र ने बताया कि किशोर अवस्था में पोर्नोग्राफी देखना मस्तिष्क के एक महत्वपूर्ण क्षेत्र को नष्ट कर देता है। अध्ययन से पता चलता है कि जो लोग नियमित रूप से पोर्न वीडियो या तस्वीरें देखते हैं, उनके मस्तिष्क में मौजूद प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स (जो नैतिकता, इच्छाशक्ति और ध्यान को नियंत्रित करता है) को नुकसान पहुंचता है।
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शोध से पता चलता है कि पोर्नोग्राफी देखना, ऐसे लोगों में भावनाओं और आवेगों (इंप्लस) के साथ संघर्ष करने का कारण बना सकता है। संभावित रूप से व्यवहार में नकारात्मक बदलाव और खराब निर्णयों के लिए पोर्नोग्राफी एक बड़ी वजह हो सकती है।
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विशेषज्ञों की राय
रशेल ऐनी बर्र कहती हैं कि यह कुछ हद तक झूठ सा प्रतीत होता है कि एडल्ट एंटरटेनमेंट हमारे दिमाग की संरचना को बच्चों जैसा बना सकता है। इससे भी बड़ी विडंबना यह है कि पोर्न संतुष्टि और यौन सुख का वादा करता है, लेकिन होता इसके बिल्कुल उलट है।
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इंटरनेट पर पोर्नोग्राफी का बड़ा जाल
आज इंटरनेट पर बड़ी संख्या में अश्लील सामग्री उपलब्ध है, जिससे लाइव एक्शन पोर्न की मांग पूरी होती है। लोगों की डिमांड का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि साल 2018 में सबसे बड़ी फ्री पोर्न साइट पोर्नहब को 33.5 अरब हिट या यूं कहें कि अरबों लोगों ने इस बेवसाइट पर जाकर पोर्न वीडियो देखे।
- अध्ययन में कहा गया है कि लोगों में पोर्न और जीवंत अश्लील दृश्यों को लेकर लत बहुत तेजी से बढ़ी है। वास्तव में, यह इस क्षेत्र में तकनीकी विकास के पीछे एक प्रमुख कारण हो सकता है।
- बर्र कहती हैं कि विज्ञान केवल अश्लील साहित्य की खपत के न्यूरोलॉजिकल नतीजों को प्रकट करने के लिए शुरुआत कर रहा है। क्योंकि यह पहले से ही स्पष्ट है कि पोर्नोग्राफी की बढ़ती मांग से इस तरह के लोगों के मानसिक स्वास्थ्य और सेक्स जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है।
- पोर्न डिप्रेशन से लेकर नपुंसकता तक हमारे तंत्रिका तंत्र को प्रभावित कर गंभीर परिणामों की तरफ धकेल रहा है। बर्र और उनकी टीम ने मस्तिष्क तंत्रिका तंत्र पर पोर्न के शक्तिशाली प्रभाव को देखा है, जो मानव व्यवहार को प्रभावित कर सकता है।
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पोर्नोग्राफी की लत की वजह
शोधकर्ताओं के अनुसार, जिन लोगों को पोर्न की लत लग जाती है उन्हें अपनी सेक्स जरूरतों को पूरा करने के लिए किसी दूसरे व्यक्ति की जरूरत महसूस नहीं होती, बल्कि पोर्न ही उनके लिए इस जरूरत को पूरा करने का आसान साधन बन जाता है।
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रिसर्च में सामने आया है कि पोर्न देखने के आदी हो चुके लोगों को भले ही वह पसंद न आ रहा हो, फिर भी और ज्यादा पोर्न देखने की चाहत उनके अंदर बढ़ती जाती है।