मानसिक रूप से थकावट महसूस होना काफी आम समस्या है, जो आमतौर पर आजकल काफी लोगों में देखी जाती है। मानसिक थकान कोई रोग नहीं, बल्कि यह कई बीमारियों से विकसित होने वाला एक लक्षण है। स्वास्थ्य संबंधी कुछ बीमारियां है, जिनके परिणामस्वरूप मानसिक थकावट उत्पन्न हो सकती है। वैसे तो मानसिक थकान पूरी तरह शारीरिक थकान से अलग होती है, लेकिन कुछ मामलों में ये दोनों स्थितियां एक साथ भी विकसित हो जाती हैं।

कुछ मामलों में मानसिक रूप से थकावट होना अधिक शारीरिक मेहनत का परिणाम भी हो सकता है। मानसिक थकान मुख्य रूप से किसी व्यक्ति को भावनात्मक रूप से प्रभावित करती है। आमतौर पर यह किसी गंभीर रोग का संकेत नहीं देता, लेकिन कुछ मामलों में यह किसी गंभीर बीमारी से संबंधित हो सकता है। यदि पर्याप्त नींद लेकर, स्वस्थ व संतुलित आहार लेकर और तनाव मुक्त रह कर भी मानसिक थकान कम नहीं हो रही है, तो डॉक्टर से इस बारे में बात कर लेनी चाहिए।

  1. मानसिक थकान क्या है - What is Mental fatigue in Hindi
  2. मानसिक थकान के लक्षण - Mental fatigue Symptoms in Hindi
  3. मानसिक थकान के कारण - Mental fatigue Causes in Hindi
  4. मानसिक थकान से बचाव - Prevention of Mental fatigue in Hindi
  5. मानसिक थकान का परीक्षण - Diagnosis of Mental fatigue in Hindi
  6. मानसिक थकान का इलाज - Mental fatigue Treatment in Hindi
  7. मानसिक थकान की जटिलताएं - Mental fatigue Complication in Hindi
मानसिक थकान और कमजोरी के डॉक्टर

मानसिक थकान किसे कहते हैं?

इस स्थिति में व्यक्ति किसी विशेष कार्य पर अपना ध्यान केंद्रित नहीं कर पाता और उसमें धीरे-धीरे मानसिक तनाव बढ़ता रहता है। यह स्थिति अक्सर धीरे-धीरे विकसित होती है और अत्यधिक तनाव के दौरान इसके लक्षण बदतर हो जाते हैं। यह स्वास्थ्य संबंधी कई सामान्य व गंभीर समस्याओं के लक्षणों के रूप में विकसित हो सकता है। यह जीवनशैली से संबंधित कुछ बुरी आदतों से भी हो सकता है, जैसे पोषण युक्त आहार न लेना और एक्सरसाइज न करना आदि।

(और पढ़ें - मानसिक रोग का आयुर्वेदिक इलाज)

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मानसिक थकान से क्या लक्षण होते है?

मानसिक रूप से महसूस होने वाली थकावट के लक्षण हर व्यक्ति के अनुसार अलग-अलग हो सकते हैं। इसके लक्षण आमतौर पर धीरे-धीरे विकसित होते हैं व तनाव के दौरान अधिक बदतर हो जाते हैं। यदि मानसिक थकान से पीड़ित किसी व्यक्ति को नियमित रूप से थकान हो रही है, तो उसे ऐसा महसूस होने लगता है कि वह किसी विपत्ति में फंस गया है और इससे बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं है।

मानसिक थकान से ग्रस्त व्यक्ति में कुछ भावनात्मक लक्षण विकसित होने लगते हैं, जिनमें निम्न शामिल हो सकते हैं:

मानसिक रूप से थकान होने पर कुछ शारीरिक लक्षण भी विकसित हो सकते हैं, इसमें निम्न शामिल हैं:

डॉक्टर को कब दिखाएं?

यदि लगातार दो या तीन दिन से अपना ध्यान केंद्रित नहीं कर पा रहे हैं या फिर आपको निम्न में से कोई समस्या महसूस हो रही है, तो डॉक्टर को दिखा लेना चाहिए:

  • मानसिक थकान के कारण का पता न लग पाना
  • नींद न आना या बार-बार नींद से जागना
  • ऐसा महसूस होना जैसे कि आप डिप्रेशन में हैं
  • शरीर का तापमान सामान्य से अधिक रहना

(और पढ़ें - मानसिक रोग दूर करने के उपाय)

मानसिक थकावट क्यों होती है?

ज्यादातर मामलों में मानसिक थकान मुख्य रूप से व्यक्ति की आदत या दिनचर्या के कारण विकसित होती है, जैसे व्यायाम न करना आदि। कई मामलों में देखा गया है कि मानसिक थकान  डिप्रेशन से भी संबंधित होती है। कई बार यह स्थिति किसी अन्य बीमारी के कारण भी विकसित हो सकती है, जिसकी जांच व इलाज करवाना बहुत जरूरी होता है। मानसिक थकान के कारण हर व्यक्ति के लिए एक समान नहीं होते, कुछ लोगों में यह समस्या होने का खतरा अन्य के मुकाबले ज्यादा होता है।

स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं जो मानसिक थकान का कारण बन सकती हैं:

कुछ अन्य स्थितियां जो मानसिक थकान का कारण बन सकती हैं:

  • ऐसे कार्य जिनमें दिमाग पर अधिक दबाव पड़ता हो, जैसे अध्यापक व इमर्जेंसी सर्विस में काम करने वाले लोग
  • लंबे समय तक काम करना
  • गरीबी या अन्य वित्तीय तनाव
  • नौकरी से संतुष्ट न होना
  • किसी बीमार बच्चे या वृद्ध की चिंता रहना
  • कोई दीर्घकालिक रोग होना
  • किसी प्रियजन की मृत्यु हो जाना
  • कार्य व्यवस्था ठीक से न चलना
  • सामाजिक सहारा न मिल पाना
  • किसी रिश्ते में अनबन रहना या तलाक हो जाना

(और पढ़ें - मानसिक रूप से मजबूत बनने के तरीके)

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मानसिक थकान कैसे दूर करें?

मानसिक थकान का कारण बनने वाली स्थितियों की रोकथाम करके यह स्थिति विकसित होने से रोकथाम की जा सकती है। हालांकि विशेष बातों का ध्यान रख कर मानसिक थकान होने का खतरा कम किया जा सकता है, जैसे:

  • खाना-खाने से जुड़ी स्वस्थ आदतें अपनाना
  • नियमित रूप से व्यायाम करना
  • रोजाना पर्याप्त नींद लेना
  • तनाव का कारण बनने वाली स्थितियों से बचना
  • रिलेक्सिंग गतिविधियों में भाग लेना जैसे योग आदि
  • शराब, तंबाकू और अन्य गैर कानूनी पदार्थों का सेवन न करना

ऊपर बताई गई बातों का ध्यान रख कर मानसिक थकान होने से बचाव किया जा सकता है और अगर आपको पहले से ही यह समस्या है, तो इसके लक्षणों को कम किया जा सकता है। इसके अलावा डॉक्टर के द्वारा दिए गए नियमों का पालन करना बहुत जरूरी होता है, ताकि मानसिक थकान के अंदरुनी कारणों का इलाज किया जा सके। यदि इस स्थिति का इलाज न किया जाए, तो मानसिक थकान आपके जीवन में कई कठिनाईयां पैदा कर सकती है।

मानसिक थकान का परीक्षण कैसे किया जाता है?

मानसिक थकावट का परीक्षण करने के लिए सबसे पहले मरीज से कुछ सवाल पूछे जाते हैं और शारीरिक परीक्षण किया जाता है। परीक्षण के दौरान आमतौर पर मानसिक थकान से संबंधित सवाल पूछे जाते हैं, जैसे:

  • आपको मानसिक थकान कब से है
  • किन स्थितियों में मानसिक थकान के लक्षण गंभीर होते हैं
  • इसके अलावा आप अन्य कौन से लक्षण महसूस कर रहे हैं।
  • आपको किन स्थितियों में अधिक तनाव होता है
  • वर्तमान में या पहले आप कौन सी दवा ले रहे थे

डॉक्टर इन सवालों की मदद से मानसिक थकान के कारणों का पता लगाने की कोशिश करेंगे। इसके अलावा यदि शारीरिक परीक्षण के दौरान डॉक्टर को कुछ अन्य स्वास्थ्य समस्याओं पर संदेह होता है, तो पुष्टि करने के लिए यूरिन टेस्ट, ब्लड टेस्ट और अन्य इमेजिंग टेस्ट भी कर सकते हैं।

मानसिक थकान का इलाज कैसे किया जाता है?

यदि किसी व्यक्ति को कई दिनों तक मानसिक रूप से थकावट महसूस हो रही है, तो डॉक्टर को दिखाना आवश्यक है। मानसिक समस्याओं के विशेषज्ञ डॉक्टर (जैसे थेरेपिस्ट) आपको मानसिक थकान के दौरान कुछ तरीके बता सकते हैं, जिनसे इसके लक्षणों को कम करने में मदद मिलती है।

इलाज के दौरान डॉक्टर मानसिक थकान को दूर करने के लिए आपको उचित थेरेपी प्रदान करेंगें और इसके साथ ही आपको कुछ दवाएं भी दे सकते हैं, जो आपके लक्षणों को कम करने में मदद करेंगी।

मानसिक थकान का इलाज करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं में मुख्य रूप से एंटीडिप्रेसेंट्स (डिप्रेशन को कम करने वाली), एंटी-एंक्जायटी (चिंता को कम करने वाली) और कुछ नींद लाने में मदद करने वाली दवाएं आदि शामिल हो सकती हैं।

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मानसिक थकान से क्या जटिलताएं हो सकती हैं?

वैसे तो मानसिक थकावट का इलाज संभव है और ऐसी कई इलाज प्रक्रियाएं उपलब्ध हैं, जिनकी मदद से मरीज के लक्षणों को कम किया जाता है। अगर समय रहते इस स्थिति का इलाज न किया जाए, तो यह आपके व्यवहार में काफी बदलाव कर सकती है जिससे आपके सामान्य जीवन पर प्रभाव पड़ता है। मानसिक थकान के कारण निम्न व्यवहार बदलाव हो सकते हैं जैसे:

  • व्यवसाय के काम को ठीक से न संभाल पाना
  • सामाजिक गतिविधियों में शामिल न रहना
  • ऑफिस या स्कूल का काम पूरा न कर पाना
  • स्कूल या ऑफिस से अक्सर छुट्टी लेना
Dr. Sumit Kumar.

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