कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जो हर साल विश्वभर में लाखों लोगों की मौत का कारण बनती है। पुरुषों और महिलाओं में समान रूप से ब्रेस्ट कैंसर, स्किन कैंसर, आंत के कैंसर सबसे प्रमुख हैं। क्या आप जानते हैं, लंग कैंसर पुरुषों की तुलना में महिलाओं के लिए सबसे ज्यादा घातक साबित होता है।
(और पढ़ें- पांच प्रकार के कैंसर जिन पर महिलाओं को बात करनी चाहिए)
पुरुषों से अलग होता है महिलाओं में लंग कैंसर
एनसीबीआई में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार ट्यूमर पर हो रही एक रिचर्स में साफतौर पर पता चला है कि महिलाओं में लंग कैंसर पुरुषों की तुलना में अलग होता है। महिलाओं में लंग एडेनोकार्सिनोमा (वो कैंसर हैं जो पौरुष ग्रंथि की ग्रंथि कोशिकाओं में बनता है) होने की अधिक आशंका होती है। साथ ही कम उम्र में महिलाओं के अंदर इस तरह की बीमारी का पता चल जाता है, जिससे बीमारी के इलाज की संभावना होती है।
चौंकाने वाले हैं आंकड़े
रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया भर में हर साल लंग कैंसर से जुड़े लाखों नए मामले सामने आते हैं, जिसमें 9,65,400 से ज्यादा पुरुष और 3,86,850 से अधिक महिला रोगी शामिल होती हैं। इसका मतलब हर साल लगभग 13 लाख नए मामले लंग कैंसर से जुड़े होते हैं, इनमें से 11 लाख 7 हजारों लोगों की मौत हो जाती है।
- लंग कैंसर से जुड़े कुछ आंकड़े पुरुषों में अधिक हो सकते हैं, लेकिन पिछले 2 दशक (20 साल) में फेफड़े के कैंसर से पुरुषों के साथ ही महिलाएं भी समान रूप से ग्रस्त हैं।
- पुरुषों में लंग कैंसर से जुड़े मामलों में पहले की तुलना में कमी आई है, मगर कुछ कारणों से महिलाओं में लंग कैंसर के नए मामले बढ़े हैं।
- यूरोपीय देशों में साल 2000 तक प्रति 1 लाख पुरुषों में लंग कैंसर से मौत का आंकड़ा 44 पहुंच गया, जबकि साल 1980 के दशक के अंत तक यह आंकड़ा 53 प्रति एक लाख था।
- वहीं, महिलाओं के मामले में यह चक्र उल्टा चलता हुआ दिखता है, महिलाओं में इस दौरान 27 फीसदी मामले बढ़े हैं।
लंग कैंसर कितना घातक ?
एक रिपोर्ट के मुताबिक पुरुषों और महिलाओं में फेफड़ों का कैंसर (लंग कैंसर) का खतरा एक समान रहता है। लेकिन दोनों को एक ही तरह का कैंसर प्रभावित नहीं करता है। लंग कैंसर के दो प्रमुख प्रकार हैं -
- स्मॉल सेल लंग कैंसर
- नॉन स्मॉल सेल लंग कैंसर
स्मॉल सेल लंग कैंसर बहुत घातक होता है और तेजी से बढ़ता है, जबकि इसकी तुलना में नॉन स्मॉल सेल लंग कैंसर तीन प्रकार का होता है। जैसे कि एडेनोकार्सिनोमा, स्क्वैमस सेल लंग कैंसर और लार्ज सेल लंग कैंसर। लंग कैंसर के बीच एक बड़ा अंतर यह है कि स्क्वैमस सेल अधिक लक्षण पैदा करता है और इसका पता लगाना आसान होता है, इस तरह लंग कैंसर से बचाव के लिए एक संभावना बन जाती है।
(और पढ़ें- कैंसर का आयुर्वेदिक इलाज)
लंग कैंसर को लेकर डॉक्टर की राय
रिपोर्ट के मुताबिक महिलाओं और पुरुषों में धूम्रपान, लंग कैंसर (फेफड़ों के कैंसर) की प्रमुख वजह है। लेकिन ये दोनों को अलग-अलग तरह से प्रभावित (इफेक्टिड) करता है। हालांकि, मेडिकल साइंस के पास भी इसका कोई जवाब नहीं कि पुरुष की तुलना में महिलाओं के लिये यह ज्यादा खतरनाक कैसे है।
लंग कैंसर महिलाओं के लिए ज्यादा खतरनाक
हार्वर्ड हेल्थ पब्लिशिंग में प्रकाशित एक दूसरी रिपोर्ट के मुताबिक महिलाओं में लंग कैंसर सबसे खतरनाक होता है। महिलाओं में लंग कैंसर का एक मुख्य कारण धूम्रपान हो सकता है, मगर 20 प्रतिशत मामलों में वो महिलाएं भी शामिल हैं, जिन्होंने कभी धूम्रपान किया ही नहीं है। इतना ही नहीं पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं के अंदर कम उम्र में ही लंग कैंसर होने का खतरा होता है। जबकि इस स्थिति में पुरुषों के साथ आशंका कम होती है।
(और पढ़ें- धूम्रपान की लत के लक्षण और इलाज)
महिलाओं में लंग कैंसर की वजह
धूम्रपान और तंबाकू का इस्तेमान करना महिलाओं में लंग कैंसर के होना का सबसे बड़ा कारण हो सकता है। जबकि महिलाओं में लंग कैंसर की कुछ ये वजह भी हो सकती हैं। जैसे-
- घर में किसी गैस के संपर्क में आना
- प्रदूषित पर्यावरण में रहने से
- व्यावसायिक गतिविधियों में बने रहने से भी लंग कैंसर हो सकता है
- मौजूदा समय में ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (HPV) भी महिलाओं में फेफड़ों में होने वाले कैंसर की वजह बना है।
क्या है इलाज ?
कैंसर बड़ी बीमारी हो सकती है, मगर इसका इलाज भी संभव है। लंग कैंसर होने की स्थिति में इलाज आपके डॉक्टर पर निर्भर करता है। हालांकि, ऐसी स्थिति में दो तरह के ट्रीटमेंट संभव होते हैं।
लोकल ट्रीटमेंट- इस उपचार में डॉक्टर कैंसर सेल को उसकी जगह से बाहर निकालने की कोशिश करते हैं। जिसमें सर्जरी और रेडिएशन थैरेपी की मदद ली जाती है।
सिस्टेमिक ट्रीटमेंट- इस ट्रीटमेंट में केवल लंग कैंसर ही नहीं, बल्कि बॉडी में किसी भी प्रकार के कैंसर का इलाज किया जाता है। अगर कैंसर पूरी तरह से फेफड़ों में फैल गया है, तो ये ट्रीटमेंट जरूरी हो जाता है।