एंटीमोनियम क्लोरैटम
सामान्य नाम : बटर ऑफ एंटीमनी
लक्षण : इस ट्रीटमेंट के साथ इस दवा से निम्नलिखित लक्षणों का उपाय किया जा सकता है :
आर्सेनिकम एल्बम
सामान्य नाम : आर्सेनिक एसिड, आर्सेनिक ट्राइऑक्साइड
लक्षण : आर्सेनिकम एल्बम का प्रभाव शरीर के प्रत्येक भाग पर पड़ता है। इसके जरिए निम्नलिखित लक्षणों का इलाज भी किया जा सकता है :
- बेचैनी
- शारीरिक या मानसिक तौर पर गंभीर थकावट
- पूरे शरीर में जलन, विशेषकर छाती में
- कमजोरी व चिड़चिड़ापन
- क्लोरोसिस (पोषण संबंधी बीमारी)
- शरीर में अपक्षयी परिवर्तन (अंग व ऊतकों के कार्य में लगातार गिरावट)
- मलेरियल कैचेक्सिया (शरीर की कमजोरी)
- सेप्टिक इंफेक्शन (संक्रमण के प्रति लड़ने के लिए शरीर विशेष रसायनों को रक्तप्रवाह में छोड़ता है, जिससे प्रतिक्रिया होती है, इस स्थिति को सेप्टिक इंफेक्शन कहा जाता है)
उपरोक्त लक्षण आधी रात, बरसात या ठंड के मौसम में, दायीं ओर लेटने, ठंडा भोजन या पेय पदार्थ लेने के बाद बिगड़ जाते हैं। लक्षणों में सुधार तब होता है, जब व्यक्ति अपना सिर उठाए रहता है और गर्म पेय पदार्थों का सेवन करता है। सिर को ऊपर उठाने से, स्वास्थ्य समस्याओं और खर्राटों से होने वाली समस्याओं में सुधार होता है और श्वास मार्ग खुला रहता है।
एस्टेरियस रूबेंस
सामान्य नाम : रेड स्टारफिश (लाल सितारा जैसी दिखने वाली मछली)
लक्षण : इसका उपयोग स्तन कैंसर और अन्य प्रकार के कैंसर जैसी गंभीर स्थितियों के लिए किया जाता है। इसके जरिए निम्नलिखित लक्षणों का इलाज किया जा सकता है :
- शरीर में चुभने वाला दर्द
- न्यूराल्जिया (नसों के प्रभावित होने या उन्हें किसी प्रकार के नुकसान होने से होने वाला दर्द) और हिस्टीरिया (भावना का बेकाबू हो जाना या उत्तेजित होना)
- चेहरे पर लालिमा
- छाती की मांसपेशियों में दर्द
रात में, ठंड या नम मौसम में, बाईं ओर लेटने और कॉफी पीने पर लक्षणों का बिगड़ना
कार्बो एनिमैलिस
सामान्य नाम : एनिमल चारकोल
लक्षण : यह ट्रीटमेंट उन लोगों में अच्छी तरह से काम करता है, जिनमें रक्त परिसंचरण की कमी है। आमतौर पर बुजुर्गों को यह ट्रीटमेंट दिया जाता है। लक्षण इस प्रकार हैं :
ये लक्षण तरल पदार्थ के सेवन के बाद बदतर हो सकते हैं।
सिस्टस कैनाडेंसिस
सामान्य नाम : रॉक रोज
लक्षण : सिस्टस कैनाडेंसिस उन लोगों में अच्छा काम करता है, जो ठंड के मौसम के प्रति अत्यधिक संवेदनशील होते हैं। यह एक ऐसा उपाय है जो विशेष रूप से ग्रंथियों को प्रभावित करने वाली स्थितियों में कार्य करता है। यह निम्न लक्षणों में मदद कर सकता है :
- संक्रमण के कारण त्वचा का फटना
- गर्दन की ग्रंथियों से संबंधित खतरनाक बीमारी
- लंबे समय से प्रभावित कर रही सूजन
- सीने में ठंड लगना
- फेफड़ों में ब्लीडिंग
- अस्थमा, जो लेटने की स्थिति में और खराब हो सकता है।
उपरोक्त लक्षण मानसिक परिश्रम के साथ और ठंडी हवा के मामूली जोखिम के साथ खराब हो जाते हैं। ऐस में कुछ खाने से रोगियों को अस्थायी राहत मिल सकती है।
कोनियम मैक्यूलैटम
सामान्य नाम : पॉइजन हेमलॉक
लक्षण : निम्नलिखित संकेतों के मामले में इस ट्रीटमेंट का प्रयोग किया जाता है :
- गैट समस्याएं (सामान्य तरह से चलने में समस्या आना)
- कंपकपी या सिहरन के साथ-साथ दिमाग और शरीर दोनों में कमजोरी, विशेषकर ऐसा सुबह के समय होता है जब व्यक्ति बिस्तर पर होता है।
- ट्यूमर
- चोट लगने पर एक सामान्यीकृत एहसास
- पैरों में दर्द और जकड़न
- लगातार छोटी और सूखी खांसी आना, यह लक्षण रात और शाम के समय बदतर हो जाते हैं। इसमें थोड़ी देर तक खांसने पर कफ बाहर निकल सकता है।
- सांस लेने में दिक्कत
- सीने में दर्द और सीने में जकड़न, जिसके कारण सांस लेने में मुश्किल होती है।
- गले में खुजली के साथ खांसी
पीरियड्स से पहले और इसके दौरान यह लक्षण लेटने, करवट लेने और तनाव की स्थिति में बिगड़ जाते हैं।
(और पढ़ें - गले में खराश खुजली हो तो क्या करें)
गैलियम एपरिन
सामान्य नाम : गूज-ग्रास
लक्षण : गैलियम एक मूत्रवर्धक है। यह मुख्य रूप से मूत्र प्रणाली पर असर करता है और अल्सर वाली सतहों के लिए फायदेमंद है। चोट लगने के तीन से छह दिनों के अंदर खुले घाव वाले हिस्से पर दानेदार ऊतक दिखाई देते हैं और इन प्रभावित हिस्सों को ठीक करने में गैलियम एपरिन ट्रीटमेंट असरदार है। इसका उपयोग निम्नलिखित स्थितियों में भी किया जाता है :
- ड्रॉप्सी (पानी के अतिरिक्त संचय के कारण होने वाली एक सामान्यीकृत सूजन) और पथरी (मूत्राशय में)
- पेशाब करने में दर्द
- स्कर्वी (विटामिन सी की कमी के कारण होने वाली एक बीमारी)
- सिस्टिटिस (मूत्राशय की सूजन)
- अल्सर, जो कैंसर में तब्दील हो सकता है।
- त्वचा की समस्याएं, जो जल्दी ठीक नहीं होती हैं।
हाइड्रैस्टिस कैनाडेंसिस
सामान्य नाम : गोल्डन सील
लक्षण : यह उपाय म्यूकस मेंब्रेन्स (कुछ अंगों की अंदरूनी परत) को रिलैक्स करता है। इस उपाय के द्वारा निम्नलिखित लक्षणों का इलाज किया जाता है :
- नाक या गले में बलगम का अत्यधिक स्राव
- मांसपेशीयों में कमजोरी
- पीठ के निचले हिस्से में दर्द
- खराब पाचन और कब्ज
- यौवन और गर्भावस्था के दौरान गोइटर (बढ़ा हुआ थायरॉयड)
- सूखी खांसी
- बूढ़े व्यक्तियों में घरघराहट के साथ खांसी और सांस फूलना
- सीने में जलन के साथ-साथ दर्द
- बाईं ओर लेटने पर घुटन महसूस होना
- बार-बार बेहोशी आना, रोगी को अत्यधिक पसीना आने के साथ-साथ उसके शरीर पर छाले पड़ जाते हैं।
आयोडियम
सामान्य नाम : आयोडियम
लक्षण : निम्नलिखित लक्षणों में इस उपाय की जरूरत पड़ती है:
- कंपकपी
- लंबे समय से सूजन की समस्या में अचानक वृद्धि हो जाना
- रक्तस्राव (रक्त वाहिका का टूटना और ब्लीडिंग)
- गले में गुदगुदी की भावना, जिसके कारण सूखी खांसी की समस्या ट्रिगर होती है। इस स्थिति में रोगी को खांसते समय गर्दन में दर्द महसूस होता है।
- रक्त वाहिकाओं का असामान्य तरीके से सिकुड़ना
- कोशिकाओं का प्रभावित होना
- ग्रंथियों का सिकुड़ना
- त्वचा को नुकसान पहुंचना (खरोंच)
- आवाज बैठना
- खांसते समय अपना गला पकड़ लेना (विशेषकर बच्चों में)
- बलगम में खून आना
- निमोनिया (फेफड़ों की सूजन)
- सीने में कमजोरी
- सांस लेने पर गले में दर्द
- सांस लेने में तकलीफ
यह लक्षण पीठ या दाईं ओर लेटने या गर्म वातावरण में बैठने पर बदतर हो सकते हैं, जबकि इन लक्षणों में खुली हवा में रहने पर सुधार हो सकता है।
कैलियम सायनैटम
सामान्य नाम : पोटेशियम साइनाइड
लक्षण : इस उपाय का उपयोग निम्नलिखित लक्षणों के उपचार के लिए किया जाता है :
यह लक्षण सुबह 4 बजे से लेकर शाम 4 बजे के बीच बिगड़ जाते हैं।
क्रीओसटम
सामान्य नाम : बीचवुड क्रिओसटे
लक्षण : इसका उपयोग निम्नलिखित स्थितियों में किया जा सकता है :
- थूक में खून आना
- बूढ़े लोगों में सर्दियों के मौसम में खांसी की समस्या और उनके सीने में भारी दबाव महसूस होना
- शरीर में तेज झुनझुनाहट
- शाम के समय में खांसी आना
- ऐसे डिस्चार्ज होना, जिनसे जलन और छिलने का एहसास होता है।
- तंत्रिका संबंधी गंभीर समस्याएं
- हर खांसी के बाद मवाद आना
- फेफड़ों की कोशिकाओं का कार्य न करना
- यह लक्षण ठंड में बिगड़ जाते हैं।
सेम्पेरविवं टेक्टरम
सामान्य नाम : हाउसलीक
लक्षण : यह उपाय निम्नलिखित स्थितियों के लिए अनुशंसित है :
- दाद
- ट्यूमर, जो कैंसर में बदल सकता है।
- जीभ का कठोर होना
- बवासीर
- अल्सर के साथ जीभ का कैंसर, इस स्थिति में आसानी से खून बह सकता है, खासकर रात में
थूजा ऑक्सिडेंटलिस
सामान्य नाम : आर्बर विटे
लक्षण : यह उपाय शरीर के लगभग सभी प्रमुख अंग प्रणालियों पर असर करता है। यह निम्नलिखित लक्षणों को दूर करने में मदद करता है :
यह लक्षण नम वातावरण में, रात में, कॉफी का सेवन करने और नाश्ते के बाद खराब हो जाते हैं। जब रोगी बाईं करवट लेकर लेट जाता है, तो लक्षणों में सुधार होता है।
(और पढ़ें - फेफड़ों के कैंसर का ऑपरेशन कैसे होता है)