जोड़ों में दर्द कई कारणों से हो सकता है. सामान्य तौर से यह परेशानी खेलकूद, बढ़ती उम्र, चोट लगना, मौसम में परिवर्तन और मांसपेशियों में खिंचाव की वजह से हो सकती है. इसके अलावा कुछ बीमारियों जैसे- अर्थराइटिस, यूरिक एसिड बढ़ने की वजह से भी जोड़ों में दर्द की समस्या होती है. इस परेशानी से राहत पाने के लिए लोग कई तरह के उपचारों का सहारा लेते हैं. आयुर्वेद में मौजूद जड़ी-बूटियों से भी जोड़ों के दर्द की परेशानी को दूर करने की कोशिश की जा सकती है. इन जड़ी-बूटियों में अदरक, हल्दी, एलोवेरा इत्यादि शामिल हैं. इसके इस्तेमाल से आप जोड़ों में दर्द को दूर करने की कोशिश कर सकते हैं. आज हम इस लेख में जोड़ों के दर्द के लिए जड़ी बूटी के बारे में जानेंगे.

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  1. जोड़ों में दर्द के लिए जड़ी-बूटियां - Herbs for joint pain in Hindi
  2. सारांश - Summary
जोड़ों के दर्द के लिए जड़ी बूटी के डॉक्टर

आधुनिक जीवनशैली में कई लोगों को जोड़ों में दर्द की परेशानी हो रही है. इस दर्द से राहत पाने के लिए आप लोबान, हल्दी, ग्रीन टी, एलोवेरा जैसी जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल कर सकते हैं.

आइए विस्तार से जानते हैं जोड़ों में दर्द के लिए जड़ी-बूटियों के बारे में -

बोरेज तेल

इसके फूलों के बीज ओमेगा-6 फैटी एसिड भरपूर रूप से होता है. इसे गामा-लिनोलेनिक एसिड (gamma-linolenic acid) भी कहा जाता है. इसके अलावा इसमें लिनोलेनिक एसिड (linolenic acid) भी भरपूर रूप से मौजूद होता है, जो जोड़ों के दर्द को दूर करने में मददगार साबित हो सकता है.

स्टडी के मुताबिक, जीएलए से युक्त तेल के इस्तेमाल से जोड़ों के दर्द से राहत पाया जा सकता है. यह रूमेटाइड गठिया (Rheumatoid arthritis) से प्रभावित रोगियों के लिए काफी फायदेमंद होता है. हालांकि, ध्यान रखें कि जीएलए की अधिक मात्रा कोशिकाओं पर विषाक्त प्रभाव भी डाल सकती है.

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हल्दी

लगभग हर भारतीय किचन में हल्दी का इस्तेमाल किया जाता है. यह खाने का स्वाद बढ़ाने के साथ-साथ आयुर्वेदिक औषधीय गुणों से भरपूर होता है. जोड़ों में दर्द को दूर करने के लिए यह एक बेहतर जड़ी-बूटी साबित हो सकती है. दरअसल, हल्दी में करक्यूमिन यौगिक मौजूद होता है, जो रुमेटाइड गठिया की वजह से हुए सूजन को कम करने में मददगार हो सकती है. रिसर्च के मुताबिक, हल्दी में मौजूद करक्यूमिन जोड़ों के दर्द को सुधारने में असरदार साबित हो सकती है.

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नीलगिरी तेल

नीलगिरी के पत्तों से प्राप्त तेल में जीवाणुरोधी, एंटीवायरल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाया जाता है. इसके अलावा नीलगिरी के पत्तों में फ्लेवोनोइड्स और टैनिन जैसे एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होते हैं, जो जोड़ों में दर्द और सूजन को कम करने की क्षमता रखते हैं.

रिसर्च में बताया गया है कि नीलगिरी के पत्तों से प्राप्त अर्क में एंटी-इंफ्लेमेटरी का गुण होता है, जो सूजन को काफी हद तक कम करने में असरदार होता है. इससे जोड़ों के दर्द को भी दूर किया जा सकता है. नीलगिरी के तेल के इस्तेमाल से आप जोड़ों के दर्द से काफी हद तक राहत पा सकते हैं. इसके अलावा यह एलर्जी की वजह से होने वाली परेशानियों को भी दूर करने में असरदार होता है.

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लोबान

जोड़ों के दर्द को दूर करने के लिए आप लोबान का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. लोबान मार्केट में अर्क या फिर तेल के रूप में आपको आसानी से मिल सकता हैं. इसमें सूजन को कम करने का गुण होता है. अर्थराइटिस फाउंडेशन के अनुसार, लोबान में एंटी-इंफ्लेमेटरी का गुण पाया जाता है, जो गठिया के लक्षणों को दूर करने में असरदार हो सकता है. लेकिन ध्यान रखें कि लोबान से अर्थराइटिस का इलाज नहीं होता है, इससे बस कुछ हद तक अर्थराइटिस के लक्षणों को कम करने की कोशिश की जा सकती है. एक्सपर्ट के सलाह पर आप लोबान का इस्तेमाल कर सकते हैं.

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एलोवेरा

स्वास्थ्य की कई परेशानियों को दूर करने में एलोवेरा फायदेमंद होता है. यह कई तरह के घाव पर मरहम की तरह कार्य करता है. साथ ही कई स्किन प्रोडक्ट में एलोवेरा का इस्तेमाल होता है. इसमें रोगाणुरोधी (antimicrobial) और एंटी-इंफ्लेमेटरी का गुण मौजूद होता है. एलोवेरा में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट, शरीर से मुक्त कणों को कम करने में मददगार होते हैं. यह एंटीऑक्सीडेंट सूजन को कम करने का भी गुण रखते हैं. इसके इस्तेमाल से जोड़ों में दर्द और सूजन को कम किया जा सकता है. स्टडी के मुताबिक, एलोवेरा में मौजूद नॉनस्टेरॉइडल नामक यौगिक एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाओं की तरह कार्य करता है. ऐसे में जोड़ों के दर्द को दूर करने के लिए एलोवेरा आपके लिए लाभकारी हो सकता है.

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अदरक

अदरक का इस्तेमाल कई तरह की परेशानियों को दूर करने के लिए किया जाता है. आयुर्वेद में इसका इस्तेमाल जड़ी-बूटी के रूप में किया जाता है. इसमें मौजूद यौगिक एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होता है. अध्ययनों में इस बात का खुलासा हुआ है कि अदरक का इस्तेमाल नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स ( nonsteroidal anti-inflammatory drugs) के रूप में किया जा सकता है.

लंबे समय से पारंपरिक चिकित्सा में अदरक का इस्तेमाल मतली की परेशानी को दूर करने के लिए किया जाता है. इसके इस्तेमाल ऑस्टियोआर्थराइटिस, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द को दूर करने के लिए किया जा सकता है.

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ग्रीन टी

वजन को कम करने के लिए कई लोग ग्रीन टी का सेवन करते हैं. इसमें एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है, जो गठिया में होने वाले दर्द और सूजन को कम करने का गुण रखता है. वैज्ञानिकों को इस बात के प्रमाण मिले हैं कि ग्रीन टी के अर्क का सेवन करने से गठिया के लक्षणों को कम किया जा सकता है. इसके सेवन से आप जोड़ों में सूजन, दर्द और लालिमा की परेशानी को कम कर सकते हैं.

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जोड़ों में दर्द के लिए कुछ अन्य जड़ी-बूटियां

जोड़ों में दर्द के लिए कुछ अन्य जड़ी-बूटियां इस प्रकार हैं -

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जोड़ों में दर्द को दूर करने के लिए आप थाइम, लहसुन, अदरक, हल्दी, नीलगिरी जैसी जड़ी बूटियों का इस्तेमाल कर सकते हैं. इन जड़ी-बूटियों से आपको काफी लाभ मिलेगा. लेकिन ध्यान रखें कि अगर आपकी परेशानी ज्यादा बढ़ रही है, तो तुरंत एक्सपर्ट से संपर्क करें. वहीं, किसी भी जड़ी-बूटी का इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें.

Dr. Pritish Singh

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