सैक्रोइलियक (एसआई) जोड़ों का दर्द ऑस्टियोआर्थराइटिस, चोट या अन्य किसी स्वास्थ्य स्थितियों के कारण हो सकती है। जिससे तेज झुनझुनी या दर्द हो सकता है।

एसआई जोड़ों के दर्द में तेज,चुभने वाला दर्द हो सकता है। जो कूल्हों और श्रोणि से पीठ के निचले हिस्से तक और जांघों तक फैलता है। कभी-कभी पैरों में सुन्न या झुनझुनी महसूस हो सकती है, या पैर झुकने जैसा महसूस हो सकता है। पीठ के निचले हिस्से में पुराने दर्द से पीड़ित 15 से 30 प्रतिशत लोगों में एसआई जोड़ों का दर्द होता है।

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  1. एसआई जोड़ों का दर्द क्या है?
  2. एसआई जोड़ों के दर्द का कारण
  3. एसआई जोड़ों के दर्द का उपचार
  4. एसआई जोड़ों के दर्द के लक्षण
  5. एसआई जोड़ों के दर्द का परीक्षण
  6. एसआई जोड़ों के दर्द का उपचार
  7. सारांश

सैक्रोइलियक जोड़ पीठ के निचले हिस्से में सैक्रम और इलियम में मिलते हैं। सैक्रम रीढ़ के नीचे, कोक्सीक्स या टेलबोन के ठीक ऊपर त्रिकोण के आकार की हड्डी है। इलियम, कूल्हे की हड्डियों को बनाने वाली तीन हड्डियों में से एक, श्रोणि के सबसे ऊपर स्थित होती है। 

एसआई जोड़ शरीर का वजन उठाते हैं और श्रोणि में भी वजन का फैलाव करते हैं। जो की शॉक अवशोषक के रूप में कार्य करते हैं और रीढ़ पर पड़ने वाले दबाव को कम करते हैं।

एसआई जोड़ों की हड्डियाँ असमान होती हैं और अलग तरीके से फिट होती हैं। एसआई जोड़ों में सभी हड्डियां मांसपेशियों और अतिरिक्त मजबूत स्नायुबंधन से जुड़ी होती हैं, जो स्थिरता प्रदान करती हैं और चलने फिरने को आसान बनाती हैं। एसआई जोड़ों की हड्डियाँ शरीर को सीधा रखने में मदद करती हैं। यहां तक कि बच्चे को जन्म देने के लिए भी आवश्यक है।

एसआई जोड़ों की हड्डियाँ स्वयं भी एक सुरक्षात्मक परत से ढकी होती हैं। एसआई जोड़ों की हड्डियों के बीच की जगह तरल पदार्थ से भरी होती है, जो हड्डियों को चिकनाहट प्रदान करती हैं। मस्तिष्क को दर्द के संकेत भेजने में भी इन हड्डियों का स्थान होता है।

जब एसआई जोड़ में हड्डियां अपनी जगह से हट जाती हैं, या जब उपास्थि टूट कर हड्डियों के अंदर चुभने लगती है तो असहनीय दर्द होता है।

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एक या दोनों एसआई जोड़ों की सूजन को सैक्रोइलियक जॉइंट डिसफंक्शन या सैक्रोइलाइटिस कहा जाता है। सैक्रोइलाइटिस निम्नलिखित कारणों से हो सकता है:  

  • पुराना ऑस्टियोआर्थराइटिस

अगर जोड़ों पर बहुत लंबे समय तक तनाव रहता है तो ये उपास्थि को खराब कर सकता है और ऑस्टियोआर्थराइटिस का कारण बन सकता है। उम्र बढ़ने के साथ ऑस्टियोआर्थराइटिस पूरे शरीर में एसआई जोड़, रीढ़ और अन्य जोड़ों को प्रभावित कर सकता है।

  • रीढ़ के जोड़ों में सूजन

एंकिलॉज़िंग स्पॉन्डिलाइटिस (एएस) एक ऑटोइम्यून बीमारी है जिसमें सूजन के साथ गठिया होता है। जो रीढ़ की हड्डी और जोड़ों को प्रभावित करती है। दर्द पैदा करने के अलावा, एएस में नई हड्डियाँ भी बनने लगती हैं जो रीढ़ में जोड़ों को जोड़ती हैं। हालांकि, एएस मुख्य रूप से एसआई जोड़ों को प्रभावित करता है,अन्य जोड़ों में सूजन पैदा करने के साथ ही ये अन्य अंगों और आंखों में भी सूजन पैदा कर सकता है। एएस एक दीर्घकालिक बीमारी है। इस में रुक-रुक कर हल्का या गंभीर दर्द हो सकता है। ये बीमारी युवा पुरुषों में सबसे अधिक देखी जाती है।

  • गाउट

जब शरीर में यूरिक एसिड बहुत बढ़ जाता है तो गाउट या गठिया गठिया हो सकता है। इस बीमारी की विशेषता जोड़ों का गंभीर दर्द है। गाउट हमेशा पैर के अंगूठे को सबसे पहले प्रभावित करता है, लेकिन इससे एसआई जोड़ सहित सभी जोड़ प्रभावित हो सकते हैं।

  • चोट

एसआई जोड़ किसी चोट के लगने से भी आघात हो सकते हैं, जिसमें गिरने और कार दुर्घटनाओं के कारण लगने वाली चोटें आम हैं ।

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  • गर्भावस्था

 गर्भावस्था के दौरान निकलने वाला एक हार्मोन रिलैक्सिन, एसआई जोड़ों को अधिक लचीला बनाता है। यह बच्चे के जन्म को आसान बनाने के लिए श्रोणि को चौड़ा करता है। गर्भावस्था में माँ का वजन बढ़ना और शिशु के वजन के अनुरूप शरीर की बढ़ती गति के कारण एसआई जोड़ों में दर्द हो सकता है। जिन गर्भवती महिलाओं को दर्द का अनुभव होता है, उनमें एसआई जोड़ों में गठिया होने का खतरा अधिक होता है और गर्भावस्था के दौरान वक्त के साथ खतरा बढ़ता जाता है।

  • चलने का पैटर्न

असामान्य रूप से चलने से एसआई जोड़ों का दर्द हो सकता है। पैर की लंबाई में विसंगति, घुटने, कूल्हे या टखने का आपस में जुड़ा होना या दर्द के कारण एक पैर का टेढ़ा होना जैसी समस्याओं के कारण लोग असामान्य रूप से चलते हैं। इन समस्याओं को ठीक करने से एसआई जोड़ों का दर्द ठीक हो जाता है।

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एसआई जोड़ों के दर्द के कुछ मामलों को रोका नहीं जा सकता, क्योंकि वे अन्य पुरानी स्थितियों के कारण होते हैं। फिर भी चुस्त और सक्रिय रहने से जोड़ों के दर्द से बचने में मदद मिल सकती है, व्यायाम और स्वस्थ जीवन शैली अपनाकर एसआई जोड़ों के दर्द को कम किया जा सकता है।    सबसे सही रहेगा अगर शरीर का वजन हमेशा नियंत्रित रहे।  

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प्रत्येक व्यक्ति में एसआई जोड़ों के दर्द के अलग लक्षण दिखाई दे सकते हैं। कुछ सामान्य लक्षण हैं: 

  • पीठ के निचले हिस्से में दर्द
  • नितंबों, कूल्हों और श्रोणि में दर्द

  • कमर दर्द

  • सिर्फ एसआई जोड़ों में दर्द 

  • बैठने या खड़े होने पर दर्द 

  • श्रोणि में कठोरता या जलन

  • सुन्नता 

  • कमजोरी

  • जांघों और ऊपरी टांगों में दर्द

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एसआई जोड़ों के दर्द के परीक्षण करना कभी कभी मुश्किल हो सकता है क्यूंकी जोड़ शरीर में गहराई में स्थित होते हैं। अक्सर, जोड़ों की क्षति एक्स-रे, एमआरआई या सीटी स्कैन जैसे इमेजिंग परीक्षणों पर दिखाई नहीं देती है। सूजन वाले एसआई जोड़ के लक्षण भी , उभरी हुई डिस्क और कूल्हे के गठिया जैसी स्थिति के समान होते हैं।  

एसआई जोड़ों के दर्द का परीक्षण करने के लिए डॉक्टर निम्नलिखित उपाय कर सकते हैं: 

  1. शारीरिक परीक्षण - डॉक्टर अलग अलग तरीके से हिलने-डुलने और खिंचाव करने के लिए कह सकते हैं , इससे उन्हें ये पता लगाने में मदद मिलेगी कि आपको कहाँ दर्द हो रहा है?
  2. सुन्न करने वाली दवाइयाँ - यदि लिडोकेन जैसी सुन्न करने वाली दवा को एसआई जोड़ में  इंजेक्ट करने से थोड़े समय के बाद दर्द दूर हो जाता है, तो संभवतः आपको एसआई जोड़ की   समस्या है।
  3. इमेजिंग परीक्षण - . इसमें एक्स-रे, एमआरआई और सीटी स्कैन शामिल हैं।

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  • थेरेपी, व्यायाम, और देखभाल

थेरेपी, योग जैसे व्यायाम , और मालिश एसआई जोड़ों को स्थिर और मजबूत करने और दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं। दर्द से राहत पाने के लिए कोल्ड पैक का उपयोग किया जा सकता है।दर्द को कम करने के लिए हीटिंग पैड या हीट रैप का उपयोग किया जा सकता है ताकि जोड़ों को गर्मी महसूस हो खास कर सर्दी के मौसम में। गर्मी और ठंड दोनों ही जोड़ों के दर्द को कम कर सकते हैं। एसआई जोड़ को सहारा देने के लिए सैक्रोइलियक बेल्ट भी पहन सकते हैं, जो दर्द को कम करने में मदद कर सकता है।

  • दवा और गैर-सर्जिकल उपचार

           इनमें शामिल है: 

  • सूजन-रोधी दवाएं, जैसे एस्पिरिन, इबुप्रोफेन और नेप्रोक्सन 
  • मांसपेशियों को आराम देने वाली दवाएँ 

  • मौखिक स्टेरॉयड

  • ट्यूमर नेक्रोसिस फैक्टर इनहिबिटर (टीएनएफ इनहिबिटर)।

  • जोड़ में कॉर्टिकोस्टेरॉयड इंजेक्शन

  • रेडियोफ्रीक्वेंसी एब्लेशन, जो दर्द का कारण बनने वाली नसों को निष्क्रिय कर देता है। 

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  • शल्य चिकित्सा या सर्जरी 

सैक्रोइलियक जोड़ों को जोड़ने के लिए सर्जरी ही अंतिम उपाय होता है जिसमें , छोटी प्लेटें और पेंच डाले जाते हैं जो एसआई जोड़ में हड्डियों को एक साथ रखते हैं ताकि हड्डियां आपस में जुड़ जाएं। यदि दर्द पुराना है और किसी और तरीके से दर्द कम नहीं हो रहा है तो डॉक्टर सर्जरी का सुझाव दे सकते हैं।

एसआई जोड़ों को जोड़ कर दर्द को कम किया जा सकता है लेकिन इससे चलने की गति थोड़ी कम हो सकती है।

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एसआई जोड़ों का दर्द कम समय के लिए हो सकता है, खासकर जब यह गर्भावस्था, चोट या तनाव के कारण होता है। सही उपचार से दर्द से काफी हद तक राहत मिल सकती है।

 
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