एक या दोनों एसआई जोड़ों की सूजन को सैक्रोइलियक जॉइंट डिसफंक्शन या सैक्रोइलाइटिस कहा जाता है। सैक्रोइलाइटिस निम्नलिखित कारणों से हो सकता है:
अगर जोड़ों पर बहुत लंबे समय तक तनाव रहता है तो ये उपास्थि को खराब कर सकता है और ऑस्टियोआर्थराइटिस का कारण बन सकता है। उम्र बढ़ने के साथ ऑस्टियोआर्थराइटिस पूरे शरीर में एसआई जोड़, रीढ़ और अन्य जोड़ों को प्रभावित कर सकता है।
एंकिलॉज़िंग स्पॉन्डिलाइटिस (एएस) एक ऑटोइम्यून बीमारी है जिसमें सूजन के साथ गठिया होता है। जो रीढ़ की हड्डी और जोड़ों को प्रभावित करती है। दर्द पैदा करने के अलावा, एएस में नई हड्डियाँ भी बनने लगती हैं जो रीढ़ में जोड़ों को जोड़ती हैं। हालांकि, एएस मुख्य रूप से एसआई जोड़ों को प्रभावित करता है,अन्य जोड़ों में सूजन पैदा करने के साथ ही ये अन्य अंगों और आंखों में भी सूजन पैदा कर सकता है। एएस एक दीर्घकालिक बीमारी है। इस में रुक-रुक कर हल्का या गंभीर दर्द हो सकता है। ये बीमारी युवा पुरुषों में सबसे अधिक देखी जाती है।
जब शरीर में यूरिक एसिड बहुत बढ़ जाता है तो गाउट या गठिया गठिया हो सकता है। इस बीमारी की विशेषता जोड़ों का गंभीर दर्द है। गाउट हमेशा पैर के अंगूठे को सबसे पहले प्रभावित करता है, लेकिन इससे एसआई जोड़ सहित सभी जोड़ प्रभावित हो सकते हैं।
एसआई जोड़ किसी चोट के लगने से भी आघात हो सकते हैं, जिसमें गिरने और कार दुर्घटनाओं के कारण लगने वाली चोटें आम हैं ।
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गर्भावस्था के दौरान निकलने वाला एक हार्मोन रिलैक्सिन, एसआई जोड़ों को अधिक लचीला बनाता है। यह बच्चे के जन्म को आसान बनाने के लिए श्रोणि को चौड़ा करता है। गर्भावस्था में माँ का वजन बढ़ना और शिशु के वजन के अनुरूप शरीर की बढ़ती गति के कारण एसआई जोड़ों में दर्द हो सकता है। जिन गर्भवती महिलाओं को दर्द का अनुभव होता है, उनमें एसआई जोड़ों में गठिया होने का खतरा अधिक होता है और गर्भावस्था के दौरान वक्त के साथ खतरा बढ़ता जाता है।
असामान्य रूप से चलने से एसआई जोड़ों का दर्द हो सकता है। पैर की लंबाई में विसंगति, घुटने, कूल्हे या टखने का आपस में जुड़ा होना या दर्द के कारण एक पैर का टेढ़ा होना जैसी समस्याओं के कारण लोग असामान्य रूप से चलते हैं। इन समस्याओं को ठीक करने से एसआई जोड़ों का दर्द ठीक हो जाता है।
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