स्लीपिंग डिसऑर्डर को इंसोमनिया भी कहा जाता है. यह नींद आने की समस्या है. ऐसे में मरीज की स्थित को देखते हुए डॉक्टर नींद की दवा दे सकते हैं, जिसे ट्रैंक्विलाइजर, स्लीपिंग मेडिसीन या स्लीपिंग एड्स के नाम से जाना जाता है. डॉक्टर द्वारा सुझाई जाने वाली आम नींद की गोलियों में एमाजेपम, सिलेनोर व रोजेरेम आदि हैं. इन गोलियों के सेवन से कुछ समय के लिए नींद से जुड़ी समस्याओं का समाधान हो जाता है, लेकिन लंबे समय तक इन गोलियों के सेवन से डायरिया, कब्ज और मसल्स में कमजोरी जैसी समस्याएं भी हो सकती है.
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आज इस लेख में आप जानेंगे कि नींद की गोली के फायदे व नुकसान क्या-क्या हैं -
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