इनसोम्निया यानी अनिद्रा एक सामान्य नींद विकार है. इस स्थिति में व्यक्ति को नींद नहीं आती है और अगर आती भी है, तो थोड़ी देर बाद खुल जाती है. तनाव और खराब लाइफस्टाइल को अनिद्रा का मुख्य कारण माना जाता है. आजकल हर दूसरा व्यक्ति अनिद्रा का सामना कर रहा है. एक रिसर्च के अनुसार लगभग 50 प्रतिशत लोग अनिद्रा से जूझ रहे हैं. वैसे तो अनिद्रा की समस्या किसी को भी हो सकती है, लेकिन महिलाओं और बुजुर्गों में यह अधिक देखने को मिलती है. अनिद्रा की समस्या कुछ दिन, हफ्ते या वर्षों तक रह सकती है. अनिद्रा की समय सीमा को ध्यान में रखकर इसे अलग-अलग तरह से जाना जाता है. इसमें एक्यूट और क्रोनिक इनसोम्निया आम है.न

नीले रंग के लिंक पर क्लिक कर आप जान पाएंगे इनसोम्निया का इलाज.

आज इस लेख में आप एक्यूट इनसोम्निया के लक्षण, कारण व इलाज के बारे में विस्तार से जानेंगे -

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  1. एक्यूट इनसोम्निया क्या है?
  2. एक्यूट इनसोम्निया के लक्षण
  3. एक्यूट इनसोम्निया के कारण
  4. एक्यूट इनसोम्निया का इलाज
  5. सारांश
एक्यूट इनसोम्निया के लक्षण, कारण व इलाज के डॉक्टर

एक्यूट इनसोम्निया को तीव्र अनिद्रा के रूप में भी जाना जाता है. एक्यूट इनसोम्निया की समस्या अधिकतर लोगों में देखने को मिल सकती है. यह कुछ दिनों से लेकर हफ्तों तक रह सकती है. यह इनसोम्निया का सबसे आम प्रकार है. एक्यूट इनसोम्निया की समस्या तब होती है, जब कोई व्यक्ति तनाव में रहता है या उसे कोई बात परेशान करती है. इसके अलावा, नई जगह पर सोना और कुछ दवाइयां या मेडिकल कंडीशन भी एक्यूट इनसोम्निया का कारण बन सकती हैं. यह स्थिति गंभीर नहीं होती है और कुछ दिनों में ठीक हो जाती है, लेकिन अगर इसे समय पर ठीक न किया जाए, तो यह क्रोनिक इनसोम्निया का रूप ले सकती है.

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एक्यून इनसोम्निया का मुख्य लक्षण रात को नींद न आना होता है. इस स्थिति में व्यक्ति को बेचैनी आदि महसूस हो सकती है. एक्यूट इनसोम्निया के लक्षण इस प्रकार हैं -

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तनाव को एक्यूट इनसोम्निया का सबसे आम कारण माना जाता है. इसके अलावा, कुछ शारीरिकव मनोवैज्ञानिक कारण भी एक्यूट इनसोम्निया को जन्म दे सकते हैं, लेकिन इन सभी कारणों को दूर करके एक्यूट इनसोम्निया का इलाज किया जा सकता है. एक्यूट इनसोम्निया के निम्न कारण हो सकते हैं -

वातावरण में बदलाव

हम सभी को अपने बेड पर सोने की आदत होती है. वहीं, जब हम होटल या किसी रिश्तेदार के घर जाते हैं, तो इस स्थिति में वातावरण में बदलाव होने पर एक्यूट इनसोम्निया की समस्या हो सकती है. इसके अलावा, शोर, लाइट व तापमान में बदलाव की वजह से भी नींद आना मुश्किल हो जाता है.

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दवाइयां

कुछ दवाइयां नींद को प्रभावित कर सकती हैं. इस स्थिति में व्यक्ति को देर रात तक नींद आने में परेशानी होती है. इसलिए, कुछ दवाइयों को भी एक्यूट इनसोम्निया का कारण माना जाता है.

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कैफीन और निकोटीन

जो लोग अधिक मात्रा में कैफीन या निकोटीन लेते हैं, उन्हें रात में नींद आने में दिक्कत हो सकती है. कैफीन और निकोटीन एक्यूट इनसोम्निया का कारण बन सकते हैं. खासकर, अगर कैफीन और निकोटीन को रात को सोते समय लिया जाता है, तो इससे नींद बाधित हो सकती है. इसलिए, अच्छी नींद के लिए कैफीन का सेवन कम मात्रा में करें. साथ ही निकोटीन और शराब के सेवन से पूरी तरह से बचें.

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तनाव और दर्द

तनाव और चिंता को एक्यूट इनसोम्निया का सबसे मुख्य कारण माना जाता है. जो लोग तनाव में रहते हैं, उन्हें अक्सर रात में नींद आने में परेशानी होती है. लंबे समय तक तनाव में रहने से व्यक्ति क्रोनिक इनसोम्निया से पीड़ित हो सकता है. इस स्थिति में व्यक्ति को रातभर नींद नहीं आती है और यह समस्या वर्षों तक रह सकती है. इसलिए, अच्छी और सुकूनभरी नींद के लिए तनाव मुक्त होना जरूरी होता है. इसके लिए आप योगमेडिटेशन और एक्सरसाइज की प्रैक्टिस कर सकते हैं. इसके अलावा, अगर शरीर के किसी हिस्से में दर्द होता है, तो भी एक्यूट इनसोम्निया हो सकता है. इस स्थिति में व्यक्ति को दर्द की वजह से नींद नहीं आ पाती है.

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रात में पेशाब आना

कुछ लोगों को रात में साेते हुए बार-बार पेशाब करने जाना पड़ता है. बार-बार पेशाब आना नींद में खलल पैदा कर करता है. इससे व्यक्ति की बार-बार नींद टूटती है और उसे दोबारा नींद आने में समय लगता है. इसलिए, रात में पेशाब आने को भी एक्यूट इनसोम्निया का एक कारण माना गया है.

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एक्यूट इनसोम्निया का इलाज संभव हो सकता है, क्योंकि यह इनसोम्निया का शुरुआती चरण होता है. एक्यूट इनसोम्निया का इलाज इसके कारण को ध्यान में रखकर किया जाता है. एक्यूट इनसोम्निया का इलाज करने के लिए डॉक्टर स्ट्रेस फ्री रहने की सलाह दे सकते हैं. साथ ही रात में कैफीन और निकोटिन से परहेज करने को कह सकते हैं. अगर इसके बाद भी नींद नहीं आती है, तो एक्यूट इनसोम्निया का इलाज इस तरह से किया जा सकता है -

स्लीपिंग पिल्स

वैसे तो एक्यूट इनसोम्निया की समस्या कुछ हफ्तों तक रहती है और खुद ही ठीक हो जाती है. वहीं, अगर अनिद्रा तीन महीने से अधिक समय तक रहती है, तो यह क्रोनिक इनसोम्निया की स्टेज पर पहुंच सकती है. इस स्थिति में डॉक्टर स्लीपिंग पिल्स लेने की सलाह दे सकते हैं, लेकिन बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी दवा लेने से बचना चाहिए.

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कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी

कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी (सीबीटी) की मदद से भी एक्यूट इनसोम्निया का इलाज किया जा सकता है. इस स्थिति में मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट्स व्यक्ति से बातचीत करके तनाव को कम करने में मदद करते हैं. इससे आपको तनाव कम करने में मदद मिलेगी और नींद अच्छी आएगी.

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नींद न आने की समस्या को प्राकृतिक रूप से बने सप्लीमेंट के जरिए ठीक किया जा सकता है और इसके लिए आप स्प्राउट मलाटोनिन पर भरोसा कर सकते हैं -

अनिद्रा एक सामान्य समस्या बन गई है. अधिकतर लोग तीव्र अनिद्रा का सामना कर रहे हैं. तनाव को एक्यूट इनसोम्निया का मुख्य कारण माना जाता है. इस स्थिति में आपको रात को सोने में परेशानी हो सकती है या फिर बार-बार नींद टूट सकती है. ऐसे में तनाव कम करके इस समस्या का इलाज संभव हो सकता है. इसके लिए योग का सहारा लिया जा सकता है. वहीं, अगर लंबे समय से नींद आने में दिक्कत हो रही है, तो इस स्थिति को बिल्कुल भी नजरअंदाजन न करें. डॉक्टर से संपर्क करें और जल्द-से-जल्द इलाज करवाएं.  

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