थायरायड ग्रंथि इंसान के शरीर के सबसे अहम अंगों में से एक है क्योंकि यह शरीर की विभिन्न क्रियाओं को नियमित करने में मदद करती है। थायरायड, तितली के आकार का अंग है जो हमारे में गले में कंठ के ठीक नीचे स्थित होता है। थायरायड ग्रंथि 2 हार्मोन्स रिलीज करती है- टी3 (थायरॉक्सिन) और टी4 (ट्रियोडोथायरोनिन) जिन्हें थायराइड स्टिम्युलेटिंग हार्मोन (टीएसएच) मेनटेन करने में मदद करता है। 
 
ज्यादातर मामलों में शरीर में थायरायड से जुड़ी समस्या हाइपोथायरायडिज्म की होती है जिसमें शरीर में थायरॉक्सिन हार्मोन के उत्पादन की कमी हो जाती है तो वहीं कुछ मामलों में हाइपरथायरायडिज्म होता है जिसमें शरीर में थायरॉक्सिन हार्मोन का अधिक उत्पादन होने लगता है। हाइपोथायरायडिज्म में मरीज का वजन तेजी से बढ़ने लगता है और उसे ठंड अधिक लगती है तो वहीं, हाइपरथायरायडिज्म में मरीज का वजन कम होने लगता है और वह गर्मी बर्दाश्त नहीं कर पाता। हाइपोथायरायडिज्म यानी शरीर में थायरॉक्सिन हार्मोन की कमी की समस्या ज्यादा कॉमन है। 
 
 
हाइपोथायरायडिज्म से पीड़ित ज्यादातर लोगों को आर्टिफिशल थायरॉक्सिन हार्मोन-लेवोथायरॉक्सिन-लेने की जरूरत पड़ती है ताकि उनके शरीर में थायरायड हार्मोन का लेवल बना रहे। हालांकि लोग अक्सर दवा लेने के दौरान कुछ सामान्य सी गलतियां कर देते हैं जिसकी वजह से उन्हें बाद में नुकसान उठाना पड़ता है। कौन सी हैं वे गलतियां इस बारे में यहां पढ़ें।
  1. हाइपोथायरायडिज्म की दवा को नियमित रूप से न लेना - Not taking hypothyroidism medicines regularly in Hindi
  2. डॉक्टर से पूछे बिना दवा का सेवन बंद करना - Stopping the medicine without consulting doctor in Hindi
  3. हाइपोथायरायडिज्म की दवा के साथ अन्य दवाइयां लेना - Taking other medicines with hypothyroidism medication in Hindi
  4. हाइपोथायरायडिज्म की दवा को सही से स्टोर करके न रखना - Improper storage of hypothyroidism Medicine in Hindi
  5. डॉक्टर से पूछे बिना दवा का ब्रैंड या खुराक बदल देना - Changing the brand or dose without consulting doctor in Hindi
  6. हाइपोथायरायडिज्म की दवा बहुत ज्यादा लेना - Taking too much hypothyroidism Medicine in Hindi
  7. हाइपोथायरायडिज्म की दवा भोजन और नाश्ते के साथ लेना - Taking hypothyroidism medicine with meal and snacks in Hindi
  8. डॉक्टर से पूछे बिना डायट्री सप्लिमेंट्स का सेवन करना - Taking dietary supplements without consulting your doctor in Hindi
हाइपोथायरायडिज्म में दवा से जुड़ी गलतियां के डॉक्टर

अगर आप थायरायड की बीमारी को सही तरीके से और सफलतापूर्वक मैनेज करना चाहते हैं तो आपको थायरायड की दवा का एक समान खुराक के तौर पर बिना रुके लगातार सेवन करना चाहिए। थायरायड की दवा को रोजाना एक ही समय पर लेना चाहिए और वह भी खाली पेट सुबह का नाश्ता करने से 30 से 60 मिनट पहले। दवा की एक या दो खुराक स्किप कर देना या हर दिन अलग-अलग समय पर दवा का सेवन करना खतरनाक हो सकता है, साथ ही अगर दवा की खुराक को लगातार कई दिनों तक न लिया जाए तो इस वजह से शरीर में थायरायड का लेवल बहुत अधिक बाधित हो जाता है। लिहाजा आप चाहें तो एक स्पेशल अलार्म सेट कर लें ताकि आप अपनी रोजाना की दवा की खुराक लेना न भूलें और उसे हर दिन एक ही समय पर लें।

(और पढ़ें- थायरायड कम करने के उपाय)

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Urjas Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को सेक्स समस्याओं के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
Long Time Capsule
₹712  ₹799  10% छूट
खरीदें

कुछ लोग ये गलती भी करते हैं कि जैसे ही वे कुछ बेहतर महसूस करने लगते हैं वे दवा का सेवन करना बंद कर देते हैं। यह एक कॉमन गलती है जो सिर्फ हाइपोथायरायडिज्म की दवा लेने वाले मरीज ही नहीं करते बल्कि अन्य बीमारियों का इलाज करा रहे ज्यादातर लोग करते हैं। डॉक्टर से पूछे बिना अपने मन से थायरायड की दवाइयों का सेवन बंद बिलकुल न करें। इसका कारण ये है कि जब आप थायरायड की दवा लेना शुरू करते हैं तो शरीर में थायरायड स्टिम्युलेटिंग हार्मोन (टीएसएच) के लेवल में थोड़ी बहुत बढ़ोतरी होने लगती है लेकिन आपके शरीर को अब भी नियमित रूप से दवा की जरूरत है ताकि टीएसएच का लेवल बना रहे। कई बार तो हाइपोथायरायडिज्म की दवा जीवनभर लेनी पड़ती है इसलिए दवा की खुराक में किसी भी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

(और पढ़ें- महिलाओं में थायराइड क्यों होता है)

ऐसी कई दवाइयां और सप्लिमेंट्स हैं जो शरीर में आर्टिफिशल थायरॉक्सिन हार्मोन-लेवोथायरॉक्सिन के अवशोषण को कम कर सकती हैं अगर इन दवाओं को एक साथ लिया जाए। इनमें कैल्शियम सप्लिमेंट्स, एंटासिड जिसमें एल्यूमिनम, सुक्राल्फेट (आंत के अल्सर के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा), आयरन सप्लिमेंट्स, कोलेस्टाइरामिन (शरीर में कोलेस्ट्रॉल कम करने की दवा), सिप्रोफ्लोक्सासिन (एंटीबायोटिक), रैलोक्सिफिन (ऑस्टियोपोरोसिस की दवा) और कुछ एंटीडिप्रेसेंट्स शामिल हैं। अपने डॉक्टर से इस बारे में बात करें कि क्या आप इन दवाओं के सेवन से परहेज कर सकते हैं और अगर इन दवाओं को लेना बेहद जरूरी हो तो इन दवायों को हाइपोथायरायडिज्म की दवा लेने से 4 घंटे पहले या 4 घंटे बाद में सेवन करें।

(और पढ़ें - कोलेस्ट्रॉल कम करने के उपाय)

थायरायड की दवाइयों को किसी साफ-सुथरी और सूखी जगह पर जहां अंधेरा हो वहां पर मध्यम श्रेणी के तापमान पर रखना चाहिए क्योंकि अगर आप इन दवाइयों को सही तरीके से स्टोर करके नहीं रखेंगे तो दवा अपना असर खो देगी। इसका मतलब ये हुआ कि आपको अपनी थायरायड की दवा को ऐसी जगह पर बिलकुल नहीं रखना चाहिए जहां पर सूरज की सीधी रोशनी आती हो जैसे- खिड़की के आसपास की जगह या फिर वैसी जगह पर जहां का तापमान घटता-बढ़ता रहता हो जैसे- कार या फिर उच्च नमी वाली जगह जैसे बाथरूम आदि।

(और पढ़ें- थायराइड कैंसर का इलाज)

सभी दवाइयां फिर चाहे वह ब्रैंडेड हो या जेनेरिक- उसमें एक जैसी दवा ही होती है लेकिन कुछ इंडोक्रिनोलॉजिस्ट्स का मानना है कि थायरायड की सभी दवाइयां एक जैसी नहीं होती हैं। भले ही उसके अंदर मौजूद दवा सेम हो, लेकिन अलग-अलग ब्रैंड्स में हार्मोन की मात्रा अलग-अलग हो सकती है। यह भी देखने में आया है कि अलग-अलग ब्रैंड की दवा के प्रति मरीज का शरीर अलग-अलग तरीके से प्रतिक्रिया देता है इसलिए अपने डॉक्टर से पूछे बिना दवा में किसी तरह का कोई बदलाव न करें। इसके अतिरिक्त चूंकि थायरायड की दवा को नतीजे दिखाने में काफी लंबा समय लगता है इसलिए आपको दवा की खुराक को लेकर जल्दबाजी में कोई फैसला या बदलाव नहीं करना चाहिए। दवा की खुराक कम कर देने से दवा से आपका जल्दी पीछा नहीं छूटेगा और अगर दवा की खुराक को बढ़ा दिया जाए तो इलाज जल्दबाजी में और फटाफट नहीं होगा। इसलिए अपने डॉक्टर के संपर्क में रहें, उन्हें बीमारी से जुड़ी जो भी बेहतर चीजें हो रही हैं उनके बारे में और आप कैसा महसूस कर रहे हैं इस बारे में बताएं और उनके के सुझाव के अनुसार ही दवा की खुराक में कोई बदलाव करें।

वैसे तो ज्यादातर दवा कंपनियों का यही कहना है कि अगर आप गलती से आर्टिफिशल थायरॉक्सिन हार्मोन लेवोथायरॉक्सिन की अतिरिक्त खुराक ले लेते हैं तो यह हानिकारक नहीं होगा, लेकिन अगर आप डॉक्टर द्वारा प्रिस्क्राइब की गई खुराक से ज्यादा दवा नियमित रूप से लेते रहेंगे और ये सोचेंगे कि यह तो हानिरहित है तो आपका सोचना पूरी तरह से गलत है। अगर नियमित रूप से थायरायड की दवा का अधिक मात्रा में सेवन किया जाए तो इसकी वजह से थकान, हड्डियों की कमजोरी या हानि, नींद की बीमारी, अनियमित दिल की धड़कन, घबराहट और कंपकंपी महसूस होना, ऐंग्जाइटी और हृदय को नुकसान जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। इसलिए डॉक्टर द्वारा प्रिस्क्राइब की गई खुराक में ही दवा का सेवन करें। अगर प्रिस्क्राइब खुराक लेने के बाद भी आपको ये सभी लक्षण महसूस हो रहे हैं तो तुरंत डॉक्टर से बात करें और पता लगाएं कि क्या आपको अपने इलाज में किसी तरह का बदलाव करने की जरूरत है।

(और पढ़ें - अच्छी नींद लाने के तरीके)

आप किस ब्रैंड की थायरायड दवा ले रहे हैं इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि सिंथेटिक थायरायड हार्मोन को इस तरह से बनाया गया है कि उसे खाली पेट किसी भी तरह के भोजन से 45 से 60 मिनट पहले लेना होता है। अगर आप भोजन या नाश्ते के साथ दवा का सेवन करेंगे या फिर खाने के तुरंत बाद दवा खाएंगे तो दवा का अवशोषण सही तरीके से नहीं होगा। ऐसा होने पर कई तरह की जटिलताएं हो सकती हैं या फिर इलाज निष्प्रभावी हो सकता है। ऐसा न हो यह सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है कि आप सुबह उठते के साथ ही खाली पेट में थायरायड की दवा का सेवन कर लें।

(और पढ़ें- खाली पेट क्या खाएं)

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Urjas Energy & Power Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को शारीरिक व यौन कमजोरी और थकान जैसी समस्या के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
Power Capsule For Men
₹719  ₹799  10% छूट
खरीदें

डायट्री सप्लिमेंट्स लेने का असर इस बात पर पड़ सकता है कि आपका शरीर किस तरह से थायरायड की दवा का अवशोषण करता है खासकर तब जब आप ऐसे सप्लिमेंट्स का सेवन कर रहे हों जिसमें आयोडीन मौजूद हो। आयोडीन एक सूक्ष्म पोषक तत्व जो शरीर में थायरायड हार्मोन के लेवल को घटा-बढ़ा सकता है। इसलिए आयोडीन के लेवल पर नजर रखें और किसी भी तरह के डायट्री सप्लिमेंट्स के सेवन के बारे में तुरंत डॉक्टर को सूचना दें।

(और पढ़ें- थायराइड के लिए योग)

Dr. Narayanan N K

Dr. Narayanan N K

एंडोक्राइन ग्रंथियों और होर्मोनेस सम्बन्धी विज्ञान
16 वर्षों का अनुभव

Dr. Tanmay Bharani

Dr. Tanmay Bharani

एंडोक्राइन ग्रंथियों और होर्मोनेस सम्बन्धी विज्ञान
15 वर्षों का अनुभव

Dr. Sunil Kumar Mishra

Dr. Sunil Kumar Mishra

एंडोक्राइन ग्रंथियों और होर्मोनेस सम्बन्धी विज्ञान
23 वर्षों का अनुभव

Dr. Parjeet Kaur

Dr. Parjeet Kaur

एंडोक्राइन ग्रंथियों और होर्मोनेस सम्बन्धी विज्ञान
19 वर्षों का अनुभव

संदर्भ

  1. Jonklaas, Jacqueline. et al. Guidelines for the Treatment of Hypothyroidism: Prepared by the American Thyroid Association Task Force on Thyroid Hormone Replacement. Thyroid. 2014 Dec 1; 24(12): 1670–1751. PMID: 25266247
  2. Barrett, Nicholas A. et al. Management of long-term hypothyroidism: a potential marker of quality of medicines reconciliation in the intensive care unit. Int J Pharm Pract . 2012 Oct;20(5):303-6. PMID: 22953769
  3. Ramadhan, Abdulaziz and Tamilia, Michael. Treatment-refractory hypothyroidism. CMAJ. 2012 Feb 7; 184(2): 205–209. PMID: 22158401
  4. Park, So Hyun and Hong, Song Hee. Identification of Primary Medication Concerns Regarding Thyroid Hormone Replacement Therapy From Online Patient Medication Reviews: Text Mining of Social Network Data. J Med Internet Res. 2018 Oct; 20(10): e11085. PMID: 30355555
  5. Clemens, Kristin and Uum, Stan Van. A pituitary mass as consequence of a decimal error in levothyroxine dose. CMAJ. 2012 Feb 7; 184(2): 210. PMID: 22249983
  6. Jonklaas, Jacqueline. Update on the Treatment of Hypothyroidism. Curr Opin Oncol. 2016 Jan; 28(1): 18–25. PMID: 26544166
  7. Ala, Shahram. et al. Dose administration time from before breakfast to before dinner affect thyroid hormone levels?. Caspian J Intern Med. 2015 Summer; 6(3): 134–140. PMID: 26644879
  8. Hoermann, Rudolf. et al. Individualised requirements for optimum treatment of hypothyroidism: complex needs, limited options. Drugs Context. 2019; 8: 212597. PMID: 31516533
ऐप पर पढ़ें