अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (एएचए) के एक अध्ययन के अनुसार, अनिद्रा (नींद न आना) से ग्रस्त लोगों में कोरोनरी आर्टरी डिजीज (धमनी की बीमारी), हार्ट फेल और स्ट्रोक का खतरा ज्यादा रहता है। एएचए के शोधकर्ताओं ने इस शोध में लगभग 13 लाख स्वस्थ और हृदय रोग से ग्रस्त दोनों तरह के लोगों को शामिल किया था। इस दौरान शोधकर्ताओं ने जींस के आधार पर उन लोगों की पहचान की जो अनिद्रा की चपेट में आ सकते थे।
स्वीडन के स्टॉकहोम में कारोलिंस्का इंस्टीट्यूट में कार्डियोवस्कुलर एंड न्यूट्रिशनल एपिडेमियोलॉजी के असिस्टेंट प्रोफेसर और इस अध्ययन के प्रमुख लेखक सुसैन लार्सन ने कहा कि 'अनिद्रा के मुख्य कारणों को समझकर उनका उपचार करके स्वास्थ्य को बेहतर किया जा सकता है। लार्सन एट अल द्वारा किया गया यह अध्ययन "जेनेटिक लायबिलिटी टू इनसोम्निया एंड कार्डियोवस्कुलर डिजीज" में प्रकाशित हुआ था।
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