सिरदर्द एक आम समस्या है। सिरदर्द होने पर कान, गर्दन के निचले हिस्से और माथे तक में दर्द हो सकता है। कुछ लोगों को हल्का सिरदर्द होता है तो कुछ लोगों को बहुत तेज दर्द महसूस होता है। यह दर्द आधे घंटे से लेकर पूरे दिन तक तक रह सकता है। मेयो क्लीनिक के अनुसार सिरदर्द के कई प्रकार हैं, जिसमें से सबसे आम है तनाव के कारण पैदा हुआ सिरदर्द।
इसमें तनाव, मांसपेशियों पर दबाव पड़ने और चिंता की वजह से सिर में दर्द होता है। सिरदर्द की ही तरह अक्सर लोग माइग्रेन से भी पीड़ित रहते हैं। माइग्रेन का दर्द घंटों से लेकर हफ्तों तक रह सकता है। इसी वजह से ज्यादातर लोग यह नहीं समझ पाते हैं कि सिरदर्द और माइग्रेन के दर्द के बीच क्या फर्क होता है। आइए जानते हैं कि सिरदर्द और माइग्रेन के बीच क्या फर्क है।
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सिरदर्द के प्रकार
- तनाव से जुड़े सिरदर्द को टेंशन टाइप हेडेक भी कहा जाता है। सिरदर्द का यह सबसे आम रूप है। जैसा कि ऊपर भी जिक्र किया गया है कि ज्यादातर लोग अपने जीवनकाल में कभी न कभी तनाव की वजह से सिरदर्द का अनुभव जरूर करते हैं। (और पढ़ें - सिर दर्द होने पर क्या करना चाहिए)
- माइग्रेन में होने वाला दर्द तनाव से जुड़े सिरदर्द से अलग है। माइग्रेन का दर्द लोगों को कम होता है। यह दर्द सामान्य सिरदर्द से भिन्न होता है।
- क्लस्टर हेडेक, सिरदर्द का एक भयावह रूप है। आमतौर पर यह दर्द रोज होता है। ज्यादा दवाई खाने की वजह से इस तरह का दर्द हो सकता है। हालांकि, तनाव और माइग्रेन से जुड़े सिरदर्द की तुलना में क्लस्टर सिरदर्द कम होता है।
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माइग्रेन और सिरदर्द में क्या फर्क है?
माइग्रेन और सामान्य सिरदर्द का अहसास लगभग एक जैसा होता है। आपको इसमें हल्का, सामान्य या तेज सिरदर्द हो सकता है। हालांकि, दर्द सिर के अलग-अलग हिस्सों में भी हो सकता है या फिर सिर के दोनों हिस्सों में दर्द महसूस हो सकता है। इसके बावजूद माइग्रेन और सिरदर्द के बीच फर्क होता है। माइग्रेन का दर्द होने पर ऐसा लगता है कि सिर की नसें फड़फड़ा रही हैं। कुछ लोग यह भी कहते हैं कि थकान वाला कोई काम करने (जैसे चलने या सीढ़ियां चढ़ने पर) से माइग्रेन का दर्द बढ़ सकता है।
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इसके विपरीत तनाव से जुड़े सिरदर्द की बात करें तो यह दर्द लंबे समय तक रह सकता है। इसमें कुछ लोग ऐसा महसूस करते हैं जैसे उनके सिर को किसी कपड़े से कसकर बांध दिया गया है।
सिरदर्द और माइग्रेन के लक्षणों के बीच फर्क
तनाव से जुड़े सिरदर्द और माइग्रेन के बीच एक ही समानता है कि ये दर्द सिर में होता है। इसके अलावा दोनों तरह के सिरदर्द के लक्षण और संकेत बिल्कुल अलग-अलग हैं।
माइग्रेन के लक्षण:
- मतली-उल्टी
- रोशनी, आवाज और गंध के प्रति संवेदनशीलता
- शारीरिक काम करने की वजह से दर्द का बढ़ना
तनाव से जुड़े सिरदर्द के लक्षण :
- इस तरह का दर्द होने पर सिर की मांसपेशियों, गर्दन और कंधे तक में दर्द हो सकता है
- शारीरिक गतिविधियों की वजह से दर्द में कोई बदलाव नहीं होता
- रोशनी, ध्वनि और गंध से इस तरह के सिरदर्द का कोई संबंध नहीं है
सिरदर्द और माइग्रेन के दर्द के कारण के बीच अंतर
डाॅक्टर्स का मानना है कि माइग्रेन मस्तिष्क के कुछ हिस्सों में रक्त प्रवाह में आए बदलाव के कारण होता है जिससे उस हिस्से की रक्त वाहिकाएं भी प्रभावित होती हैं। केमिकल रिएक्शन की वजह से भी रक्त वाहिकाओं में परेशानी और सूजन हो सकती है।
तनाव के कारण सिर में दर्द क्यों होता है, इसकी सही वजह का अब तक पता नहीं चला है। एक समय तक डाॅक्टरों का मानना था कि किसी अन्य बीमारी की वजह से मांसपेशियों में संकुचन होता है, जिससे सिरदर्द होता है लेकिन अब पता चला है कि कई अन्य गंभीर कारणों की वजह से ऐसा हो सकता है।
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माइग्रेन का कारण:
- चाॅकलेट, पीनट बटर, दुग्ध उत्पाद, खट्टे फल
- मासिक धर्म और गर्भावस्था के कारण हुए हार्मोन असंतुलन
- मौसम में परिवर्तन
- नींद की कमी
- सीलिएक रोग के मरीजों को ग्लूटेन की वजह से माइग्रेन हो सकता है। अपने आहार से ग्लूटेन को निकालकर देखें कि क्या तब भी आपको सिर में दर्द होता है या नहीं। (और पढ़ें - ग्लूटेन फ्री डाइट के फायदे)