समाज से सपोर्ट न मिले तो बीमारियों से लड़ना और मुश्किल हो सकता है। कम से कम डायबिटीज के मामले में ऐसा देखा गया है, जिसकी पुष्टि एक हालिया अध्ययन में की गई है। मेडिकल पत्रिका दि जर्नल ऑफ अमेरिकल ऑस्टियोपैथिक एसोसिएशन में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित जिन लोगों को अपने परिवार और दोस्तों से सपोर्ट नहीं मिलता, उन्हें इस बीमारी से लड़ने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इस अध्ययन में कहा गया है कि टाइप 2 डायबिटीज में स्वास्थ्य के रखरखाव के लिए मरीज को अपनी जीवनशैली में बदलाव करने पड़ते हैं, जो परिवार और दोस्तों के सहयोग के बिना बहुत मुश्किल होता है। अध्ययन में शोधकर्ताओं ने कहा है कि अगर ये लोग मरीज को पर्याप्त और उचित सामाजिक समर्थन न दें तो उनका डायबिटीज-संबंधी डिस्ट्रेस बढ़ जाता है। नतीजतन ट्रीटमेंट एक समान रूप से नहीं चल पाता। वहीं, उचित सोशल सपोर्ट मिलने पर यही डिस्ट्रेस कम होता जाता है।